–कमलेश भारतीय लोगों की सेवा कर सकूं, इसलिए प्रशासनिक सेवा को चुना । इसमें लोगों की मदद करने का अवसर है । बस , मुझे न कोई पुरस्कार की चाह है और न किसी पहचान की । यह कहना है मध्यप्रदेश के इंदौर की एडीसी व कथाकार सपना शिवाले सोलंकी का । वे मूल रूप से मध्यप्रदेश के बालाघाट की निवासी हैं और पापा रविशंकर शिवाले बैंक मैनेजर थे और घर में बच्चों की सभी पत्रिकायें आती थीं , जिससे बचपन से ही साहित्य के प्रति लगाव पैदा हो गया । अचानक मुझे इनका कथा संग्रह मिला तब परिचय जाना और बातचीत की । -पढ़ाई कहां की ?-सागर विश्वविद्यालय से एम. ए.भूगोल शास्त्र । प्रशासनिक क्षेत्र में आने से पहले कोई जाॅब ?-बालाघाट में ही भूगोलशास्त्र की असिस्टेंट प्रोफेसर। साथ साथ पब्लिक सर्विस कमीशन की तैयारी। +–कब सेलेक्ट हुई ?-सन् 2001 में ज्वॉइन 2002 में किया । -काॅलेज में पढ़ते समय क्या शौक रहे ?-जगजीत सिंह की गज़लें सुनना और साहित्य पढ़ना । बड़ी पढ़ाकू किस्म की छात्रा रही । गोल्ड मेडल मिला एम ए भूगोल शास्त्र में । -भूगोल शास्त्र में ही एम ए क्यों ?-प्रकृति में बहुत रूचि थी , इसलिए । प्रकृति को हरा भरा देखना चाहती थी । पृथ्वी कैसे बनी ? चंदा मामा की असलियत क्या है ? कैसा बना चंदा मामा तो ये सवाल मुझे इस विषय में ले गये। -पति और परिवार?-पंकज सोलंकी हैं मेरे पति जो एक साॅफ्टवेयर इंजीनियर हैं मल्टी नेशनल कम्पनी में कार्यरत हैं लेकिन साहित्य में खासतौर पर व्यंग्य में उनकी गहरी रूचि है । चाहे मायके रही या ससुराल किताबों पर कोई अंकुश नहीं रहा । दो बेटियां हैं- तरूषी और अनन्या। -कोई कथा संग्रह आया ? नदी -सी तुम । मेरा कथा संग्रह है जिसमें पारिवारिक पृष्ठभूमि की कहानियां हैं और प्रेम से जीवन कैसे बदल जाता है इसको आधार बनाया गया है । अलविदा और खुशी के पल ऐसी ही चर्चित कहानियां हैं मेरी । मधुरिमा और स्वदेश में आईं और खूब चर्चित रहीं तब कथा संग्रह प्रकाशित किया । कहानियों में प्रेम के कितने रूप हैं और व्यक्ति कितना बदल जाता है इसे लिखने की कोशिश रही -कौन से लेखक पसंद ?-पहले बचपन में प्रेमचंद , शिवानी फिर कमलेश्वर व यशपाल को खूब पढ़ा है । इन दिनों कमलेश्वर का कथा संग्रह खोया हुआ आदमी और यशपाल का कामरेड खासतौर पर से मंगवा कर पढ़ रही हूं । प्रशासनिक अधिकारी ही क्यों बनीं ? प्रशासनिक अधिकारी के रूप में लोगों के लिए समाज के लिए बेहतर कार्य करनें के बहुत अवसर मिलते हैं शासकीय सेवा के माध्यम से लोगों की सेवा करनें का अवसर मिलता है। यह बेहतर है लोगों की मदद करने के लिए । साहित्य के क्षेत्र में मुझे कोई पुरस्कार चाहिए और न ही कोई पहचान। बस लिखती रहूँ और अच्छा सन्देश समाज तक पहुँचा सकूँ यही उद्देश्य है और आने वाले समय में उपन्यास भी लिखने का मन है । हमारी शुभकामनाएं सपना शिवाले सोलंकी को । आप इस नम्बर पर प्रतिक्रिया दे सकते हैं: 9425190852 Post navigation काले दिन और अच्छे दिन,,,? एचएयू में बनेगा जर्नल क्लब, विद्यार्थी व वैज्ञानिक होंगे लाभांन्वित : प्रोफेसर बी.आर. काम्बोज