मानसून में जलभराव रोकथाम संबंधी इंतजाम सुनिश्चित करने के लिए लगाए जाएंगे वरिष्ठ अधिकारी।

क्रिटीकल स्थानों पर एचसीएस स्तर के अधिकारी करेंगे प्रबंध सुनिश्चित ।
ज्यादा क्रिटीकल स्थानों का उपायुक्त जल्द करेंगे निरीक्षण, स्वयं सुनिश्चित करेंगे इंतजाम

गुरूग्राम, 1 जुलाई। गुरूग्राम जिला में मानसून के दौरान जलभराव की समस्या से निपटने संबंधी इंतजाम सुनिश्चित करने के लिए अलग- अलग स्थानों की जिम्मेदारी एचसीएस स्तर के अधिकारियांे को दी जाएगी। इन अधिकारियों को अलग-अलग क्षेत्र आबंटित किए जाएंगे जिनमें जलभराव रोकथाम के प्रबंध वे सुनिश्चित करेंगे।

यह निर्णय आज उपायुक्त डा. यश गर्ग ने लघु सचिवालय में जलभराव की समस्या से निपटने को लेकर आयोजित बैठक के दौरान लिया। उपायुक्त ने बैठक में विशेष रूप से नगर निगम व जीएमडीए सहित जलभराव से निपटने से संबंधित विभागों के अधिकारियों से पिछले वर्षों के अनुभव के आधार पर क्रिटीकल स्थानों पर इस बार जलभराव ना हो, उसके लिए किए गए प्रबंधो की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि संबंधित विभाग जिला में जलभराव वाले क्रिटीकल स्थानों पर आवश्यक इंतजाम जैसे लगाए जाने वाले पंप सैट की संख्या , क्रिटीकल प्वाइंट पर तैनात कर्मी का ब्यौरा, पंप आॅप्रेटर व कंट्रोल रूम सहित आवश्यक सूचना की रिपोर्ट जल्द से जल्द सौंपंे।

क्रिटीकल स्थानों पर जलभराव से निपटने की तैयारियों की उपायुक्त ने ली रिपोर्ट

उन्होंने बैठक में पिछले वर्षों के अनुभव के आधार पर चिन्हित किए गए जलभराव वाले क्रिटीकल स्थानों जैसे- ताउ देवी लाल स्टेडियम, रामपुरा चैंक, हाईवे के अंडरपास, सैक्टर-9 व 10, गोल्फ कोर्स रोड़ व सोहना रोड़ आदि पर किए गए इंतजामों के बारे में जानकारी प्राप्त की। उपायुक्त ने कहा कि मानसून में आमजन को जलभराव की समस्या का सामना ना करना पड़े, इसलिए संबंधित विभाग समय रहते आवश्यक इंतजाम पूरा कर लें। इस मामले में लापरवाही कतई बर्दाश्त नही की जाएगी। उन्होंने कहा कि जिन स्थानों पर जलभराव की समस्या अपेक्षाकृत अधिक होती है, उन स्थानों पर फोकस करें और जलभराव रोकने के उपाय करें। उन्होंने कहा कि संबंधित अधिकारी सुनिश्चित करेंगे कि बरसात होने पर क्रिटीकल प्वाइंट पर टीम तुंरत काम करना शुरू कर दें और पंप सैटों को समय रहते चालू कर दें ताकि जलभराव की समस्या को समय रहते दूर किया जा सके। अधिकारी लाॅजिस्टिक्स जैसे-पंप सैट, बिजली कनेक्शन, डीजल आदि सहित साइट पर आवश्यक इंतजाम सुनिश्चित करें। हर साइट पर एक रिस्पांस्बिल अधिकारी लगाया जाएगा जो साइट की टीम के साथ तालमेल स्थापित करते हुए काम करेगा।

ज्यादा क्रिटीकल स्थानों का उपायुक्त उच्च अधिकारियों के साथ स्वयं करेंगे निरीक्षण।

उपायुक्त डा. यश गर्ग ने कहा कि जिन स्थानों पर जलभराव की संभावना अपेक्षाकृत अधिक है, वहां पर वे 1-2 दिन में निगमायुक्त व अन्य उच्च अधिकारियों के साथ जाकर निरीक्षण करेंगे। सभी नोडल एजेंसियां एक टीम के रूप में तालमेल के साथ काम करें। उन्होंने कहा कि अधिकारी यह प्रयास करें कि बरसात होने पर क्रिटीकल स्थानों पर पंप सैट तत्काल चालू हो जाएं।

जीएमडीए के एसई राजेश बंसल ने उपायुक्त को बताया कि ताउ देवी लाल स्टेडियम में जलभराव की समस्या से निपटने के लिए दो पंप सैट अलग से लगाए गए हैं। वहां पर पंप सैट पर 24 घंटे आप्रेटर की ड्यूटी लगाई गई हैं। इसके अलावा, क्रिकेट ग्राउंड की तरफ से आने वाले पानी के लिए एक बंध बनाया गया है। इसी प्रकार, जिला से होकर गुजरने वाले हाइवे पर बने अंडरपास में जलभराव को लेकर एनएचएआई के अधिकारियों के साथ माॅकड्रिल भी की जा चुकी है। इसके साथ ही जीएमडीए द्वारा जलभराव संबंधी समस्याओं के समाधान के लिए कंट्रोल रूम-18001801817 तथा 0124-4753555 भी स्थापित किया जा चुका है। इनके अलावा, फोन नंबर 0124-2322877 पर भी संपर्क किया जा सकता है।

बैठक में बादशाहपुर के एसडीएम सतीश यादव, पटौदी के एसडीएम प्रदीप कुमार, जीएमडीए के एसई राजेश बंसल , एसई विशाल बंसल, एक्सईएन विक्रम सिंह, पशुपालन विभाग की उप निदेशक डा. पुनीता सहित कई अधिकारीगण उपस्थित थे।

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