विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस के अवसर पर, सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री रतन लाल कटारिया ने भारत और भूटान के लिए संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय केंद्र के सहयोग से अनुग्रह द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित किया। अपने भाषण में, श्री कटारिया ने विशेष रूप से महामारी के दौरान बुजुर्गों के लिए पारिवारिक ढांचे और बंधन की आवश्यकता को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि COVID-19 वैश्विक महामारी ने आज अकेले बुजुर्गों की पूर्ण वास्तविकता को चित्रित किया है। उन्हें अपने आसपास रहने वाले लोगों, स्थानीय समुदाय की सेवा भावना या आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति करने वाले खुदरा सेवा प्रदाताओं पर निर्भर रहना पड़ता है। यदि वे ऐसा नहीं करते हैं तो उन्हें अपना सामान और नियमित दवाएं खरीदने के लिए बाहर जाना होगा, जिससे उनके संक्रमित होने का खतरा बढ़ सकता है। मंत्री ने वरिष्ठ नागरिकों की सहायता के लिए केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों पर प्रकाश डाला। केंद्र सरकार ने अपनी बुजुर्ग आबादी का जल्द से जल्द टीकाकरण कर उन्हें प्राथमिक श्रेणी बनाकर सुरक्षा प्रदान करने की पहल की है। इस दूरदर्शी नीति के परिणामस्वरूप, हमारी अधिकांश बुजुर्ग आबादी को पहली खुराक मिली है और वे खुद को COVID-19 से बचाने में सक्षम हैं। टीकाकरण की प्रक्रिया को और सरल बनाने के लिए सरकार ने बुजुर्गों और दिव्यंजनों के लिए ‘घर के पास’ टीकाकरण केंद्रों की स्थापना की अनुमति दी है। इन केंद्रों का उद्देश्य पूरी टीकाकरण प्रक्रिया को सुगम बनाकर हमारी कमजोर आबादी को इस घातक वायरस से बचाना है। श्री कटारिया ने एल्डरलाइन परियोजना के तहत प्रमुख राज्यों में हाल ही में शुरू किए गए राज्य-वार कॉल सेंटर (टोल फ्री नंबर-14567) की सफलता की कहानियों पर प्रकाश डाला। चल रही COVID महामारी के दौरान हेल्पलाइन जबरदस्त काम कर रही है। उदाहरण के तौर पर कासगंज जिले में 70 साल की भूखी, बेघर, बुजुर्ग महिला को हेल्पलाइन के जरिए वृद्धाश्रम की सुविधा मुहैया कराई गई। ‘एल्डरलाइन’ ने पिछले डेढ़ महीने से चंदौसी बस स्टैंड पर फंसे 70 वर्षीय पूर्व लड़ाकू को उसके घर पहुंचाने में मदद की। ‘एल्डरलाइन’ प्रतिदिन हजारों लोगों को सहायता प्रदान कर रही है। अंत में उन्होंने सभी से अनुरोध किया कि परिवार के प्रत्येक सदस्य विशेषकर बुजुर्गों को जल्द से जल्द टीका लगवाएं और सभी से आग्रह किया कि वे बुजुर्ग रिश्तेदारों और जरूरतमंदों की मदद के लिए आगे आएं। विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस (WEAAD) प्रत्येक वर्ष 15 जून को होता है। इंटरनेशनल नेटवर्क फॉर द प्रिवेंशन ऑफ एल्डर एब्यूज (INPEA) के अनुरोध के बाद, इसे संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा अपने संकल्प 66/127, दिसंबर 2011 में आधिकारिक तौर पर मान्यता दी गई थी, जिसने पहली बार जून 2006 में स्मरणोत्सव की स्थापना की थी। इस दिन जब पूरी दुनिया हमारी कुछ पुरानी पीढ़ियों के साथ हुए दुर्व्यवहार और पीड़ा के विरोध में आवाज उठाती है। Post navigation हरियाणा ने पूरी तरह से निर्मित नए परिवहन वाहनों के पंजीकरण हेतु डीलरों, फर्मों व निर्माताओं को बनाया सक्षम विधान सभा चुनाव 2022 को लेकर संक्षिप्त समीक्षा