मछली पालन में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं: जेपी दलाल
मछली पालन को बढावा देने के लिए सरकार उठा रही

बहल/सिवानी 04 जुलाई। प्रदेश के कृषि एवं पशुपालन मंत्री जेपी दलाल ने कहा कि प्रदेश की दस लाख एकड़ बंजर भूमि पर मछली पालन से आय बढ़ाने व रोजगार की अपार संभावनाएं है। इसलिए राज्य सरकार प्रदेश में ऐसी जमीन पर मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए कारगर कदम उठा रही है। विभाग द्वारा प्रदेश में गैर कृषि क्षेत्र भूमि पर मत्स्य पालन से जुड़ी अनेक महत्वाकांक्षी परियोजनाओं को शुरू किया जाएगा ताकि बेरोजगार युवाओं को स्वरोजगार से जोडऩे के साथ.साथ मत्स्य पालक किसानों की वर्ष 2022 तक आमदनी को दोगुना किया जा सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश में खारे पानी में झींगा पालन को बढावा देने के लिए जिला भिवानी के गांव गरवा में 25 एकड़ भूमि पर 25 करोड़ की लागत से मछली पालन के लिए उत्कृष्ट केन्द्र बनाया जाएगा। इस केन्द्र में मछली पालन के प्रशिक्षण के साथ साथ फीड मैनेजमेंट, बीज तथा कोल्ड स्टोरेज व प्रोसेसिंग यूनिट की व्यवस्था की जाएगी।

कृषि एवं पशुपालन मंत्री श्री दलाल रविवार को स्थानीय श्री कृष्णा प्रणामी धर्मशाला में मत्स्य पालन विभाग द्वारा झींगा मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए आयोजित किए गए प्रशिक्षण शिविर व बहल में मिट्टी पानी जांच लैब भवन के उदघाटन उपरांत आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में नीली क्रांति को बढ़ावा देने के लिए तथा प्रधान मंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत आधुनिक तकनीक पर आधारित विभिन्न योजनाओं एवं कार्यक्रमों को शुरू किया गया है। उन्होंने कहा कि इस रेतीले क्षेत्र में झींगा मछली पालन की अपार संभावनाएं हैं। किसान खारे पानी के क्षेत्र में मत्स्य पालन के व्यवसाय को अपनाकर अपनी आर्थिक स्थिति को और अधिक मजबूत कर सकते हैं।

उन्होंने बताया कि सिवानी क्षेत्र के गांव गरवा में 25 करोड़ रुपए की लागत से 25 एकड़ भूमि पर झींगा मछली पालन का कार्य शुरू किया जाएगा। राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के विभिन्न जिलों में मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न योजनाएं एवं कार्यक्रमों को प्रभावशाली ढंग से लागू किया गया है। इन जिलों में जींदए झज्जरए चरखी दादरीए रोहतकए सोनीपतए पलवलए हिसारए फतेहाबाद तथा भिवानी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा मत्स्य पालन से जुड़ी विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत सामान्य वर्ग के मत्स्य पालक किसानों को 40 प्रतिशत तथा अनुसूचित जाति के किसानों को 60 प्रतिशत तक का अनुदान दिया जा रहा है। विभाग द्वारा झींगा मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए आयोजित किया गया शिविर इस क्षेत्र के मत्स्य पालकों के लिए एक मील का पत्थर सिद्ध होगा।

कृषि मंत्री जेपी दलाल ने कहा कि सरकार द्वारा वर्ष 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लिए नई.नई योजनाओं एवं कार्यक्रमों को प्रभावशाली ढंग से शुरू किया जा रहा है। किसानों को भी अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए फसल विविधीकरण से जुड़ी योजनाओं को अपनाना चाहिए। फसल विविधीकरण योजना को अपनाने वाले किसानों को राज्य सरकार द्वारा प्रोत्साहन राशि भी प्रदान की जा रही है। किसान मेरा पानी. मेरी विरासत तथा मेरी फसल. मेरा ब्योरा पोर्टल पर पंजीकरण करवाकर प्रोत्साहन राशि प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने रविवार को गांव खेड़ा, झुंपा, बिधवान, मंढोली कलां, सिधनवा, बहल सहित विभिन्न गांवों का दौरा कर लोगों की समस्याओं को सुना और विभिन्न परियोजनाओं को निरीक्षण किया। उन्होंने बहल में 55 लाख रुपए की लागत से बनाई गई मिट्टी. पानी जांच लैब का भी उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र के किसानों को अपने खेतों की मिट्टी एवं पानी की जांच करवाने में काफी मदद मिलेगी। कृषि मंत्री ने सिधनवा से रोढा सडक़ मार्ग को 18 फुट चौड़ा करने के लिए निर्देश दिए।

कार्यक्रम में लाहली से मत्स्य संस्थान से डॉ. पंकज, श्रीधरन, उप निदेशक ईश्वर सिंह, डीएफओ जींद दिलबाग सिंह, पूर्व सरपंच राजेंद्र खेड़ा, सुनील मिठ्ठी, कुलदीप पायल झुप्पा तथा आईआईटी के इंजीनियर पुरोहिल ने अपने विचार रखे।

प्रशिक्षण शिविर में मत्स्य पालन विभाग के निदेशक प्रेम सिंह मलिक ने कृषि एवं पशुपालन मंत्री का स्वागत करते हुए मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश भर में शुरू की गई योजनाओं एवं कार्यक्रमों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

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