विधायक की शह पर जबरन प्राइमरी सरकारी स्कूल में गंदे पानी का जमावड़ा करने का ग्रामीणों का आरोप

ग्रामीणों के अनुसार जेई खजान सिंह का कहना है कि बहुत अधिक राजनीतिक दबाव।
दबाव किसका?पूछने पर साधी चुप्पी।

नारनौल। एक और सरकार बच्चों में शिक्षा के प्रति रुझान और जागरूकता बढ़ाने के लिए तरह-तरह के उपाय खोज रही है। वहीं दूसरी ओर नांगल चौधरी विधानसभा क्षेत्र के गांव खातोंली अहीर गांव की प्राथमिक पाठशाला में गंदे पानी को छोड़कर छोटे-छोटे बच्चों को शिक्षा से मरहूम करने का प्रयास किया जा रहा है। इस प्राथमिक पाठशाला के समीप आंगनवाड़ी सेंटर तथा हरिजन बस्ती स्थित है। गांव के गंदे पानी के जमावड़े के चलते महामारी का खतरा हो सकता है।

मिली जानकारी अनुसार पिछले कुछ दिनों से नांगल चौधरी हलके के गांव खातोली अहीर के गंदे पानी के निकासी हेतु नाला बनाने का कार्य चल रहा है। जिला प्रशासन के द्वारा, पहले जिस कुएँ  के अंदर गांव का गंदा पानी जाता था, उसको छँटवाने की बजाय था नजदीक 2 कनाल पंचायती भूमि मौजूद होने के बावजूद,  महज 200 मीटर की दूरी पर पूर्व दिशा में स्थित प्राइमरी सरकारी स्कूल में बिना किसी अनुमति के रातों-रात गंदा पानी डालने की अवैध काम क़ो अमलीजाना पहनाना शुरु कर दिया गया।  जिस पर एक नए विवाद ने जन्म ले लिया। सूचना मिलते ही ग्रामीणों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया!  आनन-फानन में वर्तमान सरपंच प्रतिनिधि राजेश नंबरदार के नेतृत्व में दर्जनों ग्रामीण सरकारी स्कूल में पहुंच गए और कार्य कर रहे श्रमिकों को कार्य रोकने के लिए कहा।

गौरतलब है कि पिछले काफी समय से गांव खातोली अहीर के गंदे पानी की निकासी की समस्या जस की तस बनी हुई है जिस पर कुछ समय पहले ग्रामीणों ने नांगल चौधरी के स्थानीय विधायक डॉ अभय सिंह यादव के सामने इस समस्या के समाधान हेतु प्रस्ताव रखा था ।जिस पर विधायक ने बीडीपीओ व जेई के मार्फत इस जल निकासी की व्यवस्था करने का ग्रामीणों को आश्वासन दिया था।  पहले से जिस कुएं में गांव का गंदा पानी जा रहा था, उस कुएँ के भर जाने के उपरांत उसको साफ करवाने की बजाय समस्या के समाधान के लिए एक बहुत ही अनूठा व आश्चर्यजनक नया कदम बढ़ा दिया गया।  वह कदम था– गांव का सारा गंदा पानी सरकारी स्कूल में डाल देना।  प्रशासन व जनप्रतिनिधियों की मिलीभगत की एक विडंबना तो देखिए कि गांव खातोली अहीर के सरकारी अस्पताल के सामने 2 कनाल पंचायती भूमि होने के बावजूद गंदे पानी को जानबूझकर से सरकारी स्कूल के परिसर में डाला जा रहा है। ग्रामीणों के अनुसार यह सारा कार्य गांव के कुछ दबंग भाजपा कार्यकर्ताओं के इशारों पर भाजपा विधायक की शह पर रातों-रात बिना किसी अनुमति के अमलीजामा पहनाया जा रहा था। स्मरण रहे कि उस पंचायती भूमि को, जिस के कुछ हिस्से पर भाजपा के दबंग कार्यकर्ताओं का कब्जा है, वहाँ बची-खुची भूमि पर भी कब्जा करने की बदनियति के चलते उस स्थान पर गंदे पानी की निकासी की व्यवस्था न करके बड़े सुनियोजित तरीके से रातों-रात सरकारी स्कूल में पानी डालने का घटिया प्रयास शुरू किया गया।

ज्ञात रहे कि जब यह कार्य सरपंच प्रतिनिधि राजेश नंबरदार ने रुकवाना चाहा तो मौके पर पहुंचकर जेई खजान सिंह ने समस्त ग्रामीणों को सरकारी कार्य में बाधा डालने की एवज में बीडीपीओ कार्यालय के मार्फत एफआईआर दर्ज करने की धमकी दी। ग्रामीण रवि नंबरदार, रामविलास व गोपीचंद के अनुसार जब उन्होंने इस कार्य की अनुमति पत्र जेई खजान सिंह से दिखाने की मांग की तो जेई साहब बगले झांकने लगे व उनसे कोई वाजिव जवाब देते नहीं बना।

 इस मामले के बाबत जब प्राइमरी स्कूल के हेडमास्टर देवेंद्र यादव जी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि वह तो पहले से ही इस कार्य का विरोध कर रहे थे। उन्होंने आश्चर्यजनक लहजे में कहा कि कार्य कर रहे ठेकेदार व जेई की हिम्मत तो देखिए कि उन्होंने हमारी बात को दरकिनार कर रातों-रात गंदे पानी को सरकारी स्कूल में डालने के लिए गड्ढा खुदवा दिया जो कि सरकारी स्कूल की सीमा में स्थित आंगनबाड़ी केंद्र के बिल्कुल जड में स्थित है और उन्होंने कहा कि इसके लिये कुछ हरे पेड़ भी उखाड़ दिये गये। आगे पूछने पर हेड मास्टर ने बताया कि इस बाबत वह इस कार्य को रुकवाने के लिए व सरकारी स्कूल में पानी न डाला जाए, इसके लिए खंड शिक्षा अधिकारी(बी.ई.ओ.) को पत्र भी लिख चुके हैं।

ग्रामीणों ने रोष प्रकट करते हुए कहा कि नांगल चौधरी विधायक डॉ अभय सिंह यादव, अपने चंद कार्यकर्ताओं को खुश करने के लिए सरपंचों से चार्ज वापस लेने के बाद कोरोना काल  में बीडीपीओ व जेई के मार्फत शिक्षा विभाग की बगैर किसी अनुमति के, अवैध रूप से सरकारी स्कूल में गंदा पानी डलवाने का काम कर रहे हैं। ग्रामीणों ने कहा कि यह बहुत ही अशोभनीय घटना व विधायक के पक्षपातपूर्ण रवैये को प्रदर्शित करता है।

 ग्रामीणों ने कहा कि स्कूल के बिल्कुल पास में हरिजन बस्ती बसी हुई है। इसके साथ-साथ सरकारी स्कूल में गरीब, दलित, तबके के पिछड़े परिवारों के बच्चे शिक्षा ग्रहण करने के लिए आते हैं जिनको इस गंदगी के भारी आलम के चलते मच्छरजनित अनेकों जानलेवा रोगों के फैलने का खतरा बना रहेगा।

ग्रामीणों ने उस पूरे मामले की जानकारी खातोली के ही रहने वाले एक शिक्षित युवा व क्षेत्र में पर्यावरण प्रदूषण के खिलाफ लंबी लड़ाई लड़ने वाले इंजीनियर तेजपाल यादव को दूरभाष पर दी तो इंजी० तेजपाल यादव ने कहा कि नांगल चौधरी के विधायक सरकारी शैक्षणिक संस्थानों के अंदर पढ़ने वाले गरीब, दलित, वंचित, शोषित तबके के बच्चों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहें हैँ। सिर्फ अपने चंद दबंग कार्यकर्ताओं को खुश करने के लिए घटिया राजनीति करने पर उतारू हैं। इंजीनियर तेजपाल यादव ने आरोप लगाया कि मेरे अपने गाँवों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है और इस मामले की पूरी जानकारी के मिलने के बाद उन्होंने कहा कि हमें ये पूरा-पूरा अंदेशा है कि पूरे गाँव का गंदा पानी सरकारी स्कूल में डालने का अनैतिक व गैर कानूनी कार्य करने की हिमाकत किसी भी जिला प्रशासन के अधिकारी की, जनप्रतिनिधियों के दबाव के बगैर नहीं हो सकती।

यह गौर करने वाली बात यह है किसी समस्या के सही समाधान निकालने की बजाय उसका गलत व बेतुका समाधान निकाला गया है। उन्होंने कहा कि हम किसी भी कीमत पर इस गंदे पानी को सरकारी स्कूल में नहीं जाने देंगे। उन्होंने कहा कि गंदे पानी की निकासी नितांत जरूरी व आवश्यक है। इंजीनियर तेजपाल यादव ने कहा कि हमारा सुझाव है कि सरकारी स्कूल से 200 मीटर दूरी पर गांव की सरकारी अस्पताल के सामने स्थित दो कनाल पंचायती जमीन में गड्ढा खुदवाकर गांव के गंदे पानी की निकासी की जा सकती है, या फिर पहले से जा रहे गंदे पानी वाले कुए को साफ करवाया जा सकता है। लेकिन ध्यान रहे कि किसी भी समस्या के समाधान के लिए गलत समाधान निकालना अपने आप में इससे भी एक बहुत बड़ी समस्या खड़ी करता है।

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