खोरी में तोड़फोड़ को अमानवीय बताया

चंडीगढ़/फरीदाबाद – एनआईटी 86 फरीदाबाद से कांग्रेस विधायक नीरज शर्मा ने आज हरियाणा और दिल्ली सरकार से आपस की राजनीति को दरकिनार कर भूमाफिया के खिलाफ सख्त एक्शन की मांग की है। उन्होंने खोरी गांव वालों की मौजूदा स्थिति पर दुख जताया है। श्री शर्मा ने खोरी निवासी गणेशी लाल की आत्महत्या को हताशा भरा कदम बताया है।

श्री शर्मा ने प्रशासनिक अधिकारियों को आगाह किया है कि गौंछी में वक्फ बोर्ड की जमीन पर भी इसी तरह के अवैध कब्जे हो रहे हैं जिन्हें समय रहते अगर न रोका गया तो बाद में इसी तरह कोर्ट के आदेश के बाद प्रशासन को उन कब्जों को खाली कराना पड़ेगा और आम आदमी को भयंकर नुकसान होगा।

श्री शर्मा ने कहा कि फरीदाबाद के सांसद और केंद्र सरकार में मंत्री श्री कृष्ण पाल गुर्जर को इस मामले में संज्ञान लेते हुए माननीय प्रधानमंत्री से बात करनी चाहिए और संसद में या हरियाणा विधानसभा में विधेयक लाकर इस बस्ती को कानूनी मान्यता प्रदान करनी चाहिए।

श्री शर्मा ने मामले को गंभीरता से लेते हुए चंडीगढ़ पहुँच कर मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मुलाकात की और खोरी मामले से उन्हें अवगत कराते हुए अपील की है कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार इन गरीब मजदूर प्रवासी लोगों के पुनर्वास के लिए कोई ठोस योजना बनाए।

विधायक ने बताया कि खोरी गाँव में रहने वालों में से कुछ हरियाणा के निवासी है, कुछ दिल्ली के रहने वाले है वहाँ के वोट धारक है। खोरी गांव के लोगों के साथ किए जा रहे अन्याय को लेकर नीरज शर्मा ने कहा कि सरकार को कभी जनता के साथ दोहरे मापदंड नहीं रखना चाहिए।

उन्होंने दिल्ली मुम्बई कॉरिडोर को लेकर कहा कि सरकार द्वारा वहां अवैध निर्माणों को बचाने के लिए ग्रीन बेल्ट उजाड़ दी गई। लेकिन इस मामले में जब पूछा गया तो सरकार में कोई भी इसकी जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं। उन्होंने कहा कि एक तरफ गरीब उजाड़े जा रहे और दूसरी तरफ हरियाली छीनी जा रही।

विधायक ने बाई पास रोड पर ग्रीन बेल्ट में होने वाली तोड़फोड़ से फरीदाबाद की जनता पर पड़ने वाले आर्थिक बोझ के मामले को भी उठाया है। सीवरेज, बिजली, ट्यूबवेल को शिफ्ट की बात कहते हुए उन्होंने इस पर लगने वाले भारी बजट को गिनाया।

विधायक का कहना है कि सरकार खोरी जमालपुर में गरीब लोगों का पैसा खाने वालों लोगों को कड़ी सजा दे और इनके पुनर्वास की उचित व्यवस्था की करे। साथ ही नीरज शर्मा ने सरकार को डबुआ कॉलोनी में खाली 2000 से 2500 फ्लैट में लोगों को बसाने का सुझाव भी दिया। है

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