डीसीपी को अदालत में व्यक्तिगत रुप से पेश होने के दिए आदेश …………. अगली सुनवाई 3 जुलाई को गुडग़ांव, 10 जून (अशोक): नाबालिका के वीडियो को तोड़-मरोडकर प्रसारित करने के मामले में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अश्विनी कुमार मेहता की अदालत में गत दिवस सुनवाई हुई। सभी आरोपी अपने अधिवक्ताओं के साथ अदालत में पेश हुए। अभियोजन पक्ष ने कुछ गवाहों की गवाहियां भी कराई, लेकिन कुछ गवाह अदालत में पेश नहीं हुए। अदालत ने इसको गंभीरता से लेते हुए अगली तारीख पर गवाहों के पेश होने के आदेश दिए हैं। अदालत ने पुलिस के डीसीपी वेस्ट को व्यक्तिगत रुप से अदालत में पेश होने के आदेश भी जारी किए हैं। अदालत ने अब इस मामले की सुनवाई के लिए 3 जुलाई की तारीख निश्चित कर दी है। पीडि़ता के अधिवक्ता धर्मेंद्र कुमार मिश्रा व इस मामले की पैरवी कर रही सामाजिक संस्था जन जागरण मंच के अध्यक्ष हरी शंकर कुमार से प्राप्त जानकारी के अनुसार अदालत ने पिछली तारीख पर गवाही देने के लिए पेश न होने पर 2 पुलिस अधिकारियों के खिलाफ जमानती वारंट जारी किए थे, लेकिन कोर्ट के आदेश के बावजूद संबंधित अधिकारी पेश नहीं हुए। उनका कहना है कि उनके विरुद्ध अदालत ने गिरफ्तारी वारंट जारी कर 3 जुलाई को अदालत में पेश होने के आदेश जारी कर दिए हैं। एक गवाह की गवाही भी अभियोजन पक्ष ने कराई। पीडि़ता के अधिवक्ता ने पुलिस पर साक्ष्य मिटाने के आरोप भी लगाए हैं। अधिवक्ता ने पिछली तारीख पर इस संबंध में अदालत में एक अर्जी भी दायर की थी, लेकिन इस अर्जी पर अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई है। अधिवक्ता का कहना है कि आरोपी पक्ष जानबूझकर ट्रायल को आगे बढ़ाने में बाधा उत्पन्न कर रहे हैं। पुलिस द्वारा क्लोजर रिपोर्ट में चैनल के निदेशक के विरुद्ध कार्यवाही बंद की गई है। यह किस आधार पर बंद की गई, उन दस्तावेजों व रिपोर्ट की मांग भी की गई है। उनका कहना है कि अदालत उनकी अर्जी पर संभवत: अगली तारीख पर सुनवाई करेगी। गौरतलब है कि वर्ष 2013 की 2 जुलाई को पालम विहार क्षेत्र के सतीश कुमार (काल्पनिक नाम) के घर संत आसाराम बापू आए थे। बापू ने परिवार के सदस्यों सहित उनकी 10 वर्षीय भतीजी को भी आशीर्वाद दिया था। उस समय सतीश के घर के कार्यक्रम की वीडियो आदि भी बनाई गई थी। बापू आसाराम प्रकरण के बाद टीवी चैनलों ने बनाई गई वीडियो को प्रसारित किया था। परिजनों ने आरोप लगाए थे कि उनकी व आसाराम बापू की छवि धूमिल करने के लिए वीडियो को तोड़-मरोडकऱ अश£ील व अभद्र तरीके से प्रसारित किया गया था। जिससे परिवार व मासूम बालिका को मानसिक व सामाजिक रुप से कष्ट झेलना पड़ा था। आहत होकर परिजनों ने पालम विहार पुलिस थाना में शिकायत दर्ज कराई थी। इस मामले की पैरवी सामाजिक संस्था जन जागरण मंच के अध्यक्ष हरी शंकर कुमार व उनकी टीम करती आ रही है। Post navigation अदालत ने बिजली निगम की कार्यवाही को पाया गलत महावीर चौक पर लगी लाईटें न जलने से छाया रहता है अंधेरा ……