जर्जर हिस्सा साथ में बनी नगरपालिका की दुकान पर गिरा.
दिल्ली गेट की 4 करोड की लागत से मरम्मत कराई थी

फतह सिंह उजाला

पटौदी। हैरीटेज सिटी फर्रुखनगर की ऐतिहासिक ईमारत दिल्ली गेट बरसात के बाद भररा कर गिरने लगी है। करोडों रुपए की लागत के बाद भी ईमारत की हालत दिन प्रति दिन दयनीय होती जा रही है। दिल्ली गेट का उत्तर  साईड का हिस्सा शनिवार को सुबह गिरने लगा तो लोगों की भीड जमा हो गई। ईमारत का जर्जर हिस्सा साथ में बनी नगरपालिका की दुकान पर गिरा। गनीमत यह रही की मलवे के नीचे कोई व्यक्ति नहीं दबा। सूचना के बाद मौके पर पहुंची नगरपालिका की टीम ने मलवा हटाया और डेंजर हिस्से की जांच शुरु कर दी है।

दिल्ली गेट स्थित मार्किट के स्थानीय दुकानदारों की माने तो करीब 11 बजे सुबह आचनक दिल्ली गेट का उत्तरी हिस्सा अपने आप तेज धूप की चमक के साथ ही भरभरा का गिरने लगा और अचानक मार्किट में अफरा तफरी सी मच गई। दिल्ली गेट के पास बनी दुकानों में बैठे दुकानदार और ग्राहक अपनी जान बचा कर भागे। देखते ही देखते दिल्ली गेट का काफी हिस्सा टूट कर नगरपालिका की बनी दुकानों पर गिर गया।

स्थानीय दुकानदारों की माने तो करीब एक दशक पहले केंद्र सरकार द्वारा फर्रुखनगर के दिल्ली गेट व शीश महल की जर्जर ईमारत को गिरनें से रोकने के लिए करीब 4 करोड रुपए की लागत से मरम्मत कराई थी। उन्होंने बताया कि अगर सरकार द्वारा जल्द ही इन जर्जर ईमारतों की सुद नही ली तो वह दिन दूर नहीं जब हैरीटेज सिटी फर्रुखनगर की शान कही जाने वाली सभी ईमारते विभागीय अधिकारियों की अनदेखी के चलते अपना अस्तीत्व खो देंगी और लोगों को केवल यह ईमारते मात्र किताबों और फोटोंओं में ही नजर आएगी। उन्होंने बताया कि दिल्ली गेट, झज्जर गेट बावडी के नीचे से हर रोज हजारों की संख्या में लोगों का आवागमन होता है। अगर सरकार ने समय रहते इनकी मरमत नहीं की तो कभी भी कोई बडा हादशा घटित हो सकता है।

error: Content is protected !!