इनसो प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप देशवाल ने दस्तावेजों के साथ किया खुलासाघोटालों समेत एमडीयू के कई गंभीर मुद्दों को लेकर राज्यपाल से करेंगे मुलाकात – देशवाल रोहतक, 30 जून। महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (एमडीयू) के वीसी पर कई घोटालों के गंभीर आरोप लगे है। इन घोटालों को लेकर बुधवार को छात्र इकाई इंडियन नेशनल स्टूडेंट्स आर्गेनाइजेशन (इनसो) के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप देशवाल ने प्रेस वार्ता करते हुए पूरे दस्तावेज़ों के साथ बड़ा खुलासा किया। प्रदीप देशवाल ने बताया कि जून, 2019 में एमडीयू के वीसी राजबीर सिंह ने करीब दो करोड़ 54 लाख रुपए घोटाला करते हुए विश्वविद्यालय को चूना लगाया है। देशवाल ने कहा कि विश्वविद्यालय में नौकरियों की भर्ती का घोटाला, बागवानी विभाग में घोटाला, छात्रों की फीस में घोटाला, ऐसे एक के बाद एक कई घोटाले हुए है। इन सभी गंभीर मामलों को लेकर इनसो का प्रतिनिधिमंडल जल्द ही राज्यपाल से मुलाकात करेगा और महामहिम को सभी दस्तावेज सौंपेंगा। इनसो अध्यक्ष ने कहा कि कोरोना महामारी में जब पूरे देश में लॉकडाउन लगा हुआ था तो एमडीयू के वीसी अपने चहेतों को नौकरियां बांटकर एमडीयू में बड़े भर्ती घोटाले को अंजाम दे रहे थे। उन्होंने कहा कि वीसी ने बिना किसी विज्ञापन के लगभग 90 हजार रुपये तक के वेतन के पदों पर अपने चहेतों को बैठाया, जिसमें चीफ कन्सल्टंट हॉस्पिटैलिटी व चीफ कन्सल्टंट सिक्योरिटी के पद शामिल है। उन्होंने आगे कहा कि यही नहीं वीसी के एक नजदीकी अधिकारी की पत्नी को भी लॉकडाउन के दौरान एमडीयू में इसी तरह नौकरी दी गई। देशवाल ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान एमडीयू में कितने लोगों को और कितने वेतन पर नौकरियां दी गई, इसका जवाब वीसी राजबीर सिंह दें। एमडीयू के बागवानी विभाग में भी हुआ बड़ा घोटाला – प्रदीप देशवाल प्रदीप देशवाल ने पत्रकार वार्ता के दौरान एमडीयू के एक और घोटाले का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के बागवानी विभाग में भी बड़ा घोटाला हुआ है। देशवाल ने कहा कि कोरोना महामारी के आड़ में लॉकडाउन के दौरान विश्वविद्यालय में 19 हजार से ज़्यादा हरे भरे पेड़ों को काट कर बेचा गया। उन्होंने कहा कि जब रात के अंधेरे में एमडीयू से पेड़ काट कर ले जाने वाले ट्रैक्टर ट्राली को सुरक्षा कर्मचारियों ने पकड़ा तो एमडीयू अधिकारियों ने उनपर मुकदमा दर्ज करवाने की बजाय उल्टा सुरक्षा कर्मचारियों को ही धमकाया और उसके बाद पकड़े गए ट्रैक्टर ट्राली वीसी कार्यालय से गायब करवा दिए गए। उन्होंने कहा कि आखिर पेड़ों से भरे हुए ट्रैक्टर ट्राली कहां गायब हुए, इसका जवाब एमडीयू के वीसी दें। देशवाल ने कहा कि जहां एक तरफ एमडीयू आर्थिक संकट से जूझ रही है, कच्चे कर्मचारियों को तीन-तीन महीने से उनका वेतन नहीं मिल पा रहा है और दूसरी तरफ एमडीयू के वीसी ऐसे बड़े-बड़े घोटाले करके विश्वविद्यालय को चूना लगा रहे है। यही नहीं देशवाल ने सवाल किया कि वीसी द्वारा अपनी कोठी के सौंदर्यीकरण पर लगभग एक करोड़ रुपए खर्च करना कहां तक जायज है? प्रदीप देशवाल ने ये भी बताया कि एमडीयू बॉय्ज हॉस्टलों में छात्रों द्वारा ली गई फीस में भी धांधली हुई है। उन्होंने कहा कि छात्रों द्वारा इनसो छात्र संघ को फीस की जो रसीद मिली है उनको देख कर साफ जाहिर हो रहा है कि इसमें घोटाला हुआ है। देशवाल ने कहा कि एक समान फीस होने के बावजूद छात्रों से अलग-अलग फीस ली गई। उन्होंने इस मामले में चीफ वार्डन की भूमिका की जांच करवाने की मांग की। वहीं देशवाल ने एमडीयू के गर्ल्ज़ हॉस्टलों में हुई कथित आत्महत्याओं की न्यायिक जांच करवाने की मांग भी की। उन्होंने कहा कि कुछ समय पहले एमडीयू के रोज़ गार्डन में भी एक युवा की लाश मिली थी, उस मामले की भी न्यायिक जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि न्यायिक जांच से सच्चाई लोगों के सामने आएगी और पीड़ित परिवारों को न्याय मिलेगा। प्रदीप देशवाल ने कहा कि इनसो जल्द ही वीसी के अन्य कई पुराने मामलों को लेकर भी एक प्रेसवार्ता करके बड़ा खुलासा करेगी क्योंकि इनसो को अपने विश्वसनीय सूत्रों से कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज मिले हैं जिनमें वीसी राजबीर सिंह की शैक्षणिक योग्यताओं, पहले वाली नौकरी के अनुभव आदि के संबंध में है। Post navigation किसानों की दुर्दशा के लिए भाजपा व कांग्रेस जिम्मेदार, विपक्ष नाम की कोई चीज नहीं: अभय सिंह चौटाला महम में जल्द शुरू किए जाएंगे बुजुर्गों की आंखों के निःशुल्क ऑपरेशन – बलराज कुंडू