-कमलेश भारतीय यदि आज कैप्टन लक्ष्मी होतीं तो वे अपनी उम्र की परवाह न कर गाजीपुर बाॅर्डर पर किसानों के साथ धरने पर बैठी होतीं । आज वे नहीं हैं पर जनवादी महिला समिति की कार्यकर्त्ता उनकी स्मृति में बाढ्डो पट्टी टोल पर धरना देने जा रही हैं और उन्हें स्मरण कर रही हैं । यह बात कही जनवादी महिला समिति की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुभाषिनी अली ने । वे बाड्ढो पट्टी बाॅर्डर पर जाने से पहले जवाहर नगर स्थित सूबे सिंह स्मारक भवन में बातचीत कर रही थीं । उन्होंने कहा कि अपने अंतिम समय से तीन दिन पहले तक वे एक डाॅक्टर की जिम्मेदारी भी निभाती रहीं । सुभाषिनी अली ने कहा कि आप हरियाणा की सरकार पर पूछ रहे हो , यदि सबसे खराब सरकार देखनी है तो यूपी सरकार देखिए । गन्ना उत्पादक किसानों के दस हजार करोड़ रुपये बकाया हैं और पांच वर्षों में मात्र दस रूपये गन्ने की कीमत बढ़ाई गयी है । पंचायत चुनाव में सत्ता के प्रभाव का दुरूपयोग किया गया । क्या किसान मवाली हैं जैसा कि भाजपा नेत्री मीनाक्षी लेखी ने कहा है । इस पर सुभाषिणी अली ने कहा कि किसान अन्नदाता है न कि मवाली । केंद्र सरकार जिस तरह से किसान की उपेक्षा कर रही है , अगले लोकसभा चुनाव में इसका किसान सबक सिखायेंगे जरूर । और यदि इनकी आवाज़ की उपेक्षा की जाती रही तो धरना सन् 2024 तक चलेगा और सरकार बदल कर और कानून बदल कर ही घर लौटेंगे । सुभाषिनी अली ने कहा कि असल में गांव , खेती ही नहीं हमारी सांस्कृतिक धरोहर खतरे में पड़ चुकी है इन कृषि कानूनों से । पांच सौ से ज्यादा किसान अपनी जान क़ुर्बान कर चुके और सरकार ने एक शब्द भी शोक में नहीं कहा । कितनी निर्मम है किसानों के प्रति सरकार । एक समाचारपत्र के कार्यालयों पर छापे संबंधी पूछे गये सवाल के जवाब में कहा कि सरकार सच का सामना करने से कतराती है । इस समाचारपत्र ने कोरोना से अस्पतालों, मरीजों और उनके दाह संस्कार को लेकर सच सामने रखा जिसे सरकार सह न सकी और आवाज़ दबाने के लिए यह कदम उठाया । यह घोर निंदनीय है । यह सत्य से डरने वाली सरकार है और संसद में झूठ बोला कि ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत नहीं हुई । यह निरा कोरा झूठ बोला गया संसद में । यही सच जब उजागर किया गया तो छापे मारे गये । यह बहुत शर्मनाक है । इस अवसर पर शकुंतला जाखड़, सविता , उषा सरोहा , विक्रम मित्तल , सुरेंद्र मान और दिनेश सिवाच आदि मौजूद थे । Post navigation सच पर छापा और आपातकाल विश्वविद्यालय के कुलपति ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल को सौंपा एक करोड़ तीन लाख दो हजार तीन सौ इक्कीस रुपये का चैक