वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक

कुरुक्षेत्र : धर्मनगरी के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पण्डित संयोगानंद ने शत्रुओं पर विजय प्राप्ति के लिए महत्वपूर्ण जानकारी देते हुए बताया कि दीपावली का पर्व हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस पावन पर्व पर देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना की जाती है। इनमें से एक प्रमुख देवी हैं मां बगलामुखी। मां बगलामुखी को शक्ति की देवी माना जाता है और इनकी पूजा विजय प्राप्ति और शत्रुओं का नाश करने के लिए की जाती है। दीपावली के शुभ अवसर पर मां बगलामुखी की साधना करने से विशेष फल प्राप्त होते हैं।

मां बगलामुखी कौन हैं ?
मां बगलामुखी दस महाविद्याओं में से एक हैं। मां बगलामुखी शत्रुओं को दबाने वाली, रोगों का निवारण और विजय दिलाने वाली देवी हैं।

दीपावली पर मां बगलामुखी की साधना का महत्व।
दीपावली के दिन मां बगलामुखी की साधना करने से कई लाभ होते हैं: शत्रु नाश: मां बगलामुखी की कृपा से शत्रुओं का नाश होता है और व्यक्ति को विजय प्राप्त होती है।

वाणी पर नियंत्रण: मां बगलामुखी वाणी की देवी भी हैं। इनकी साधना करने से व्यक्ति को वाणी पर नियंत्रण प्राप्त होता है और वह दूसरों को प्रभावित कर सकता है।

मनोबल में वृद्धि: मां बगलामुखी की साधना से व्यक्ति का मनोबल बढ़ता है और वह किसी भी कठिन परिस्थिति का सामना करने में सक्षम हो जाता है।

सफलता: मां बगलामुखी की कृपा से व्यक्ति को जीवन के सभी क्षेत्रों में सफलता मिलती है।

दीपावली पर मां बगलामुखी की साधना कैसे करें ?
शुद्धता: साधना से पहले शरीर और मन को शुद्ध करें। स्नान करके पीले रंग के कपड़े पहनें। आसन भी पीला होना चाहिए।
स्थान: साधना के लिए एक शांत और एकांत स्थान चुनें।
पूजा सामग्री: मां बगलामुखी की मूर्ति या चित्र, दीपक, धूप, अगरबत्ती, फूल, फल, मिठाई, चंदन, रोली, अक्षत, जल आदि की व्यवस्था करें।
मंत्र जाप: मां बगलामुखी का मंत्र जाप करें। मंत्र जाप करते समय एकाग्रचित रहें।
पूजा विधि: मां बगलामुखी की विधिपूर्वक पूजा करें।

सावधानियां
मां बगलामुखी की साधना को किसी अनुभवी गुरु के मार्गदर्शन में ही करना चाहिए।
साधना के दौरान किसी भी प्रकार का नकारात्मक विचार मन में न लाएं।
साधना को नियमित रूप से करें।

ध्यान दें: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। मां बगलामुखी की साधना से जुड़ी किसी भी समस्या के लिए किसी अनुभवी गुरु से संपर्क करें।
महत्वपूर्ण: मां बगलामुखी की साधना शक्तिशाली साधना है। इसे सही विधि से और गुरु के मार्गदर्शन में ही करना चाहिए।

पंडित संयोगानंद,श्री गुरुकृपा ज्योतिष केंद्र कुरुक्षेत्र दूरभाष 98028 84305

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