गुरुग्राम, 23 जुलाई। जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण गुरुग्राम (डीएलएसए) ने ‘तरु मित्र’ अभियान के अंतर्गत रोटरेक्ट क्लब तथा सुशांत यूनिवर्सिटी, गुरुग्राम के विद्यार्थियों के साथ मिलकर एक वीडियो तैयार किया जिसमें घर के गीले वेस्ट से जैविक खाद बनाना सिखाया गया है।

डीएलएसए की सचिव एवं सीजेएम ललिता पटवर्धन ने बताया कि इस वीडियो में दर्शाया गया है कि फल, सब्ज़ियों के छिलके, अंडे के छिलके, कॉफ़ी या फिर चायपत्ती जैसे किचन के कचरे को एक डिब्बे (किसी बाल्टी, ड्रम, मिट्टी का गमला आदि) में डालें। आपकी प्रक्रिया लगातार चलती रहे, इसलिए दो डिब्बे रखें। जब एक भर जाए तो दूसरे में डालना शुरू करें। सूखी पत्तियां, नारियल के छिलके जैसे सूखे कचरे को इकट्ठा करके गीले कचरे में मिलाएं। यह नमी को कंट्रोल करता है। इस कचरे के अपघटन के लिए ज़रूरी है कि इसमें सूक्ष्मजीव हों। आप सूक्ष्म जीव पैदा करने के लिए इसमें थोड़ा-सा गाय का गोबर मिला सकते हैं। साथ ही, इन सूक्ष्मजीवों की प्रजाति को बढ़ाने के लिए इसमें छाछ मिला सकते हैं।

उन्होंने बताया कि एरोबिक तरीके से खाद बनाने के लिए ज़रूरी है कि इस मिश्रण में ऑक्सीजन हो। ऑक्सीजन होने से बदबू नहीं आएगी और कीड़े भी नहीं पनपेंगे। या तो आप अपने डिब्बे में छोटे-छोटे छिद्र कर सकते हैं या फिर हर चार दिन में इस मिश्रण को ऊपर-नीचे करते रहें।

एरोबिक तरीके से 40 से 45 दिनों में खाद बन जाती है। आपको बस किचन का कचरा इसमें मिलाते रहना है और ध्यान देना है कि ऑक्सीजन फ्लो अच्छे से हो। मिश्रण बहुत ज्यादा गीला लगे, तो इसमें सूखी पत्तियाँ आदि मिला दें।

उन्होंने बताया कि इसी कार्यक्रम के साथ सुशांत यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों ने वेस्ट टू वंडर ऐक्टिविटी के अंतर्गत पुरानी वेस्ट चीजों से उपयोगी वस्तुएँ भी बनाना सिखाया। इसमें रोटरेक्ट क्लब की अध्यक्ष समृद्धि बंसल और सुशांत यूनिवर्सिटी से वस्वी बंसल, स्नेहा शर्मा के द्वारा बनाई गई वस्तुओं को बेहतरीन बताया गया। इन सभी को जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण , गुरुग्राम ने सर्टिफ़िकट्स देकर सम्मानित भी किया।

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