पटौदी बार के ही एडवोकेटस का आरोप निर्माण में बड़ी कोताही.
बिल्डर का दावा असंतुष्ट वकीलों को दे चुके सभी जांच रिपोर्ट.
जिला सत्र न्यायधीश के संज्ञान में पहुंचा लायर्स चेंबर मामला  

फतह सिंह उजाला
पटौदी। 
पटौदी बार एसोसिएशन के तत्वाधान में नए ज्यूडिशल कंपलेक्स अथवा कोर्ट के बगल में बनाए जा रहे लायर्स चेंबर निर्माण का मामला दिन ब दिन तूल पकड़ता जा रहा है । अब देखना यह है कि मीडिया कर्मियों को असंतुष्ट खेमे के द्वारा भेजे गए लीगल नोटिस के बाद, क्या बिल्डर को भी लीगल नोटिस भेजा जाएगा ? यह देखना और जानना भी बहुत रोचक रहेगा ।

वही लायर्स चेंबर बनाने वाली कंपनी एसएसबी कंस्ट्रक्शन कंपनी के बिल्डर हरिओम यादव पहले ही कह चुके हैं कि यहां चेंबर निर्माण कार्य के दौरान पहले से ही सीमेंट कंक्रीट मिक्सर के सैंपल जांच के लिए भरवा कर और इनकी जांच रिपोर्ट यहां निर्माण के दौरान मौजूद रहने वाले विभिन्न वकीलों के हस्ताक्षर करवा कर सोंपे जा चुके हैं । बिल्डर हरिओम यादव ने तो यहां तक छूट दे दी है कि जब इस लायर्स चेंबर का पूरा निर्माण हो जाएगा , उसके बाद भी कोई भी पटौदी बार का सदस्य एडवोकेट निर्माण में इस्तेमाल की गई सामग्री की देश की किसी भी लेबोरेटरी में जांच करवाने के लिए स्वतंत्र है ।

इसी बीच में सूत्रों से मिली बेहद महत्वपूर्ण जानकारी के मुताबिक पटौदी लायर्स चेंबर निर्माण को लेकर लगाए रहे आरोप-प्रत्यारोप मीडिया में सामने आने के बाद, यह मामला भी जिला गुरुग्राम के जिला सत्र न्यायधीश और अतिरिक्त सत्र न्यायधीश के संज्ञान में पहुंच चुका है । इसी बीच में पटौदी बार एसोसिएशन के प्रेसिडेंट विशाल चैहान के द्वारा जानकारी दी गई है कि आगामी सप्ताह में लायर्स चेंबर के निर्माण कार्य को कभी भी फिर से आरंभ किया जा सकता है । पटौदी बार के ही सूत्रों के मुताबिक लॉयर्स चैंबर का मामला मीडिया के माध्यम से सामने आने के बाद कथित रूप से यहां खामियां निकालने वाले एडोवोकेटस के लिए भी अब और अधिक परेशानियां बढ़ती हुई दिखाई दे रही है । क्योंकि पटौदी बार एसोसिएशन के द्वारा पहले ही 42 चैंबर के आवेदन रद्द किए जा चुके हैं ।

सूत्रों के मुताबिक पटौदी कोर्ट में पहुंचे जिला सत्र न्यायाधीश और अतिरिक्त सत्र न्यायधीश के द्वारा भी अपनी नाराजगी जाहिर की जा चुकी है । सूत्रों के मुताबिक लायर्स चेंबर निर्माण को लेकर हाय तौबा मचाते आ रहे एडवोकेट्स को साफ साफ कहा गया कि यह पटौदी बार का मामला है , इस विवाद को वापस ने बैठकर सुलझाना बेहतर रहेगा । यदि यह मामला जिला सत्र न्यायिक अधिकारी के पास पहुंच गया तो, सभी के लिए परेशानी भी हो सकती है । सूत्रों के मुताबिक कथित विरोधी गुट के एडवोकेटस को अच्छी तरह से नसीहत दी गई । इसके बाद से विरोधी गुट के माने जा रहे हैं एडवोकेट पूरी तरह से बैकफुट पर पहुंच गए हैं ।

सूत्रों के मुताबिक जिन-जिन एडवोकेट के चेंबर के लिए आवेदन रद्द किए जा चुके हैं , अब उनके सामने समस्या यह है कि किस प्रकार से अपनी दावेदारी को फिर से पटौदी बार एसोसिएशन के सामने रखा जाए। वही सूत्रों के मुताबिक आगामी सप्ताह में पटौदी बार के पदाधिकारियों तथा विरोध में मोर्चा खोले एडवोकेट के प्रतिनिधिमंडल के बीच में भी बैठक बुलाया जाना प्रस्तावित है । इसी बैठक में विभिन्न मुद्दों पर बातचीत की जाएगी । सूत्रों के मुताबिक पहली शर्त यही होगी की बकाया किस्त की अदायगी एक साथ चेक के द्वारा की जाए और यदि किसी का भी चेक बाउंस होता है तो उसे यह लिखित में देना होगा कि वह चेंबर लेने के लिए कोई दावेदारी नहीं करेगा। अब देखना यह है कि लायर्स चेंबर निर्माण को लेकर खामियां निकालते आ रहे और पूरी तरह से बैकफुट पर पहुंच चुके एडवोकेट किस प्रकार से चेंबर प्राप्त करने की दौड़ में फिर से शामिल हो सकेंगे।

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