गुडग़ांव, 28 जून (अशोक): निजी स्कूलों की मनमानी को लेकर आए दिन शिकायतें प्रदेश सरकार से लेकर जिला प्रशासन तक आती रही हैं, लेकिन अभिभावकों की समस्याओं का समाधान नहीं हो पाता। पीडि़त अभिभावकों को न्याय दिलाने में जुटे कैलाश चंद अधिवक्ता का कहना है कि इस प्रकार की शिकायतें गुडग़ांव, रेवाड़ी, फरीदाबाद, मेवात व पलवल जिलों के अभिभावकों से उनके पास आती रही हैं।

रेवाडी के एक अभिभावक ने एक निजी स्कूल के खिलाफ शिक्षा निदेशालय को शिकायत की थी कि अमान्य मदों की फीस स्कूल में जमा न करने पर स्कूल प्रबंधन द्वारा उनके बच्चे की 9वीं कक्षा की न तो परीक्षा कराई गई और न ही उसे उतीर्ण किया गया, जिस कारण से बच्चे का एक वर्ष खराब हो गया। उसे 9वीं कक्षा में ही रख दिया गया। जब अभिभावक बच्चे की एसएलसी लेने गए तो वह भी देने से मना कर दिया गया। जिस कारण से उनका बच्चा दूसरे स्कूल में दाखिला भी नहीं ले पा रहा है।

कैलाश चंद का कहना है कि गुडग़ांव मंडल के आयुक्त ने उनके द्वारा दी गई शिकायत पर संज्ञान लेते हुए जिला शिक्षा अधिकारी रेवाड़ी को आदेश दिए हैं कि एक सप्ताह के भीतर टैगोर पब्लिक स्कूल से संबंधित मुकेश कुमार अभिभावक की शिकायत का निपटारा कर आदेश जारी किए जाएं। उनका कहना है कि अब यह देखना होगा कि जिला शिक्षा अधिकारी व अन्य उच्चाधिकारी इस बारे में क्या कार्यवाही करते हैं। क्या वे गुडग़ांव मंडल के आयुक्त के आदेशों की पालना करेंगे या नहीं।

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