रात होते ही शहर में चारो तरफं दिखाई देता है अंधकार ही अंधकार.
रात के समय शहर के रोड-गलियां बन जाती हैं भूल-भूलैया

फतह सिंह उजाला
पटौदी।
    नगरपालिका प्रशासन और चुने हुए जनप्रतिनिधि फर्रुखनगर हैरीटेज सिटी में विकास की बयार बहाने के लम्बे चैडे दावे करते नहीं थक रहे है। लेकिन वास्तविकता इन दावों से कोसों दूर है। इन दिनों कस्बा फर्रुखनगर स्ट्रीट लाईट, हाईमास्ट लाईट, विभिन्न रोडों पर लगी फैंसी लाईटे अधिकांश खराब है। कुछ लाईटे तो दिन के उजाले में भी रोशन रहती है वहीं सूर्य छिपते ही  रात के समय में शहर में अंधकार अपना कब्जा जमा लेता है।

रात्रि के अंधेरे का लाभ उठा कर असमाजिक तत्व चोरी की वारदात को आसानी से अंजाम देकर फरार हो जाते है। स्थानीय लोगों की बार बार शिकायतों के बावजूद भी लाईटों को नपा प्रशासन ठीक कराने की जहमत नहीं उठा रहा है। जिससे लोगों में भारी रोष व्याप्त है।

नवीन सैनी, अशोक कुमार, लक्ष्मण दास, नरेश कुमार सैनी, कालू सैनी, दीपक यादव, विनोद प्रधान, महाबीर सिंह छोक्कर, कोच कुलदीप कटारिया, राजेंद्र सिंह सैनी, जितेंद्र यादव, भारत सैनी आदि का कहना है कि फर्रुखनगर की बढ़ती Jको देखते हुए प्रतीत होता है कि  मानों इस कस्बे का कोई रहनुमा ही नहीं है जो नपा प्रशासन या अन्य प्रशासनिक अधिकारियों पर दवाब देकर खराब बिजली व्यवस्था, टूटी  सड़कों , खराब लाईटों को ठीक कराने के प्रयास कर सके। फर्रुखनगर कस्बा की हालत यह है कि सूर्य के छिपने के उपरांत शहर का अधिकांश हिस्सा अंधकार में डूब जाता है। शहर की अधिकांश स्ट्रीट लाईट, हाईमास्ट लाईट और बाईपास, गुरुग्राम , पटौदी, झज्जर रोड पर लगी फैंसी लाईटे खराब पड़ी हुई है। दिन के उजाले में तो शहर में आने वाले लोगों को लगता है कि शहर में लाईट व्यवस्था ठीक होगी।

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