चण्डीगढ,10जून:-हरियाणा रोङवेज संयुक्त कर्मचारी संघ के वरिष्ठ राज्य उप-प्रधान बलवान सिंह दोदवा, डिपो प्रधान चन्द्रभान सोलंकी व सत्यवान ढूल ने संयुक्त ब्यान जारी करते हुए बताया कि हरियाणा रोङवेज के चण्डीगढ डिपो में उजागर हुए घोटालों से बोखलाकर बदले की भावना से तानाशाही रवैया अपनाते हुए युनियन नेताओं पर कार्यवाही शुरू करदी है। महाप्रबंधक इस तरह की दमनात्मक कार्यवाही करके युनियन नेताओं को चुप कराकर उजागर हुए घोटालों पर पर्दा डालने का प्रयास कर रहे हैं। लेकिन युनियन इस तरह की कार्यवाही से डरने वाली नहीं है। अगर महाप्रबंधक का यही रवैया रहा तो डिपो में हो रहे एक-एक घोटले का पर्दाफाश किया जाएगा। दोदवा ने बताया कि श्री सुरज राठी लिपिक ने शिकायत पत्र जारी करके फर्जी बिल घोटालों को उजागर करने का काम किया था। उसी को आधार बनाकर युनियन नेताओं ने 6जून को सोशल व प्रिन्ट् मिडिया में प्रैस नोट देने का काम किया था जो 7जून को प्रकाशित हुआ था। महाप्रबंधक को यह बात पच नहीं पाई तथा उन्होंने युनियन से बात करने तथा उजागर हुए घोटालों की जांच करवाने की बजाय एक द्वेष भावना के तहत 8जून को आनन-फानन में डिपो प्रधान सत्यवान ढूल के आदेश डिपो से आईएसबीटी सैक्टर, 17चण्डीगढ व आज हरियाणा रोङवेज संयुक्त कर्मचारी संघ के वरिष्ठ राज्य उप-प्रधान बलवान सिंह दोदवा के आदेश आईएसबीटी दिल्ल के कर दिये हैं जो सरासर गलत है तथा ट्रेड यूनियन अधिकारों का हनन है। ऐसा करके महाप्रबंधक भय व्याप्त करके युनियन नेताओं को चुप कराना चाहते हैं ताकि डिपो में हो रहे घोटालों पर लीपा-पोती करके पर्दा डाल दिया जाये। लेकिन ऐसा नहीं होने दिया जायेगा। महाप्रबंधक की हर ज्यादती का डटकर मुकाबला किया जायेगा। युनियन को आशंका है कि महाप्रबंधक इसी तरह दमनकारी नीति अपनाते हुए और भी युनियन नेताओं के आदेश इधर से उधर कर सकतें हैं। अगर महाप्रबंधक ने अपना तानाशाही रवैया छोड़कर डिपो प्रधान सत्यवान ढूल व वरिष्ठ राज्य उप प्रधान बलवान सिंह दोदवा के किये गये आदेशों को वापिस नहीं लिया तो महाप्रबंधक के खिलाफ आन्दोलन किया जायेगा। जिसकी सारी जिम्मेदारी डिपो प्रशासन की होगी। उन्होंने बताया कि यातायात प्रबंधक श्री अरविंद शर्मा जी एक कार्यवाहक महाप्रबंधक के रूप में चण्डीगढ डिपो में कार्यरत हैं तथा पुरे प्रदेश में अव्वल दिखाने के लिए ज्यादा रिसीट लाने के नाम पर परिवहन के उच्च अधिकारियों में अपनी वाही-वाही लुटने का काम कर रहे हैं। जबकि चण्डीगढ डिपो हमेशा से केएमपीएल व रिसीट के मामले में पुरे प्रदेश में अव्वल रहा है। अगर इस समय डिपो की वास्तविक स्थिति का अवलोकन किया जाये तो चण्डीगढ डिपो पुरे प्रदेश में अव्वल नहीं बल्कि सबसे निचले पायदान पर होगा। उन्होंने बताया कि डिपो में कर्मचारियों का एरियर,शिक्षा भत्ता, मैडिकल भत्ता,रात्रि भत्ता,एलटीसी, एसीपी व अन्य बहुत सी अदायगी लगभग 3-4 साल से बकाया पङे हुए हैं। युनियन कई बार लिखित व मौखिक तौर पर बकाया पङी सभी मांगो की अदायगी करने की मांग कर चूकी है लेकिन आज तक किसी भी समस्या का कोई स्थाई समाधान नहीं हुआ है। उन्होंने बताया कि काफी रिटायर्ड व मृतक कर्मचारियों की अदायगी भी काफी लम्बे अरसे से लम्बित पङी हुई हैं। जिसके कारण कर्मचारियों के परिजनों को भारी आर्थिक परेशानी का सामना करना पङ रहा है। महाप्रबंधक ने सिर्फ अपनी वाही-वाही लुटने के लिए इन सभी अदायगी को रोका हुआ है। युनियन ने आरोप लगाया है कि महाप्रबंधक ने मार्च, 2021में कर्मचारियों की मिलीभगत से 1,45,739/रूपये के पास हुए फर्जी बिल को भी दबाने का काम किया था तथा किसी भी जिम्मेदार कर्मचारी पर कोई कार्यवाही नहीं की थी। इससे साफ जाहिर होता है कि डिपो में हुए फर्जीवाङे में महाप्रबंधक भी शामिल हैं। इसलिए युनियन मांग करती है कि डिपो में हुए घोटालों की जांच विजिलेंस से होनी चाहिए। अगर विजिलेंस से जांच होती है तो कई और घोटाले निकलकर सामने आयेंगे। Post navigation मुख्यमंत्री ने लगभग 1100 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का किया उद्घाटन व शिलान्यास हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज आगामी 15 जून, 2021 को सेरो-सर्वेक्षण के तीसरे दौर की करेंगे शुरुआत