किसानों द्वारा बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ओपी धनकड़ के कार्यक्रम के विरोध को कवर करते हुए NDTV के पत्रकर पर हुआ था पुलिस हमला। एडवोकेट प्रदीप रापड़िया के माध्यम से प्रेस काउंसिल के सामने की थी याचिका दायर।

चरखी दादरी/चंडीगढ जयवीर फोगाट

27 जून,रविवार NDTV के कुरुक्षेत्र जिले के रिपोर्टर कमल सैनी की शिकायत प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया ने हरियाणा सरकार के मुख्य सचिव, ग्रह विभाग के सचिव, डीजीपी हरियाणा और कुरुक्षेत्र के पुलिस अधीक्षक को नोटिस जारी करते हुए दो हफ्ते के अंदर जवाब मांगा है। दरअसल 16 अप्रैल को कुरूक्षेत्र में आयोजित बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ओपी धनकड़ के कार्यक्रम का किसान विरोध कर रहे थे। उसी वक्त NDTV के पत्रकार कमल सैनी घटना को कैमरे में रिकॉर्ड कर रहे थे कि उसी वक्त पुलिस कर्मियों ने उस पर हमला कर दिया और उनको घसीट कर ले जाने लगे वह उनका कैमरा छीनने की भी कोशिश की।

निष्पक्ष पत्रकारिता करना भी अब एक जुर्म हो गया है, क्योंकि आए दिन पत्रकारों की कलम को रोकने के लिए उन पर हमला होता रहता है और आला अधिकारी भी कोई कार्यवाही नहीं करते। इस मामले में भी जब पुलिस अधीक्षक कुरुक्षेत्र को शिकायत देने पर भी कोई कार्यवाही नहीं हुई तो पत्रकार कमल सैनी ने एडवोकेट प्रदीप रापड़िया के माध्यम से प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के सामने याचिका दायर की।

21 जून को प्रेस कौंसिल ने हरियाणा सरकार के मुख्य सचिव, ग्रह विभाग के सचिव, डीजीपी हरियाणा और कुरुक्षेत्र के पुलिस अधीक्षक को नोटिस जारी करते हुए कहा है कि प्रथम दृष्टया मामला प्रेस की स्वतंत्रता का हनन लगता है तो ऐसे में पुलिस कारण बताए कि उनके ख़िलाफ़ सख़्त कार्यवाही क्यों न की जाए।

पत्रकार के वकील प्रदीप रापड़िया ने बताया कि दरअसल किसी भी पत्रकार पर हमला लोगों के बोलने व अभिव्यक्ति के मौलिक आधिकार पर हमला है, क्योंकि पत्रकार नागरिकों की आवाज माने जाते हैं।

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