भारत सारथी/ऋषि प्रकाश कौशिक

गुरुग्राम। महामंडलेश्वर स्वामी धर्मदेव के बहुत अनुयायी गुरुग्राम में हैं और वे आश्रम से इसलिए जुड़े हैं, क्योंकि वहां समाज को संस्कार और बच्चों को शिक्षा दी जाती है लेकिन पिछले कुछ समय से पटौदी का आश्रम हरि मंदिर भाजपा के समर्थन में काम करता दिखाई दे रहा है। आज भी वहां एक सभा हुई, जिसमें प्रदेश उपाध्यक्ष और पटौदी के स्थानीय विधायक भी उपस्थित थे और वहीं से यह भी कहा गया कि किसान आंदोलन असामाजिक तत्वों का जमावड़ा है।

महाराज जी के अनुयायिओं में सारे समाज के लोग हैं लेकिन जो भाजपा को पसंद नहीं करते, उनमें अब चर्चा चल रही है कि क्या हम अब भी महाराज जी का अनुसरण करें? धार्मिक गुरू सभी के लिए होता है, वह सभी के हित की सोचता है, उसका राजनीति से क्या वास्ता? और यदि उन्हें राजनीति करनी ही है तो वह खुलकर करें। साधु का चोला हटाकर नेताओं के कपड़े पहन लें या फिर भाजपा का कमल का पटका गले में डाल लें।

इस प्रकार की चर्चाएं बहुत समय से चल रही हैं और इन चर्चाओं से समाज में संदेश जा रहा है कि धार्मिक, सामाजिक और शैक्षिक संस्थाएं भाजपा से अपने निजी स्वार्थ हेतु जुड़ रही हैं। इन बातों से ये संस्थाएं तत्कालीन लाभ तो बेशक उठा लें लेकिन दीर्घकालीन दृष्टि से देखें तो समाज में ये अपने मान में कमी ला रहे हैं।

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