पंचकूला 7 जून-  हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री चंद्रमोहन ने कहा कि प्रदेश के लोगों को कोरोनावायरस को रोकने के टीको के अभाव में मरने के लिए छोड़ दिया गया है। लोगों का सरकार  से  भरोसा उठ गया है और इस विपदा की घड़ी में केवल मात्र भगवान ही  एक सहारा है, जो प्रार्थना करने पर गरीबों की फरियाद अवश्य ही सुनते हैं। चन्द्र मोहन ने कहा कि देश और हरियाणा में  इस वर्ष  जनवरी से कोविड बचाव के लिए टीकाकरण अभियान शुरू किया गया था और पिछले लगभग 5 महीने में  प्रदेश की लगभग 18 प्रतिशत आबादी को ही टीका लग पाया ‌है और सारे देश में अब तक लगभग 22 करोड़ 70 लाख टीके ही लगें हैं अगर यही  क्रम जारी रहा तो इस प्रक्रिया में दो से तीन साल का समय लग सकता है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार की सोच संघात्मक नियमों के अनुरूप नहीं है और इसी का परिणाम देश के भोले-भाले लोगों को भुगतना पड़ रहा है।  सर्वोच्च न्यायालय को देश में इस विश्वव्यापी कोरोना रुपी बीमारी से पीड़ित लोगों के बचाव में आना पड़ रहा है, पहले तो आक्सीजन और दवाइयों की कालाबाजारी और कमी और अब केन्द्र सरकार की टीकाकरण की नीति पर सवाल खड़े किए गए हैं। सर्वोच्च न्यायालय ने पूछा है कि एक देश में केन्द्र और राज्यों के लिए टीकाकरण के अलग-अलग दाम रखने का क्या औचित्य है।       

उन्होंने कहा कि हरियाणा प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं की दयनीय हालत का खामियाजा आज  प्रदेश के लोगों को भुगतना पड़ रहा है। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने ब्यान दिया है  कि प्रदेश में सभी अस्पताल विश्व स्वास्थ्य संगठन के निर्धारित मापदण्डों  के अनुरूप बनाए जायेंगे। प्रदेश की जनता जानना चाहती है कि एक स्वास्थ्य मंत्री के नाते पिछले सात साल में  इन अस्पतालों की दशा सुधारने के लिए उचित  कदम क्यों नहीं उठाए गए। इसका हमारे स्वास्थ्य मंत्री के पास कोई संतोषजनक जवाब नहीं है। उन्होंने कहा कि हरियाणा प्रदेश में कोविड को निपटने असफल रहने के कारण ही प्रदेश के अनेक जिला उपायुक्तो का स्थानांतरण किया गया है। चन्द्र मोहन ने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा एक करोड़ कोरोना वैक्सीन खरीदने के लिए जो ग्लोबल टेंडर आमंत्रित किया गया था वह फेल हो गया है। इस लिए 18-44 वर्ष के लोगों को टीकाकरण अभियान को एक बहुत बड़ा झटका लगा है।

उन्होंने कहा कि सरकार को जगाने के लिए ही कल ही उपायुक्त के माध्यम से  राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा गया है, जिसमें मांग की गई है कि सारे देश में‌ कोरोनावायरस को रोकने के लिए यूनिवर्सल मुफ्त टीकाकरण सुनिश्चित किया जाए और हर रोज कम से कम 1 करोड़ टीके लगाए जाएं ताकि लोगों की जान को प्राथमिकता के आधार पर बचाया जा सके और इसके साथ ही टीको की खरीद केंद्र सरकार द्वारा की जाए क्योंकि इसके लिए इस वर्ष के केन्द्रीय  बजट में 35000 करोड़ रुपए का प्रावधान  किया गया है और अगर पैसे की कोई कमी रहे तो जो पैसा केन्द्र सरकार द्वारा  भारतीय रिजर्व बैंक से लिया गया है उसका उपयोग किया जाए ताकि आक्सीजन के अभाव की तरह ही टीकाकरण के अभाव में किसी की जान ना जाए अन्यथा आने वाली पीढ़ियों के लोग भाजपा को कभी भी माफ़ नहीं करेंगे।      

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