मंडलायुक्त एवं सिविल सर्जन ने जांच वाहनों को  हरी झंडी दिखाकर किया  रवाना

-सभी स्वास्थ केन्द्रों पर जल्द शुरू होगी आई-ओपीडी सेवा

गुरुग्राम,12 जुलाई – स्वास्थ्य विभाग गुरुग्राम ने राष्ट्रीय दृष्टिहीनता नियंत्रण योजना के तहत चलाये जाने वाले मोतियाबिंद जांच कार्यक्रम की आज करीब दो साल बाद फिर से शुरुआत की है। पिछले वर्ष कोविड-19 संक्रमण प्रसार के मद्देनजर जिला के नागरिक अस्पताल सेक्टर-10 व पटौदी एवं  सेक्टर 31 स्थित पॉलीक्लीनक में चल रही आई-ओपीडी को छोड़कर अन्य सभी जगह पर  जांच कार्यक्रम को विराम दिया गया था।

गुरुग्राम मंडलायुक्त श्री राजीव रंजन ने आज जिला में  मोतियाबिंद जांच कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए पांच जांच वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना करते हुए कहा कि शरीर मे किसी भी रोग की समय रहते जांच हो जाये तो उसका उचित उपचार संभव है। आंखे मानव शरीर का प्रमुख अंग है इसके बिना सामान्य जीवन की कल्पना करना भी बेमानी है, इसलिए यह जरूरी है कि इनकी सही देखरेख के साथ ही समय- समय पर इनकी उचित जांच भी आवश्यक है। कई बार आंखों से सम्बंधित रोग को हम नजरअंदाज कर देते है लेकिन इसकी गंभीरता का आभास हमे तब  होता है जब आंखों की रोशनी चली जाती है। जिसमे मोतियाबिंद एक प्रमुख रोग है। इसलिए यह जरूरी है कि हमे समय समय पर अपनी आंखों की जांच जरूर करवानी चाहिए।

सिविल सर्जन डॉ वीरेंद्र यादव ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा राष्ट्रीय दृष्टिहीनता नियंत्रण योजना के तहत जिला में मोतियाबिंद जांच कार्यक्रम निरंतर जलाया जाता रहा है। लेकिन पिछले वर्ष कोरोना के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए इस कार्यक्रम को अनिश्चितकाल समय तक रोक दिया गया था। चूंकि अब जिला में कोरोना करीब करीब नियंत्रण की स्थिति में होने के कारण फिर से इस कार्यक्रम की शुरुआत की जा रही है। जांच कार्यक्रम के तहत जिला के सभी सीएचसी एवं पीएचसी पर प्रत्येक माह एक या दो बार आई ओपीडी का आयोजन किया जाएगा। 
जांच कार्यक्रम की अन्य जानकारी देते हुए उप सिविल सर्जन डॉ ईशा नारंग ने बताया कि मिशन के सफल कार्यान्वयन के लिए स्वास्थ्य विभाग विभिन्न एनजीओ के सहयोग से जिला के प्रत्येक गांव में मोतियाबिंद जांच के कैम्प का आयोजन करेगा।

डॉ ईशा ने बताया कि जांच कैम्प में वृद्धों को प्रेसबायोपिक चश्मे का मुफ्त वितरण, मोतियाबिंद, ग्लूकोमा, डायबिटिक रेटिनोपैथी, केराटोप्लास्टी, विट्रोरेटिनल सर्जरी और बचपन से अंधापन के शिकार नागरिकों  की जांच व उसके उपरांत जरूरक्त दिखने पर निःशुल्क सर्जरी भी की जाएगी। जिला के हर एक घर तक पहुँचने के उद्देश्य से आशा वर्कर व एएनएमएस द्वारा दृश्य ई चार्ट के माध्यम से मोतियाबिंद की जांच की जाएगी।आज से शुरू हुए इस कार्यक्रम की प्रगति की जांच के लिए अगस्त के मध्य में मोतियाबिंद के सभी मामलों का पूर्ण मूल्यांकन किया जाएगा और एक महीने तक फॉलोअप किया जाएगा।

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