भोग फल वितरण और शीतल जल पिला मनाई निर्जला एकादशी.
जाटौली में बाबा बुरहेड़ा के प्रति निवासियों की असीम आस्था

फतह सिंह उजाला
पटौदी ।
    निर्जला एकादशी का भारतीय सनातन और धर्म कर्म संस्कृति में एक विशेष अलग ही महत्व अनादि काल से चला आ रहा है । सोमवार को निर्जला एकादशी के मौके पर जाटौली में स्थित बाबा बुरहेड़ा मंदिर में अनोखे ही अंदाज में निर्जला एकादशी का पर्व मनाया गया ।

जाटौली में स्थित बाबा बुरहेड़ा और मंदिर के प्रति लोगों की आस्था बनी हुई है । सोमवार को यहां श्रद्धालुओं ने एक अनोखे अंदाज में ही निर्जला एकादशी पर्व मनाने का संकल्प किया । इस मौके पर मंदिर में बाबा बुरहेड़ा की प्रतिमा के समक्ष विभिन्न प्रकार के 108 किलो फल का भोग लगाए जाने के बाद इन सभी फलों को प्रसाद के रूप में श्रद्धालुओं के बीच वितरण किया गया । इससे पहले मंदिर परिसर में पर्यावरण को शुद्ध रखने एवं कोरोना कोविड-19 जैसी महामारी से प्रत्येक इंसान को बचाए रखने के पवित्र संकल्प के साथ हवन यज्ञ का भी आयोजन किया गया ।

सोमवार को सुबह की बेला में बाबा बुरहेड़ा की प्रतिमा के समक्ष श्रद्धालुओं के द्वारा विभिन्न प्रकार के 108 किलो फल अर्पित किए गए और यहां पुजारी पंडित नरेंद्र शर्मा के द्वारा बाबा बुरहेड़ा की प्रतिमा को श्रद्धा पूर्वक भोग लगाया गया। इसी मौके पर श्रद्धालुओं के द्वारा मीठा और शीतल जल मंदिर परिसर में आने वाले तथा आसपास के निवासियों को प्रसाद के रूप में वितरित किया गया । जटौली के समाजसेवी रवि चैहान के साथ में उनकी माता जी के द्वारा श्रद्धा और समर्पण भाव के साथ बाबा बुरहेड़ा की प्रतिमा को फलों का भोग लगाने के साथ सभी प्राणियों के स्वस्थ रहने सहित मंगल जीवन की भी कामना की गई।

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