भिवानी/धामु  

प्रत्येक वर्ष दो करोड़ युवाओं को रोजगार देने का वायदा कर सत्ता में आई भाजपा सरकार आज हर सरकारी तंत्र को बेचकर निजीकरण व लोगों का रोजगार छीन रही हैं। सरकार की इस रोजगार छीनों अभियान की चपेट में प्रदेश 1983 पीटीआई भी आए, जो कि पिछले एक वर्ष से प्रदेश भर में लगातार धरने पर बैठे है तथा सरकार से रोजगार देकर उन्हे भूखा मरने से बचाने की मांग कर रहे है, लेकिन प्रदेश सरकार बर्खास्त पीटीआई की मांगों को एक वर्ष से लगातार अनसुना किए जा रही हैं। यह बात स्थानीय लघु सचिवालय के बाहर जारी बर्खास्त पीटीआई के धरने को संबोधित करते हुए हरियाणा शारीरिक शिक्षक संघर्ष समिति के जिला अध्यक्ष दिलबाग जांगड़ा ने कही।

उन्होंने कहा कि शनिवार को धरने को 356 दिन पूरे हो चुके है, लेकिन प्रदेश के मुखिया अपनी चुप्पी तोडऩे को राजी नहीं हैं। धरने को संबोधित करते हुए पूर्व राज्य प्रधान राजेश ढ़ांडा, जरनैल सिंह पीटीआई, हरियाणा शारीरिक शिक्षा अध्यापक संघ के जिला महासचिव विनोद पिंकू ने कहा कि शारीरिक शिक्षकों ने देश के लिए बेहतरीन खिलाड़ी तैयार किए, जो कि आज देश-विदेश में भारत का नाम विश्व पटल पर चमका रहे है, लेकिन सरकार ने पीटीआई को बेरोजगारी का तोहफा दिया हंै, जो कि सरासर अन्याय हैं।

उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुखिया कई बार बर्खास्त पीटीआई को स्कूल खेल सहायक के पद पर समायोजित करने का वायदा कर तो चुकी है, लेकिन आज तक उस वायदे पर गौर नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि बर्खास्त पीटीआई पिछले एक वर्ष से लगातार धरने पर बैठे है। बेरोजगारी की मार के चलते उनके परिजन भूखा मरने की कगार पर पहुंच रहे है, लेकिन सरकार का इस तरफ कोई ध्यान नहीं हैं। उन्होंने कहा कि वे भी अपना आंदोलन तब तक जारी रहेंगे, जब सरकार उनकी बहाली नहीं कर देती।

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