गुरूग्राम, 28 जून। कोरोना संक्रमण के दौर में जहां दिन प्रतिदिन संक्रमित मरीजों की संख्या तेजी से कम हो रही है वहीं दूसरी ओर जिला में कोरोना संक्रमण के रिकवरी रेट का आंकड़ा बढ़कर 99.43 प्रतिशत पहुंच गया है। इस आंकड़े के साथ ही गुरूग्राम जिला प्रदेश में रिकवरी रेट के मामले में पहले स्थान पर पहुंच गया है। इससे लगता है कि गुरूग्राम जिला में अब कोरोना दम तोड़ रहा है।

इस बारे में जानकारी देते हुए उपायुक्त डा. यश गर्ग ने बताया कि जिला में कोरोना संक्रमित मरीजों की पहचान के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा सघन टेस्टिंग व ट्रेसिंग अभियान चलाया जा रहा है ताकि स्वस्थ लोगों तक यह संक्रमण ना फैले। ऐसे मरीजों की समय रहते पहचान होने से कोरोना संक्रमण को समय रहते रोकने में मदद मिलती है। इसी कड़ी में जिला में 27 जून को भीड़-भाड़ वाले इलाकों में टेस्टिंग अभियान चलाया गया। इस अभियान के तहत जिला में रविवार को 5 अलग-अलग स्थानों पर 500 लोगों की कोरोना संक्रमण को लेकर टेस्टिंग की गई जिसमें से एक भी व्यक्ति की रिपोर्ट पाॅजीटिव नही आई। उन्होंने बताया कि खांडसा मंडी पर 98, सुभाष चैंक पर 123, नाथूपुर दिल्ली बोर्डर से 119, खेड़कीदौला से 98 तथा कापसहेड़ा बाॅर्डर से 113 लोगों की सैंपलिंग की गई। उन्होंने बताया कि जिला में मृत्यु दर में भी गिरावट दर्ज की जा रही है। अब जिला में कोरोना की वजह से होने वाली मृत्यु की दर घटकर 0.49 प्रतिशत हो गई है। इसी प्रकार , जिला में पाॅजीटिविटी रेट भी घटकर 11 प्रतिशत तक हो गया है जबकि ग्रोथ रेट 0.008 प्रतिशत है।

जिला सर्विलांस अधिकारी डा. जयप्रकाश ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग तथा जिलावासियों के सहयोग के चलते अब लोगों में कोरोना संक्रमण को लेकर जागरूकता भी बढ़ी है। जिला प्रशासन द्वारा कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर आवश्यक जानकारी भी लोगों से सांझा की जा रही है। उन्होंने बताया कि हमारा प्रयास है कि लोगों को अधिक से अधिक स्वास्थ्य सुविधाएं दी जाएं और उनमें कोविड संक्रमण के बचाव उपायों के बारे में जागरूकता बढ़े। इसके लिए स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा सेवा तथा समर्पण भाव से कार्य करते हुए लोगों को जरूरत अनुसार उनके घर तक स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही है।

उन्होंने बताया कि जिला में कोरोना संक्रमित व्यक्ति की समय रहते पहचान होने से उनका समय पर इलाज हो जाता है। उन्होंने जिलावासियों से अपील करते हुए कहा कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए जरूरी है कि लोग जल्द से जल्द अपना टीकाकरण करवाएं और सोशल डिस्टेंसिंग व फेस मास्क का प्रयोग करें। टीकाकरण के बाद भी व्यक्ति को एसएमएस अर्थात् सोशल डिस्टेंसिंग , मास्क व सैनिटाइजेशन की पालना करनी होगी। ऐसा करके हम स्वयं को ही नही बल्कि अपने परिचितों व परिजनों को भी सुरक्षित रख सकते हैं।

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