किसान आंदोलन में जलाए गए व्यक्ति के मामले को हरियाणा के गृह मंत्री ने बताया गंभीर मामला

इस मामले में जो भी दोषी होंगे उन्हें बख्शा नहीं जाएगा- अनिल विज
किसान आंदोलन किसान नेताओं के हाथ से निकला- गृह मंत्री अनिल विज
इस आंदोलन को अंतिम अंजाम तक कुछ ताकतवर लोग नहीं पहुंचने देना चाहते- विज

चंडीगढ़ 18 जून- हरियाणा के गृह मंत्री श्री अनिल विज ने कहा कि किसान आंदोलन में, जो दिल्ली सीमा पर पेट्रोल डालकर एक व्यक्ति को जलाया गया है, वह बहुत ही गंभीर मामला है और इस मामले को लेकर मृतक के भाई के बयान पर अभियोग दर्ज कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि जिस व्यक्ति पर आरोप लगाया जा रहा है उस व्यक्ति को पुलिस ने गिरफ्तार भी कर लिया है और इस मामले में जांच जारी है।

श्री विज ने कहा कि इस मामले में जो भी व्यक्ति कसूरवार होगा, कानून के अनुसार उस पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। गृह मंत्री श्री विज ने कहा कि इस मामले में जांच हो रही है और जो भी सच्चाई सामने आएगी,उसी हिसाब से कार्रवाई होगी।

श्री विज ने किसान आंदोलन के संबंध में कहा कि वास्तविकता यह है कि किसान आंदोलन अब किसान नेताओं के हाथ में नहीं रहा है, अनेक बार टेबल पर बैठकर अधिकारियों के साथ उन्होंने आश्वासन दिए हैं लेकिन इनके आश्वासनो को इनकी रैंक एंड फाइल नहीं मान रही है। श्री विज ने कहा कि पिछले दिनों हिसार में मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के दौरान जो पथराव हुआ था, उसके बाद प्रशासन के साथ आंदोलन के कुछ बड़े नेताओं की बातचीत हुई थी और आश्वासन भी दिए गए थे कि हम कहीं भी कानून अपने हाथ में नहीं लेंगे। लेकिन उसके 3 से 4 दिन के बाद ही एक विधायक के साथ मारपीट हो जाती है। ऐसे ही झज्जर में भाजपा कार्यालय के शिलान्यास को तोड़ दिया जाता है, तो कुल मिलाकर यही कहा जा सकता है कि यह किसान आंदोलन अब इनके नेताओं के हाथ से निकल चुका है।

श्री विज ने कहा कि किसानों के साथ सरकार लगातार बातचीत का प्रयास कर रही है और इस मामले में सरकार की 11 से 12 दौर की बातचीत भी हो चुकी है और सरकार के दरवाजे लगातार खुले हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी आंदोलन को कामयाबी तक ले जाना उनके नेताओं के हाथ में होता है लेकिन यह कोई भी बात नहीं मानते। विज ने बताया कि पिछले दिनों उन्होंने स्वास्थ्य विभाग की टीमों को किसानों के टीकाकरण व टेस्टिंग के लिए वहां भेजा था लेकिन ऐसी कुछ ताकतें इनके पीछे खड़ी है जो इनको अंतिम नतीजे तक नहीं जाने देती। उन्होंने कहा कि इन ताकतवर लोगों ने कभी भी सरकार के सामने इनके बारे में पक्ष और समर्थन नहीं रखा। उन्होंने एक बार भी इन्हें टीकाकरण और टेस्टिंग के लिए नहीं कहा। ये ताकतवर लोग किसानों के हक में नहीं है बल्कि इनके कंधे पर बंदूक रखकर चला रहे हैं। ऐसे लोग देश में अशांति का वातावरण पैदा करना चाहते हैं।

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