चण्डीगढ डिपो में उजागर हुआ घोटाला, विजिलेंस से हो जांच : दोदवा

चण्डीगढ,7जून:-हरियाणा रोङवेज संयुक्त कर्मचारी संघ के वरिष्ठ राज्य उप-प्रधान बलवान सिंह दोदवा,चण्डीगढ डिपो के प्रधान चन्द्रभान सोलंकी व सत्यवान ढूल ने संयुक्त ब्यान जारी करते हुए बताया कि हरियाणा रोङवेज के चण्डीगढ डिपो में एक फर्जी बिल घोटाला उजागर हुआ है। घोटाला उजागर किसी और ने नहीं बल्कि वेतन शाखा में कार्यरत श्री सुरज राठी लिपिक ने स्वयं किया है। उन्होंने बताया कि लिपिक श्री सुरज राठी ने पत्र जारी कर आरोप लगाया है कि कॉन्ट्रैक्ट पर लगे तथा कम्प्यूटर सैल में काम कर रहे रोबिन व शिव कुमार D.E.O द्वारा महाप्रबंधक का रोब दिखाकर मुझसे 1,15,924/रूपये का फर्जी बिल बनवाने का प्रयास किया गया,जिसके मेरे पास कोई आदेश नहीं थे। शक के आधार पर छानबीन करने पर यह मामला गंभीर बन चूका है तथा इसमें गहरी साजिश की बू आ रही है।

दोदवा ने बताया कि लिपिक श्री सुरज राठी से सम्पर्क करने पर उन्होंने बताया कि दिनांक 28मई, 2021शुक्रवार को सायं करीब 15-30 पर श्री शिव कुमार D.E.O हरियाणा राज्य परिवहन पंचकूला कार्यालय के पत्र आदेश क्रमांक 4828-31/ECD, दिनांक 29-11-2019 के तहत Pay Bill Treasury N.-03002031-2021-22-05-55-02 लेकर वेतन शाखा में लेकर आया तथा कहने लगा कि महाप्रबंधक ने कहा है कि उन्होंने जाना है इसलिए इस बिल को जल्दी बनाकर मुझे दे दो। लिपिक ने बताया कि शंका जाहिर होने पर मैं बिल को लेकर महाप्रबंधक के पास गया तो उन्होंने कहा कि मैनें ऐसा करने के लिए किसी को नहीं कहा। लिपिक ने इस मामले को अपने खिलाफ एक साजिश करार दिया है। उन्होंने बताया कि लिपिक श्री सुरज राठी सेना से सूबेदार मेजर रैंक से रिटायर्ड है तथा एक ईमानदार व कर्मठ कर्मचारी है।

इन्होंने सैन्य सेवाकाल में 27सितम्बर 2000 को जम्मू-कश्मीर में एक आर्मी आप्रैशन के दौरान लश्कर-ऐ-तोयबा के 2आतंकवादियों को ढेर किया था। इसी साहसिक कार्य के लिए उन्हें 15अगस्त, 2001को भारत सरकार द्वारा “राष्ट्रपति पदक,सेवा माडल वीरता ” से नवाजा गया था। इसलिए वह अपनी छवि को बरकरार रखना चाहता है।

दोदवा ने बताया कि चण्डीगढ डिपो में काफी लम्बे समय से एक गिरोह सक्रिय है,जिसमें वेतन शाखा, कैश शाखा,स्थापना शाखा व महाप्रबंधक के सहायक के तौर पर काम कर रहे कई कर्मचारी शामिल हैं। यह गिरोह आपसी तालमेल से फर्जी बिल पास करवाकर अपनी जेबे भरने का काम करता है तथा डिपो को भारी चूना लगा रहा है। इसी गिरोह ने आपसी तालमेल से मार्च, 2021में तिथि बदलकर 1,45,739/रूपये का फर्जी बिल श्री त्रिलोचन सिंह, चालक स॔० 105 के खाते में डलवाने का काम किया था तथा मामला उजागर होने पर आनन-फानन में त्रिलोचन सिंह ने यह राशि सरकारी खजाने में जमा करवाकर अपना बचाव कर लिया था।

इतना बड़ा घोटाला होने के बाद भी महाप्रबंधक द्वारा सम्बंधित किसी भी कर्मचारी पर कोई कार्यवाही नहीं की गई तथा इसकी जांच करवाने की बजाय निर्दोष तविन्द्र सिंह लिपिक को नियम 4ए के तहत आरोप पत्र जारी करके अपना पल्ला झाड़ लिया।

जबकि तविन्द्र सिंह लिपिक की इसमें कोई भागीदारी नहीं थी। क्योंकि यह लिपिक तो कुछ समय पहले ही अम्बाला डिपो से बदलकर चण्डीगढ डिपो में आया था। डिपो में सक्रिय गिरोह काफी लम्बे समय से ऐसा फर्जीवाङा कर रहा है। इसका मुख्य कारण एक ही शाखा में लम्बे समय से कार्यरत कर्मचारी हैं। अगर समय-समय पर ऐसे कर्मचारियों को बदला जाये तो डिपो को चूना लगाने से बचाया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि डिपो में कार्यरत चालक व परिचालकों के एरियर,शिक्षा भत्ता,मैडिकल बिल, रात्रि भत्ता,एलटीसी व एसीपी आदि अनेकों अदायगी एक लम्बे समय से लम्बित पङी हुई हैं। युनियन के बार-बार मांग करने के बावजूद भी कोई अदायगी नहीं हो रही। जिसके कारण कर्मचारियों में भारी रोष है। महाप्रबंधक अपने को अव्वल दिखाने तथा गिरोह फर्जीवाङा करने में मशगूल है। अगर इन मामलों की किसी निष्पक्ष एजेंसी से जांच करवाई जाये तो एक बङा घोटाला निकलकर सामने आयेगा।

इसलिए युनियन परिवहन के उच्च अधिकारियों से मांग करती है कि स्थापना,कैश व वेतन शाखा में लम्बे समय से काम कर रहे सभी कर्मचारियों को तुरंत बदला जाये तथा डिपो में हो रहे घोटालों की,विशेष तौर पर वर्ष 2016 से 2021तक मृतक व रिटायर्ड हुए कर्मचारियों के खातों की जांच विजिलेंस से करवाई जाये ताकि विभाग को चूना लगाने से बचाया जा सके। युनियन लिखित तौर पर भी सरकार से डिपो में हुए घोटालों की जांच विजिलेंस से करवाने की मांग करेगी।

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