नारनौल। हरियाणा सरकार द्वारा एक के बाद एक सरकारी भर्तियां रद्द करने के फैसले पर असंतोष जताते हुए कहा कि पीजीटी संस्कृत और टीजीटी इंग्लिश समेत कई भर्तियों को रद्द करने के बाद अब सरकार ने जूनियर सिस्टम असिस्टेंट इंजीनियर की भर्ती भी रद्द कर दी।

 पूनम चौधरी ने कहा कि सरकार ने दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम में 146 पदों के लिए भर्ती निकाली थी। लेकिन, भर्ती प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब सरकार कह रही है कि महकमे को जूनियर सिस्टम इंजीनियर की जरूरत ही नहीं है। जरूरत पड़ेगी तो हारटोन के जरिए कच्चे कर्मचारी रख लेंगे। सरकार के इस फैसले से 146 परिवारों को बहुत बड़ा आघात पहुंचा है। क्योंकि, भर्ती में चयन होने के बाद इन युवाओं ने वहां से भी त्यागपत्र दे दिया, जहां ये पहले नौकरी कर रहे थे। अब इनके हाथ में ना सरकारी नौकरी है और ना ही पहले वाला रोजगार। पूनम चौधरी ने चयनित उम्मीदवारों कि सुनने के बाद कहा कि ऐसा लगता है इस सरकार में भर्तियों को रद्द करना एक रिवाज बन गया है। कभी सरकारी खामियों, कभी पेपर लीक, कभी भ्रष्टाचार तो कभी दूसरी वजहों से भर्तियां रद्द हो रही हैं। सरकार की कारगुजारियों का खामियाजा पढ़े-लिखे युवाओं को भुगतना पड़ रहा है।

पूनम चौधरी ने कहा कि सरकार का काम भर्तियां करना होता है, उन्हें रद्द करना नहीं। सरकार को समझना चाहिए कि आज हरियाणा का युवा देश में सबसे ज्यादा बेरोजगारी झेल रहा है। विकराल रूप लेती जा रही बेरोजगारी को काबू करने के लिए जरूरी है कि सरकार ज्यादा से ज्यादा और जल्दी से जल्दी भर्तियां करें। हुड्डा ने कहा कि अलग-अलग सरकारी महकमों में हजारों पद खाली पड़े हुए हैं। लेकिन, सरकार उन्हें भरने का काम नहीं कर रही है। पक्की भर्तियां करने के बजाय ठेका प्रथा को बढ़ावा दिया जा रहा है, ठेकदारी प्रथा को हमने खत्म करने का प्रयास किया था। सभी विभागों में हो रही ठेके पर भर्तियों में जेजेपी-बीजेपी सरकार में जमकर भ्रष्टाचार और युवाओं का शोषण हो रहा है।

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