कागजी कार्रवाई के पूरा होते ही आधिकारिक तौर पर रिहाई के आदेश जारी हो जाएंगे।
इनेलो कार्यकर्ताओं ने बांटे लड्डू।
ओमप्रकाश चौटाला की रिहाई हरियाणा की राजनीति में क्या समीकरण बदलेंगे?
ताऊ की मूर्ति पर पारावारिक सियासी संग्राम तेज देवीलाल के दो पडपौत्र आमने-सामने।

अशोक कुमार कौशिक

 जेबीटी (जूनियर बेसिक ट्रेनिंग) भर्ती घोटाला में सजा काट रहे हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री व भारतीय राष्ट्रीय लोकदल के प्रमुख नेता ओम प्रकाश चौटाला से जुड़ी बड़ी खबर आई है। तिहाड़ जेल प्रशासन ने बताया है कि, चौटाला की सजा पूरी हो गई है। अब वे रिहा हो सकते हैं। जेल प्रशासन की तरफ से चौटाला के वकील अमित साहनी को सूचित किया गया है। जिस पर वकील अमित साहनी ने बताया कि कल रात को चौटाला की सजा पूरी हो गई है। उन्होंने कहा कि, कुछ कागजी कार्रवाई बची हुई है। जिसके पूरा होते ही आधिकारिक तौर पर रिहाई के आदेश जारी हो जाएंगे।

बता दिया जाए कि, घोटाले के मामले में ओम प्रकाश चौटाला को 10 साल कैद की सजा हुई थी। हालांकि, वे अभी तिहाड़ जेल से बाहर ही हैं। वकील का कहना है कि, उनको अब जेल जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। वकील का कहना है कि सजा होने से कल तक सरकारी छूट समेत सभी मिलाकर ओम प्रकाश चौटाला की सजा पूरी हो गई है। वर्ष 2013 में उन्हें जेबीटी भर्ती घोटाले में ही 10 साल की सजा सुनाई गई थी।

यूं तो सत्ता के संघर्ष में देवीलाल परिवार में ओम प्रकाश चौटाला के जेल चले जाने के बाद पारिवारिक कलह  काफी बढ़ गई थी, अब उनके रिहा होने के बाद इसमें ऊबाल आने की संभावनाएं बढ़ गई है। देवीलाल की मूर्ति को लेकर उनके दो पडपौत्र आमने-सामने आ गए है। चौधरी ओमप्रकाश चौटाला की रिहाई हरियाणा में भाजपा जजपा गठबंधन की सरकार के लिए नए सियासी संकट पैदा हो सकते हैं अब दुष्यंत चौटाला पर ज्यादा दबाव बन सकता है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की जाट राजनीति भी ओम प्रकाश चौटाला के बाहर आने के बाद प्रभावित हो सकती है किसान आंदोलन के समर्थन तो इनेलो ने पहले ही दिया हुआ है।

1935 को सिरसा में हुआ था जन्म

ओम प्रकाश चौटाला हरियाणा के विख्यात नेता हैं। वह पांच बार (1970, 1990, 1993, 1996 और 2000) हरियाणा विधान सभा के सदस्य रह चुके हैं। साल 1989 में वह पहली बार प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे। उसके बाद वर्ष 1990, 1991 और 1999 में भी वह मुख्यमंत्री बने। पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला का जन्म 1 जनवरी, 1935 को सिरसा, हरियाणा के एक छोटे से गांव में हुआ था और उनकी शिक्षा-दीक्षा उनके गृहनगर में ही हुई थी। वह पूर्व उप मुख्यमंत्री चौधरी देवी लाल के बेटे हैं। चौधरी देवी लाल ने हरियाणा संघर्ष समिति के संरक्षण में हिस्सा लिया था, जिसका उद्देश्य हरियाणा के लोगों को न्याय दिलवाना और उनकी आवाज सरकार तक पहुंचाना था।

इधर पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला की सजा पूरी होने की जानकारी मिलते ही इनेलो कार्यकर्ताओं ने लड्डू बांटकर खुशी का इजहार किया। इनेलो नेता कर्ण चौटाला के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने खुशी जताई है।करण चौटाला ने चर्चा में कहा कि कार्यकर्ताओं में उत्साह का माहौल है और अब नए जोश के साथ पूरे हरियाणा में  नया अभियान चलेगा।’ पूरे प्रदेश के लिए शीघ्र होंगे कार्यक्रम तय।’

उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के किसान आंदोलन पर दिए बयान पर पलट वार करते हुऐ कर्ण ने कहा कि किसानों के बीच जाकर बात सुनें, फिर आंदोलन पर कोइ बयान दें। किसानों को आतंकवादी कहने की बजाए उनकी बात सुनी जाए।

अब चौधरी देवीलाल की मूर्ति पर भी सियासी संग्राम छिड़ गया है। इस मामले में पूर्व उप प्रधानमंत्री के दो पडपौत्र आमने-सामने आ गए हैं। इनेलो नेता कर्ण चौटाला ने नव स्थापित प्रतिमा को गंगाजल से धोकर उसका शुद्धिकरण किया । इनेलो नेता कर्ण चौटाला समर्थकों सहित पहुंचे थे चौधरी देवीलाल यूनिवर्सिटी। आपको याद दिला दें कि दो दिन पूर्व उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने चौधरी देवीलाल की मूर्ति का अनावरण किया था। कर्ण चौटाला ने सवाल उठाया  कि विश्विद्यालय में पहले लगी मूर्ति को जींद क्यों किया स्थापित ? केएमपी का नाम बदला तब कहाँ थे चौधरी देवीलाल के नाम पर सियासत करने वाले?

ओम प्रकाश चौटाला कि वकील अमित साहनी से ख़ास बातचीत

ऐसे लोग जो दिव्यांग हैं और जिनकी उम्र 65 वर्ष से ऊपर है ऐसे लोगों को आधी सजा में छोड़ देना चाहिए। इसके बारे में दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को कई बार फटकार भी लगाई थी कि ओमप्रकाश चौटाला के पैरामीटर पूरे हैं लेकिन उन्हें रिहा क्यों नहीं किया जा रहा? ईमेल के द्वारा रिहाई के लिए कम्युनिकेशन प्राप्त हुआ है ।

सुप्रीम कोर्ट ने इस मसले को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए थे, जिसमें कहा गया था जेलों को किस प्रकार से डीकन्जेस्ट किया जाए यानी भीड़ को कम किया जाए , उसको देखते हुए राज्य सरकारों ने अपने-अपने नियम बनाए । दिल्ली सरकार ने स्पेशल रिमिशन का एक नियम बनाया ऐसे लोग जिनकी 10 साल की सजा है और उनके साडे 9 साल पूरे हो चुके हैं तो ऐसे व्यक्तियों को छोड़ दिया जाए। उस का हवाला देते हुए दिल्ली तिहाड़ जेल द्वारा ऑफिशियली जानकारी हमें दी गई की ओम प्रकाश चौटाला की स्पेशल रिमिशन मंजूर कर दी गई है।

दिल्ली हाईकोर्ट ने जिरह के दौरान यह माना था कि रिहाई के लिए जो पैरामीटर है वह फुलफिल हो रहे हैं ऐसी सूरत में ओम प्रकाश चौटाला की रिहाई बनती है। समय-समय पर ओम प्रकाश चौटाला की इमरजेंसी पैरोल को एक्सटेंड भी किया गया था। जब भी कोरोनावायरस से हालात थोड़े नॉर्मल होते हैं कागजी कार्रवाई जल्द पूरी कर ली जाएगी