महापंचायत में घोषणा ऐसे लोगों की दे जानकारी सिखाएंगे सबक.
हिंदू बहन बेटियों को सेल्फ डिफेंस के लिए ट्रेनिंग की वकालत

फतह सिंह उजाला

पटौदी ।    विभिन्न जिहाद के बढ़ते मामलों पर पटौदी के ऐतिहासिक रामलीला मैदान मैं संडे को आहूत जिहाद के मुद्दे पर महापंचायत के मंच से ऐलान किया गया कि लव जिहाद और धर्मांतरण कराने वालों को अब सीधा सीधा पकड़ कर सबक सिखाया जाएगा । गौरतलब है कि पटौदी की ऐतिहासिक रामलीला क्रिकेट के विश्व विख्यात खिलाड़ी एवं भारतीय टीम के सबसे युवा कप्तान बने मनसूर अली खान के पूर्वजों में नवाब मुट्टन के द्वारा ही आरंभ करवाई गई थी। जिस रामलीला मैदान में कभी मंसूर अली खान और सैफ अली खान के पूर्वज रामलीला मंचन के दौरान मौजूद रहते थे, संडे को उसी रामलीला मैदान मैं आहूत महापंचायत के मंच से विभिन्न हिंदू संगठनों के द्वारा लव जिहाद और धर्मांतरण को लेकर ऐसा करने वालों को खुली चुनौती दे डाली गई।

मोनू मानेसर , राम भगत जेवर , युवा आशुतोष महाराज व अन्य युवाओं के द्वारा दो टूक शब्दों में चेतावनी देते हुए कहा गया कि ऐसा कोई भी मामला या घटना जो सीधे-सीधे लव जिहाद और धर्मांतरण से जुड़ी हुई हो, इन घटनाओं में शामिल साजिश कर्ता और धोखाधड़ी करने वालों को मौके पर ही पकड़ कर सबक सिखाया  जाने की जरूरत है । या फिर ऐसे शातिर लोगों की जानकारी उनके संगठनों को दी जाए, संगठन ऐसे लोगों का अपने आप इलाज करना भी बेहतर तरीके से जानता है । वही करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सूरजपाल अम्मू ने मुस्लिम की बढ़ती आबादी के दृष्टिगत अपने ही अंदाज में महापंचायत के मंच से कहां की दो से अधिक बच्चों वाले अभिभावकों को चुनाव लड़ने की इजाजत नहीं है । उन्होंने महापंचायत में मौजूद युवाओं से सवाल किया कितने युवा चुनाव लड़ने के इच्छुक नहीं है ? जब पंडाल में बैठे युवाओं के दोनों हाथ ऊपर उठे , इस पर सूरजपाल अम्मू ने कहा कि मुस्लिमों की बढ़ती आबादी का मुकाबला करने के लिए अब युवाओं को भी अपने आप ही फैसला कर लेना चाहिए कि उन्हें किस नीति और योजना के तहत काम करना है । क्योंकि जिन युवाओं के द्वारा चुनाव लड़ने से इनकार किया गया है, इतना तय है कि वह चुनाव लड़ने के इच्छुक नहीं है ।

जिन्हें चुनाव लड़ने और विधानसभा या संसद में पहुंचने की हसरत है , अब भविष्य को देखते हुए उन्हीं लोगों को फैसला करना है जिनके दो से अधिक बच्चे हैं । महापंचायत में तो विभिन्न वक्ताओं के द्वारा यहां तक खुलेआम चेतावनी दी गई की लव जिहाद और धोखे से धर्मांतरण कराने वाले अपनी करतूतों से बाज नहीं आए तो इसके फिर गंभीर परिणाम भुगतने के लिए भी तैयार रहना होगा।  इसके साथ ही बेहद महत्वपूर्ण बात यह कही गई की सनातनी संस्कृति के अनुयाई और हिंदू धर्मावलंबी अपनी बहन-बेटियों को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग अवश्य दें या फिर इसकी ट्रेनिंग दिलवाई जाए । जिससे कि हमारी बहन बेटियां दिमागी और मानसिक रूप से मजबूत बनने के साथ-साथ अपने भले-बुरे का फैसला करने में भी पारंगत हो सके।

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