बीते कई दिनों से हेलीमंडी में बना हुआ है पेयजल संकट.
हेलीमंडी और जाटोली दोनों ही बूस्टर में नहीं है पर्याप्त पानी.
जन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मस्त और आम जनता त्रस्त

फतह सिंह उजाला
पटौदी । 
   हरियाणा सरकार के द्वारा पानी बचाने का आह्वान करते हुए मेरा पानी-मेरी विरासत योजना का युद्ध स्तर पर प्रचार किया जा रहा है । लगता है पटौदी जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग ने भी कमर कस ली है कि पानी ही अब बचाना है ?  बेशक से आम जनता गर्मी में बूंद बूंद पानी के लिए ही क्यों न भटकती रहे ।

हेलीमंडी में पानी की आपूर्ति के लिए बनाया गया बूस्टर पानी के अभाव में पूरी तरह से दम तोड़ता हुआ दिखाई दे रहा है । हेलीमंडी में बीते कई दिनों से आम आदमी के लिए पानी का संकट बना हुआ है । पानी आपूर्ति का कोई समय भी निश्चित नहीं है । इस संदर्भ में बीते कई दिनों से लगातार जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग के अधिकारियों को भी जनप्रतिनिधियों के अलावा आम जनता के द्वारा शिकायत की जा रही है कि हेलीमंडी में पीने के पानी का संकट बना हुआ है। लेकिन लगता है अधिकारी अपनी मस्ती में मस्त है और जनता बूंद बूंद पानी के लिए तरस रही है । गौरतलब है कि करीब 41 करोड रुपए की नहरी पेयजल आधारित परियोजना के तहत 14 नवंबर 2017 को हेलीमंडी बूस्टर का हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर के द्वारा उद्घाटन किया गया था और मजे की बात यह है कि 41 करोड रुपए की इस परियोजना के उद्घाटन के 2 वर्ष बाद तक भी हेली मंडी और जाटोली के विभिन्न वार्डों में पेयजल आपूर्ति के लिए पाइप लाइन नहीं बिछाई जा सकी थी । जब जब पीने के पानी के संकट को लेकर लोगों के द्वारा शोर मचाया गया तो जहां-जहां अधिक लोगों का दबाव देखा गया उस क्षेत्र में पानी की पाइप लाइन डालने का काम भी किया जाता रहा।

सूत्रों के मुताबिक हेलीमंडी और जाटोली दोनों इलाकों में पानी की आपूर्ति के लिए अलग-अलग बूस्टर और बूस्टर पर ही जनरेटर भी रखे गए । जनरेटर इसलिए रखे गए हैं की किन्ही कारणों से बिजली की आपूर्ति बाधित हो तो जनरेटर चलाकर आम जनता को पानी उपलब्ध करवाया जा सके। जानकारी के मुताबिक हेली मंडी बूस्टर के टैंक में 21 लाख लीटर पानी स्टोरेज की व्यवस्था है । इसी प्रकार से जाटोली के बूस्टर के टैंक की क्षमता लगभग 15 लाख लीटर पानी की बताई गई है । मंगलवार को अचानक से कुछ लोगों के मोबाइल फोन पर मैसेज आया कि आज पानी की आपूर्ति रात 9 बजे की जाएगी। इस विषय में हेली मंडी बूस्टर पर उपलब्ध कर्मचारी से जानकारी मांगी गई तो बेहद चैंकाने वाली बात सामने आई कि बूस्टर के टैंक में पर्याप्त मात्रा में पानी ही उपलब्ध नहीं है । यही स्थिति जाटोली स्थित बूस्टर के संदर्भ में भी बताई गई ।अब ऐसे में लाख टके का सवाल यह है कि 21 लाख और 15 लाख लीटर क्षमता के वाटर टैंक में क्या एक समय के लिए भी आपात स्थिति में पानी आपूर्ति स्टोरेज की कोई व्यवस्था नहीं है। या फिर जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग के अधिकारी भी पेयजल संकट सहित तेजल की शिकायतों को बिल्कुल भी गंभीरता से नहीं ले रहे हैं ।

इससे भी और अधिक हैरानी करने वाली बात यह है कि एक तरफ तो 21 लाख और 15 लाख लीटर पानी स्टोरेज की क्षमता के बूस्टर में टैंक बने हुए हैं , जहां आपात स्थिति में आम लोगों के वास्ते पानी स्टोरेज करने तक की भी कोई व्यवस्था बूस्टर के उद्घाटन किया जाने के करीब 4 वर्ष बाद भी नहीं की जा सकी है । दूसरी ओर हेली मंडी और जाटोली इलाके में कथित रूप से आज भी चार या पांच वाटर सप्लाई के द्वारा पानी की आपूर्ति का काम किया जा रहा है । वहीं दूसरी ओर कई वाटर सप्लाई ऐसी है जिन्हें विभाग की तरफ से पूरी तरह से नाकारा घोषित करते हुए इनकी मोटर निकालकर बिजली के कनेक्शन तक भी कटवाए जा चुके हैं । यह दोहरा मापदंड जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग के द्वारा क्यों और किसके इशारे पर अपनाया हुआ है ? निश्चित ही जांच का विषय बना हुआ है ।

हेली मंडी क्षेत्र के लोगों की पटौदी के एमएलए एडवोकेट सत्य प्रकाश जरावता, पटौदी के एसडीएम प्रदीप कुमार , जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी मंत्री, गुरुग्राम के जिला उपायुक्त , हरियाणा के मुख्यमंत्री से मांग है कि हेली मंडी और जाटोली में आपात स्थिति में पेयजल आपूर्ति के लिए यहां जितने भी वाटर सप्लाई है , उन सभी को जल्द से जल्द पेयजल आपूर्ति के लिए चालू करवाया जाए । जिससे कि कोरोना महामारी और इसके तीसरी लहर की संभावनाओं के बीच आम जनमानस स्वास्थ्य विभाग और सरकार की गाइडलाइंस के मुताबिक कम से कम अपने हाथ नियमित अंतराल पर साबुन से साफ करता रहे। पानी मिलता रहेगा तो आम जनता पानी पी भी लेगी और भोजन बनाने के काम भी आएगा । अब देखना यह है कि शासन-प्रशासन के द्वारा हेली मंडी के नकारा हो चुके बूस्टर को ध्यान में रखते हुए आम जनता को पानी उपलब्ध होता रहे , इसके लिए किस प्रकार की व्यवस्था कर राहत उपलब्ध करवाई जाती है। 

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