-सरकारी विभागों में लंबित आवेदनों का समयबद्ध तरीके से निपटारा करने के अधिकारियों को निर्देश तथा कंपनियों को बेहतर इंटरनेट कनेक्टिविटी देने के लिए किया प्रेरित।
– मोबाइल टावर से निकलने वाली रेडिएशन का नही पड़ता स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव, लोग अफवाहों पर ना दे ध्यान।

 गुरूग्राम, 14 जुलाई। गुरूग्राम के उपायुक्त डा. यश गर्ग की अध्यक्षता में आज जिला स्तरीय टेलीकाॅम कमेटी की बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में टेलीकाॅम कंपनियों के प्रतिनिधियों ने विभिन्न विभागों से संबंधी समस्याएं उपायुक्त के समक्ष रखी जिसके समाधान के लिए उपायुक्त ने बैठक में उपस्थित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

उपायुक्त ने बैठक में टेलीकाॅम कंपनियों के विभिन्न विभागों में लंबित आवेदनों की समीक्षा की और कहा कि विभाग टेलीकाॅम कंपनी द्वारा प्राप्त आवेदनों का समयबद्ध तरीके से निपटारा करें। यदि आवेदन संबंधी औपचारिकताओं में कमी है तो कारण स्पष्ट करें, लेकिन उन्हें ज्यादा समय तक अपने यहां लंबित ना रखें। उन्होंने कहा कि राइट टू सर्विस एक्ट में लंबित आवेदनों का निपटारा करने की समय सीमा 45 दिन निर्धारित की गई है ऐसे में विभागीय अधिकारी की यह जिम्मेदारी बनती है कि वह निर्धारित समय अवधि में लंबित आवेदन का निपटारा करें।

उन्होंने गुरूग्राम के नगराधीश सिद्धार्थ दहिया को निर्देश देते हुए कहा कि वे टीम बनाकर ज्यादा समय से लंबित आवेदनों की सूची तैयार करते हुए उनका 15 दिन में निपटारा करवाना सुनिश्चित करें। उपायुक्त ने बैठक में टेलीकाॅम कंपनियों से आए प्रतिनिधियों से कहा कि अक्सर देखा गया है कि कंपनी द्वारा टाॅवर लगाने के लिए सड़कों आदि पर गहरे गड्डे खोद दिए जाते हैं लेकिन टावर लगाने उपरांत उन्हें रिस्टोर नही किया जाता। ऐसे में वहां के स्थानीय निवासियों को समस्या का सामना करना पड़ता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि कंपनी द्वारा सड़कों या अन्य स्थानों पर टावर लगाने उपरांत वहां रिपेयर नही करवाई जाती तो संबंधित कंपनी के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।

डा यश गर्ग ने कहा कि जिला प्रशासन टेलीकाॅम कंपनियों का सहयोग करने को तैयार है लेकिन कंपनियों का भी यह उत्तरदायित्व बनता है कि वे आमजन को अपेक्षा अनुरूप इंटरनेट आदि की बेहतर सुविधाएं दें। उपायुक्त ने कहा कि कई लोगों में मोबाइल टावर आदि लगाने को लेकर कई तरह की भ्रांतियां हैं कि मोबाइल टावर से निकलने वाले रेडीएशन से स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है लेकिन ऐसा बिल्कुल नही है। मोबाइल टावर के रेडीएशन का स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने संबंधी आज तक कोई वैज्ञानिक प्रमाण नही मिला है, इसलिए लोग अफवाहों पर ध्यान ना दें।

जिला स्तरीय टेलीकाॅम कमेटी के सदस्य रमन मलिक ने कहा कि कोरोना संक्रमण के दौर में आज जहां एक ओर बच्चे भी घरों में आॅनलाइन कक्षाएं ले रहे हैं वहीं दूसरी ओर कई कंपनियों के कर्मचारी वर्क फ्राॅम होम कर रहे हैं। ऐसे में टेलीकाॅम कंपनियों को चाहिए कि वे लोगों को इंटरनेट आदि की बेहतर कनेक्टिविटी दें।

बैैठक में अतिरिक्त उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा, नगराधीश सिद्धार्थ दहिया , कमेटी के सदस्य रमन मलिक सहित कई विभागों के अधिकारीगण उपस्थित थे।

error: Content is protected !!