पंचकूला महानगर विकास प्राधिकरण के प्रथम सीईओ तैनातसंविधान अनुसार महानगर के लिए न्यूनतम 10 लाख जनसँख्या आवश्यक चंडीगढ़ – हाल ही में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर द्वारा पंचकूला ज़िले के समग्र विकास के लिए पंचकूला महानगरीय विकास प्राधिकरण (पीएमडीए) का गठन करने की घोषणा की गयी थी जो गुरुग्राम महानगरीय विकास प्राधिकरण (जीएमडीए) और फरीदाबाद महानगरीय विकास प्राधिकरण (एफएमडीए) की तर्ज पर होगा. इसी कड़ी में प्रदेश सरकार के 2003 बैच के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अजित बालाजी जोशी, जो वर्तमान में हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी ) के मुख्य प्रशासक उन्हें साथ साथ पीएमडीए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ ) के पद का भी अतिरिक्त कार्यभार दिया गया है। इसी बीच पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने बताया कि हालांकि हरियाणा सरकार प्रदेश विधानसभा से कानून पारित करवाकर अपने राज्य के किसी उपयुक्त क्षेत्र के लिए महानगर विकास प्राधिकरण गठित करने के लिए कानूनन सक्षम हैं एवं तत्काल रूप से इसका गठन करने के लिए सरकार राज्यपाल से इस सम्बन्ध में अध्यादेश भी प्रख्यापित (जारी ) करवा सकती है जैसे आज से चार वर्ष पूर्व जून, 2017 में गुरुग्राम मेट्रोपोलिटन डेवलपमेंट प्राधिकरण (जीएमडीए ) अध्यादेश , 2017 जारी करवा किया गया था जिसे बाद में विधानसभा से विधेयक के रूप में पारित करवा कर अधिनियम (कानून ) बना दिया था. उसके अगले वर्ष दिसंबर, 2018 में फरीदाबाद मेट्रोपोलिटन डेवलपमेंट प्राधिकरण (एफएमडीए ) कानून भी बनाया गया। हालांकि उन्होंने एक कानूनी पेच उठाते हुए बताया कि अब यह देखने लायक होगा कि क्या पंचकूला ज़िले के लिए भी गुरुग्राम और फरीदाबाद की तर्ज पर मेट्रोपोलिटन डेवलपमेंट प्राधिकरण गठित की जा सकती है क्योंकि वर्तमान में पंचकूला की आबादी 10 लाख से कम है। उन्होंने बताया की भारत के संविधान के अनुच्छेद 243 पी में मुनिसिपलिटीज़ (नगर निकाय ) के भाग में महानगर क्षेत्र को परिभाषित किया गया है जिसके अनुसार यह दस लाख या उससे अधिक जनसँख्या वाला क्षेत्र होगा जिसमें एक या अधिक ज़िले हों जो दो या दो से अधिक नगर निकाय और पंचायतों या अन्य संलग्न क्षेत्रों से मिलकर बनता हो एवं जिसे राज्यपाल द्वारा पब्लिक नोटिफिकेशन द्वारा महानगर के रूप में अधिसूचित किया गया हो. हरियाणा नगर निगम कानून, 1994 में भी महानगर की उपरोक्त परिभाषा है। हेमंत ने बताया कि बताया कि जहाँ तक पंचकूला ज़िले की जनसँख्या का प्रश्न है, तो बीते वर्ष जुलाई, 2020 में जब ज़िले के कालका और पिंजौर क्षेत्र को तत्कालीन पंचकूला नगर निगम से बाहर निकाला गया और उनके स्थान पर ज़िले के कुछ गांवो को नगर निगम में शामिल किया गया, तो 29 जुलाई 2020 को प्रदेश के शहरी स्थानीय विभाग द्वारा पुनर्गठित पंचकूला नगर निगम की नोटिफिकेशन जारी की गयी जिसके अनुसार इस नगर निगम में शामिल क्षेत्र की आबादी 3 लाख 17 हज़ार 476 है। सनद रहे कि यह आंकड़ा वर्ष 2011 जनगणना के आधार पर नहीं बल्कि स्पॉट फिगर्स अर्थात मौके की आबादी की आंकड़ों के आधार पर निर्धारित किया गया। इसके बात 24 नवंबर 2020 को विभाग द्वारा नव गठित कालका नगर परिषद में शामिल क्षेत्र की आबादी 1 लाख 24 हज़ार 12 हैं अधिसूचित हुई . इसमें पिंजौर का शहरी क्षेत्र भी शामिल है. इस प्रकार उपरोक्त दोनों को मिलकर पंचकूला के शहरी क्षेत्र की कुल जनसँख्या 4 लाख 41 हज़ार के करीब बनती है जो 10 लाख से साढ़े 5 लाख कम है। अब जहाँ तक पंचकूला ज़िले के ग्रामीण क्षेत्र का विषय है जो प्रदेश के विकास एवं पंचायत विभाग द्वारा गत अप्रैल में जारी नोटिफिकेशन अनुसार ज़िले में चार ब्लॉक – बरवाला, मोरनी, पिंजौर और रायपुर रानी है. इन सभी में ग्राम पंचायतो की कुल संख्या 135 है. पंचकूला जिला परिषद की कुल 15 सीटें है. अब चूँकि इस सारे ग्रामीण क्षेत्र की जनसँख्या पांच लाख 60 हज़ार हो नहीं हो सकती, इसलिए यह स्पष्ट हो जाता है कि पंचकूला की कुल जनसँख्या 10 लाख से बेहद कम है जिस कारण उसे कानूनी या संवैधानिक तौर पर महानगर का दर्जा नहीं प्रदान किया जा सकता है। गत वर्ष जनवरी, 2020 में भारत के 4242 शहरी नगर निकाय (म्युनिसिपल) क्षेत्रो में किये गए स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 में पंचकूला को 1 लाख से 10 लाख तक की जनसँख्या वाले शहरों की श्रेणी में रखा गया जिसमें पूरे देश के 382 शहर शामिल थे एवं पंचकूला ने इस श्रेणी में देश भर में 56 वां रैंक हासिल किया था। 10 लाख से ऊपर की जनसंख्या के शहरो में पूरे देश में केवल 47 शहर शामिल थे जिसमें हरियाणा से केवल फरीदाबाद ही शामिल था। अब इस सबके दृष्टिगत यह देखने लायक है कि क्या 10 लाख से कम आबादी होने के बावजूद पंचकूला महानगरीय विकास प्राधिकरण (पीएमडीए) का गठन न्यायसंगत है Post navigation हरियाणा-112 इमरजेंसी नंबर पर पहले 64 घंटों में 2788 लोगों ने ली पुलिस सहायता रोहतक सेना भर्ती कार्यालय की ओर से 20 अगस्त से 3 सितंबर 2021 तक सेना भर्ती रैली निर्धारित की गई