-कमलेश भारतीय आखिर पंजाब प्रदेश कांग्रेस के नवनियुक्त अध्यक्ष व पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी नवजोत सिंह सिद्धू ने कल अपना कार्यभार संभाल लिया ।बिल्कुल क्रिकेट स्टाइल में जैसे खिलाड़ी पिच पर जाने के लिए बल्ला घुमाता चलता है । ऐसे ही बल्ला घुमाने का एक्शन किया और गुरु हो गये शुरू । न अपने छोड़े, न पराये । हरीश रावत के पांव तो छू लिए लेकिन कैप्टन की उपेक्षा की । बेशक कांग्रेस हाईकमान के दवाब में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह कार्यक्रम में आ गये और आशीर्वचन भी कहा कि जब मैं सिद्धू के पिता भगवंत सिंह के पास जाता था तब सिद्धू बहुत छोटे थे और जब इनका जन्म हुआ अब मेरा कमीशन हुआ सेना में लेकिन अब ये बातें कोई मायने नहीं रखतीं क्योंकि सिद्धू ने कोई सार्वजनिक माफी नहीं मांगी और मुख्यमंत्री को सिद्धू की ताजपीशी में हाईकमान के दवाब में आना पड़ा । ऐसा हाई कमान का दवाब हरियाणा में भी बहुत देखा पर गुटबाजी कम न हुई । मुझे अच्छी तरह याद है जब श्रीमती सोनिया गांधी हिसार आई थीं रोड शो के दौरान । वे यहां लोक निर्माण विश्राम गृह में रुकी थीं और दूसरी सुबह वे मीडिया से रूबरू होने के बाद जब गाड़ी में बैठने लगीं तो चौ भजनलाल , चौ भूपेंद्र सिंह हुड्डा, सैलजा और चौ वीरेंद्र सिंह सभी को बिठाया एक जुटता दिखाने के लिए । आज चौ वीरेंद्र सिंह पार्टी में नहीं रहे और चौ भजनलाल के बेटे कुलदीप बिश्नोई ने हजकां पार्टी बना ली थी । बेशक अब वे लौट चुके हैं कांग्रेस में । अब अध्यक्ष पद के लिए भी ज़ोर आज़माइश होती रहती है । तो क्या जो दिखावा एक जुटता का पंजाब प्रदेश कांग्रेस में दिखाया गया उसका कोई असर दिखने वाला है ? संभवतः नहीं । अभी तो युद्ध विराम हुआ है । अभी तो एक राउंड पूरा हुआ है जिसमें जीत निश्चित ही सिद्धू की मानी जा सकती है लेकिन अगले राउंड तक लड़ाई और तेज़ हो जायेगी जिस पर हाई कमान का भी बस न रह जायेगा । कुछ नेता दूसरी पार्टियों का रूख करेंगे जैसे सिद्धू ने डर दिखाया वैसे ही दूसरे नेता भी डर दिखायेंगे। अभी मंत्रिमंडल में फेरबदल होगा और संगठन बनाने में सिद्धू के भी पसीने छूटेंगे जी जैसे हरियाणा में हो रहा है । कहा जा रहा है कि कैप्टन पार्टी हाईकमान के काबू में न रहे थे । प्रियंका गांधी ने उन्हें काबू करने के लिए यह कदम उठाया । अब यह कदम कैसा परिणाम देगा ? यह आने वाले दिनों में पता चलेगा। अब पंजाब में कैप्टन बन गये सिद्धू और खिलाड़ी का खेल दिखायेंगे कैप्टन । Post navigation विश्वविद्यालय के कुलपति ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल को सौंपा एक करोड़ तीन लाख दो हजार तीन सौ इक्कीस रुपये का चैक अनूठा प्रयोग है किसान संसद, लोकतांत्रिक मर्यादाओं में उठी असरदार आवाज़