घटना बुधवार दोपहर पटौदी और बिलासपुर के बीच मिल की. करीब एक दर्जन फायर ब्रिगेड की गाड़ियां मौके पर पहुंची. आग से किसी प्रकार के जानी नुकसान की नहीं है सूचना फतह सिंह उजाला पटौदी । पटौदी क्षेत्र में बुधवार को एक काॅटन फीड डायल मिल में अचानक आग लग गई । आग इतनी भयंकर और भयावह थी कि मिल परिसर सुलगती आग में पूरी तरह से लाल ही लाल दिखार्द दिया। आग पर काबू पाने के लिए करीब एक दर्जन फायर ब्रिगेड की गाड़ियों और फायर कर्मचारियों को लगभग 4 घंटे से अधिक तक मशक्कत करनी पड़ी । गनीमत यही रही कि जिस समयं आगजनी की यह घटना हुई मौके पर कोई भी कर्मचारी अथवा मजदूर काम करने के लिए मौजूद नहीं था । जानकारी के मुताबिक पटौदी और बिलासपुर के बीच में स्थित जय श्री फर्टिलाइजर एवं केमिकल फैक्ट्री परिसर के ही पीछे लगभग 10000 वर्ग फुट क्षेत्रफल में सालासर आयल मिल के नाम से एक फैक्ट्री स्थित है । सूत्रों के मुताबिक यहां पर कपास से बिनौला अलग करके कथित रूप से ऑयल निकालने के साथ-साथ रुई को अलग करने का काम किया जाता है । मौके पर मिले सालासर आयल मिल के मैनेजर आदित्य के मुताबिक बुधवार को जो आगजनी की घटना हुई , उसके पीछे मोटर में स्पार्किंग होना बताया गया । जिसकी वजह से वहां फैक्ट्री परिसर में रखे बिनोले , रूई सहित बोरों में आग सुलग उठी। आग उगलते सूरज की तपिश और गर्मी के कारण देखते ही देखते आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। हालांकि सालासर आयल मिल के प्रबंधकों के द्वारा दावा किया जा रहा है कि आग सामान्य रूप से ही लगी और फैली । लेकिन मौके पर जो हालात देखे गए वह दिल दहलाने वाले महसूस किए गए । सूत्रों के मुताबिक बुधवार को सालासर आयल मिल परिसर मैं दोपहर के समय लगभग सवा एक बजे के आसपास अचानक से आग लग गई । उस समय कोई भी कर्मचारी अथवा मजदूर उस क्षेत्र में मौजूद नहीं था , जिस जगह पर मोटर में स्पार्किंग होने से आग लगना बताया गया है । संभवत यही कारण रहा कि आग चुपचाप लेकिन बहुत तेजी से बेकाबू होकर फैलती चली गई । मौके पर कवरेज के लिए पहुंचने पर देखा गया कि चार फायर ब्रिगेड की गाड़ियां और फायर कर्मचारी आग बुझाने की मशक्कत में जुटे हुए थे । काॅटन फीड आयल मिल परिसर में अधिकारी वर्ग के लिए बैठने और काम करने वाला केबिन भी आग की भेंट चढ़ चुका था। आग की तपिश और भभक सहित धंुआ इतना भयंकर तरीके से फैला हुआ था कि आंखों में तेज जलन के साथ-साथ सांस लेना भी मुश्किल हो रहा था । आग पर जल्दी से जल्दी काबू पाने के लिए फायर विभाग के ही कर्मचारियों के द्वारा संबंधित आयल मिल कि एक तरफ की लोहे की चादर गैस कटर के साथ काटने के लिए मजबूर होना पड़ गया। जिससे कि मिल परिसर क्षेत्र में तेजी से सुलग रहे बिनौले ,रूई और खाली बोरों को पानी डालकर सुलग रही आग को जल्द से जल्द शांत किया जा सके । बिनौले से ऑयल निकालने वाला कोल्हू सहित अन्य उपकरण भी आग की चपेट में आने से एक तरह से नकारा ही होते हुए दिखाई दिए । जानकारी के मुताबिक सालासर आयल मिल में दोपहर करीब सवा एक बजे लगी आग को सायं 5 बजे तक भी पूरी तरह से शांत नहीं किया जा सका था और फायर विभाग के कर्मचारी आग को पूरी तरह से शांत करने में जुटे हुए थे। बहरहाल सबसे बड़ी राहत की बात यही है कि यहां आगजनी की घटना में किसी भी प्रकार के जानी नुकसान की सूचना नहीं है । कुल मिलाकर बुधवार को भड़की आग के कारण कितना नुकसान हुआ ,इस मामले में भी सालासर आयल मिल के प्रबंधक आदित्य का कहना था कि जब पूरी तरह से आग बुझ जाएगी उसके बाद ही इस बात का आकलन किया जा सकेगा कि आज की वजह से कितना नुकसान हो चुका है। आगजनी के घटना स्थल का फायर विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के द्वारा भी मुआयना किया गया। सूत्रों के मुताबिक जिस परिसर में आग लगी वह 10 हजार वर्ग फीट सालासर आयल मिल संचानकों के द्वारा किराये पर लिया हुआ है। Post navigation अपनी दिनचर्या में शामिल करें योग: स्वामी राजगीरी मेरे पिता से मुझे कबीर साहेब का उपदेश नही मिलता तो इस मुकाम पर नही पहूँच सकता : सत्यप्रकाश जरावता