हांसी ,13  जून । मनमोहन शर्मा

  डॉक्टर दिनेश शास्त्री निर्देशक हरियाणा संस्कृत अकादमी ने कहा कि संस्कृत भाषा सभी भाषाओं की जननी है यह बात सभी भाषा विद स्वीकार करते हैं ।

 संस्कृत भाषा भारत की ही नहीं अपितु संपूर्ण विश्व की भाषा है , यह भाषा देवताओं की भाषा मानी जाती है । भारतीय संस्कृति तो पूर्णतया संस्कृत भाषा पर आधारित है  , यह भाषा पूर्ण रूप से वैज्ञानिक तथा कंप्यूटर के लिए सर्वाधिक उपयोगी है  ऐसा वैज्ञानिकों द्वारा सिद्ध किया जा चुका है । 

हरियाणा प्रदेश का  विश्व में महत्त्वपूर्ण स्थान है  महर्षि वेदव्यास जी ने यहीं पर सरस्वती नदी के किनारे बैठकर वेद और महाभारत की  रचना की है ।

 हरियाणा संस्कृत अकादमी के निदेशक डॉ. दिनेश शास्त्री जी  संस्कृत के अप्रतिम उद्भट विद्वान् हैं  , डॉ. शास्त्री जी ने जब से हरियाणा संस्कृत अकादमी के निदेशक पद  को संभाला है  तब से हरियाणा में संस्कृत की एक नई लहर सी आ गई है  डॉ. शास्त्री जी संस्कृत भाषा के विकास के लिए निरंतर प्रयासरत हैं ,  शास्त्री जी संस्कृत के विद्वानों से मिलकर नई- नई योजनाएं  बनाते  रहते  हैं । पिछले  महीने  22 मई को  मूर्धन्य संस्कृत विद्वान् डॉ. रेवा प्रसाद द्विवेदी जी का बनारस में निधन हो गया था ।

 हरियाणा संस्कृत अकादमी के निदेशक डॉ. दिनेश शास्त्री जी ने संस्कृत शौर्यम यूट्यूब चैनल के माध्यम से   को श्रद्धांजलि सभा में  संस्कृत विद्वानों को संबोधित करते हुए कहा कि  आचार्य रेवा प्रसाद द्विवेदी  के जीवनवृत्त से  हम सभी  को संयमित जीवन जीने की कला सीखना चाहिए । 

इस श्रद्धांजलि सभा में तकनीकी माध्यम से लगभग 300 से अधिक राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय  स्तर के  विद्वान् सम्मिलित हुए।  डॉ . दिनेश शास्त्री जी ने कहा कि आचार्य   द्विवेदी जी के निधन से संस्कृत जगत् में अपूर्व क्षति हुई है । संस्कृत साहित्य में आचार्य द्विवेदी जी के योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता है। अकादमी निदेशक डॉ. शास्त्री ने कहा कि संस्कृत भाषा मानवता और नैतिकता से परिपूर्ण है यह भाषा हम सभी को प्रेम और सौहार्द्र की शिक्षा देती है । संस्कृत शौर्यम यूट्यूब चैनल के प्रमुख सूत्रधार डॉ. राज कुमार  का अकादमी निदेशक डॉ. दिनेश शास्त्री जी  ने धन्यवाद एवं आभार व्यक्त किया।

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