मुख्यमंत्री ने की लोगों से पेड़ लगाने की अपील
मुख्यमंत्री ने किया ई-पौधशाला मोबाइल ऐप लॉन्च
इस ऐप से सरकारी नर्सरी से पौधों का मुफ्त वितरण होगा

चंडीगढ़, 24 जुलाई- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने 72वें वन महोत्सव के अवसर पर प्रदेश की जनता से अपील की कि वे अपने जीवन काल में कम से कम एक पेड़ लगाकर अपने आसपास हरियाली बनाए रखने का संकल्प लें।

मुख्यमंत्री ने आज यहां वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से यमुनानगर में आयोजित राज्य स्तरीय वन महोत्सव में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि पर्यावरण की सुरक्षा करना हमेशा से राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता रही है और पेड़ों के महत्व को समझते हुए हरियाणा को हरा-भरा बनाने के लिए कईं कदम उठाए गए हैं।

समारोह में चंडीगढ़ से सहकारिता मंत्री डॉ बनवारी लाल भी शामिल हुए, जबकि वन मंत्री श्री कंवर पाल जगाधरी से और अन्य राजनीतिक और प्रशासनिक गणमान्य व्यक्ति वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपने-अपने जिलों से शामिल हुए। इसके अलावा अनेक बच्चों ने भी एजुसेट के माध्यम से मुख्यमंत्री का संबोधन सुना।मुख्यमंत्री ने कहा कि बरसात का यह मौसम पौधारोपण का सबसे अच्छा समय होता है। इसलिए इस बार 72वें राज्य स्तरीय वन महोत्सव के अवसर पर प्रदेश में 3 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने प्रदेशवासियों से अपील करते हुए कहा कि धरती की हरियाली सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार के वृक्षारोपण अभियान का हिस्सा अवश्य बनें।

श्री मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा प्रदेश को हरा-भरा बनाने के लिए अनेक कदम उठाए हैं।  मैदानी तथा कृषि प्रधान राज्य होने के कारण हरियाणा में अधिसूचित वन क्षेत्र मात्र 3.52 प्रतिशत है तथा कुल वृक्ष आच्छादित क्षेत्र 3.62 प्रतिशत है। इस प्रकार हमारा कुल वन व वृक्ष आच्छादित क्षेत्र 7 प्रतिशत है। इसे 20 प्रतिशत तक बढ़ाने के लिए अधिक से अधिक पेड़-पौधे लगाना बेहद जरूरी है। यह जिम्मेवारी हम सबकी है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए वन एवं वन्यजीव और स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा विशेष योजनाएं लागू की गई हैं।

मुख्यमंत्री ने उदाहरण देते हुए कहा कि फिलीपींस देश में हर छात्र को अपनी स्नातक की डिग्री प्राप्त करने के लिए 10 पेड़ लगाना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि हरियाणा में भी छात्रों को पेड़ लगाने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु बारहवीं के छात्रों को अंतिम मूल्यांकन में कम से कम 10 अतिरिक्त अंक देने का प्रावधान करने की शिक्षा विभाग द्वारा संभावनाएं तलाशी जाएं।

ई-पौधशाला मोबाइल ऐप लॉन्च

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सरकारी नर्सरी से पौधों के मुफ्त वितरण के लिए एक नागरिक-केंद्रित मोबाइल एप्लिकेशन ई-पौधशाला लॉन्च की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा शुरू किए गए जल शक्ति अभियान के तहत पंचायतों को वितरित किए जाने वाले सभी पौधे और राज्य सरकार की पौधगिरी योजना के तहत बांटे जाने वाले पौधे, इस मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से वितरित किये जायेंगे।

इसके अलावा, सभी नागरिक एवं सरकारी कार्यालय, वन विभाग की नर्सरी से इस ऐप के माध्यम से अपनी मांग रखकर पौधे प्राप्त कर सकते हैं। यह मोबाइल एप्लिकेशन एंडरॉइड और आई-फोन दोनों के लिए उपलब्ध है। इसके माध्यम से निकटतम नर्सरी में अपनी पसंद के पौधों की उपलब्धता की जांच की जा सकती है और इस ऐप में नर्सरी में पहुंचने के लिए नेविगेशन की सुविधा भी है।

वन एवं वन्यजीव विभाग की पुस्तिका का विमोचन

मुख्यमंत्री ने ‘धरोहर’ नामक पुस्तिका का भी विमोचन किया जिसमें वन विभाग द्वारा की जा रही गतिविधियों की विस्तृत जानकारी दी गई है। यह पुस्तक हरियाणा में प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन और योजना बनाने के लिए नीति निर्माताओं, वन प्रबंधकों, शिक्षाविदों और नागरिकों के लिए बहुत मददगार साबित होगी।

जियो-टैगिंग के लिए जल्द एक ऐप किया जाएगा लॉन्च

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की जनता द्वारा लगाए गए पौधों की जियो टैगिंग के लिए जल्द ही एक और एप्लीकेशन शुरू की जाएगी। मोबाइल एप्लिकेशन वन विभाग को लगाए गए पेड़ों की हर छह महीने में तस्वीरें लेने में मदद करेगा ताकि उन वृक्षों की देखभाल सुनिश्चित हो सके।

उन्होंने कहा कि पौधगिरी अभियान के तहत छठी से बारहवीं कक्षा तक के बच्चों  को हर 6 मास में 50 रुपये प्रोत्साहन राशि दी जाती है, जो तीन वर्ष तक उनके द्वारा लगाए गए पौधों की देखभाल करते हैं।

 पर्यावरण संरक्षण के लिए हरियाणा द्वारा कई पहल की गई

मुख्यमंत्री ने कहा कि वृक्षों के महत्व को समझते हुए विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर हमने कई नई योजनाएं चलाई हैं। इनमें ऑक्सीवन, प्राणवायु देवता पेंशन योजना, ऑक्सीजन खेती, पंचवटी आदि शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि पिछले डेढ़ साल से कोविड-19 महामारी के संकट ने पूरे संसार को प्राणवायु ऑक्सीजन के महत्व के बारे में सजग और सचेत किया है और विश्व पर्यावरण दिवस अवसर पर हमने हर जिला मुख्यालय पर 5 से 100 एकड़ क्षेत्रफल का ऑक्सीवन बनाने की योजना की शुरूआत की है। यहां तक कि आमजन ने भी पेडों से मिलने वाली ऑक्सीजन के महत्व को समझा और पौधे लगाने के अभियान में स्वयं की भागीदारी सुनिश्चित कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने 75 साल से अधिक आयु के वृक्षों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए प्राणवायु देवता पेंशन स्कीम का शुभारंभ किया है। इस योजना के तहत 75 साल से अधिक आयु के वृक्षों के रखरखाव के लिए 2500 रुपये प्रति वर्ष प्रति पेड़ पेंशन का प्रावधान किया है। इसमें बुढ़ापा सम्मान पेंशन के अनुसार हर वर्ष बढ़ोतरी की जाएगी।

इसके अलावा सरकार ने धर्मक्षेत्र-कुरुक्षेत्र की 48 कोस की परिधि में स्थित 134 तीर्थों में पंचवटी वाटिका बनाने की भी शुरुआत की है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरण संतुलन सुनिश्चित करने के साथ-साथ पानी को बचाना भी उतना ही महत्वपूर्ण है, इसलिए आने वाली पीढिय़ों के लिए पानी की एक-एक बूंद बचाने के उद्देश्य से हरियाणा में ‘मेरा पानी मेरी विरासत योजना’ शुरू की गई है। उन्होंने बताया कि पिछले साल राज्य की एक लाख एकड़ जमीन में धान की जगह कम पानी की खपत वाली फसलें उगाई गई थीं। इस साल सरकार ने 2 लाख एकड़ का लक्ष्य रखा है और खुशी कि बात है कि किसान इसमें सरकार का पूरा सहयोग कर रहे हैं।
  इस अवसर पर मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव तथा सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के महानिदेशक डॉ. अमित अग्रवाल व वन विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

One thought on “हरियाणा में आयोजित हुआ 72 वां राज्य स्तरीय वन महोत्सव”
  1. Our Honble C.M. is doing his best to improve environment & nature but on the other side Municipal corporation Gurugram,is converting Neta ji Subhash Chandra Bose Park sector 14 Gurugram into concrete, scraps and condemned buses have been parked in it.The said park is in 12 acres of land and developed & maintained by HSVP department since last 35 years. The park is lungs for residents. The Birds who used to get food and shelter from the park have been ruined , ultimate loss to nature.
    It is requested to kindly restore the park in its originality.

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