रेवाड़ी,12 जून 2021 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रवक्ता वेदप्रकाश ने मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर को बिना मांगे सलाह दी कि वे मीडिया में अपने को प्रायोजित रूप से कथित किसान साबित करने की बजाय कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत किसानों की मांगे मनवाने के लिए प्रधानमंत्री मोदीजी पर दबाव बनाकर अपने को सही अर्थो में हरियाणवी साबित करे। 

विद्रोही ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर जी मीडिया में अपने को कथित किसान साबित करके किसान हितैषी होने का ढोंग करना बंद करे। चंडीगढ़ स्थित मुख्यमंत्री निवास के लांस सरकारी कर्मचारियों द्वारा लगाई गई देखभाल वाली कथित जैविक सब्जियों की खेती में खडे होकर मीडिया पोज देने से वे किसान नही होने वाले। खट्टर जी का शुक्रवार को पंचकूला के प्रगतिशील किसानों के साथ हुए संवाद में यह कहना कि मुख्यमंत्री बनने से पहलेे वे खेती करते थेे, अर्धसत्य व झूठ है। हरियाणा के मुख्यमंत्री बनने के बाद खट्टर ने अपने साक्षात्कार में खुद कहा था कि 1980 में उन्होंने अपना पैतृक गांव छोड दिया था और वे दिल्ली में कपड़े का छोटा सा व्यापार करते थे और फिर वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्णकालिक सदस्य बन गए। 

विद्रोही ने पूछा कि जब वे अपने ही कथन अनुसार विगत 41 सालों से संघ के पूर्णकालिक कार्यकर्ता है, गांव में रहते नही, तब मुख्यमंत्री बनने से पहले उन्होंने कैसी खेती की होगी? यह बताने की जरूरत नही है। बटवारे के समय आज के पाकिस्तान से विस्थापित होने के बाद जब उनका परिवार रोहतक के बनियानी गांव में आया, तब उन्होंने बचपन में गांव में परिवार के साथ खेती कार्य में सहयोग किया होगा, पर जवान होते ही जब वे गांव में रहे ही नही, दुकानदारी कार्य में लग गए तो अब अपने को किसान बताने की अनैतिकता करने की बजाय मुख्यमंत्री के रूप में आंदोलनरत किसानों की समस्याओं के समाधान में सहयोग देकर एक हरियाणवी होने का कर्तव्य निभाये।

विद्रोही ने कहा कि अपने को किसान साबित करने में ऊर्जा लगाने की बजाय खट्टर जी किसान हित कैसे हो, इस पर ज्यादा ध्यान दे। मुख्यमंत्री को नही भूलना चाहिए कि भाजपा सरकार की किसान विरोधी नीतियों व सोच के चलते और वे खुद और उनके मंत्री आज हरियाणा के किसी भी गांव में जा नही पा रहे है। मुख्यमंत्री अपने खुद के निर्वाचन क्षेत्र करनाल में बिना भारी पुलिस बल के लोगों से संवाद तक करने की स्थिति में नही है। भाजपा सरकार के मंत्रीयों, सांसदों, विधायकों, नेताओं का अहीरवाल को छोडकर पूरे हरियाणा के गांवों में घुसना तक दुष्कर है। ऐसी स्थिति में खट्टर जी को अपना ईमानदारी से आत्मविश्लेषण करके करैक्टिव मेजर उठाने की जरूरत है। विद्रोही ने आशा प्रकट की कि मुख्यमंत्री मीडिया में फोटो पोज देकर किसान बनने का ढोंग करने की बजाय मुख्यंमत्री के रूप में किसान हितैषी होने की कथनी-करनी एक करे। 

error: Content is protected !!