हेलीमंडी नगर पालिका में सरकार और जनता के पैसे को किया जा रहा बर्बाद. हेली मंडी पालिका चेयरमैन राव इंदरजीत के बेहद खास और कट्टर समर्थक फतह सिंह उजाला पटौदी । केंद्र सहित राज्य में बीजेपी की सरकार है । बीजेपी संगठन और सरकार दोनों का दावा है कोई भी काम हो पूरी ईमानदारी और पारदर्शिता के साथ किया जा रहा है । लेकिन ऐसी भी क्या पारदर्शिता कि सरेआम किस प्रकार से सरकार और जनता के पैसे को दोनों हाथ से बर्बाद किया जा रहा है ? वह भी चैड़े में दिखाई दे रहा हो । हेली मंडी नगर पालिका क्षेत्र में इन दिनों विकास -सुविधा की आड़ में कथित रूप से यही खेल खेला जा रहा है। हेली मंडी नगर पालिका के चेयरमैन केंद्र में मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के बेहद विश्वसनीय और खास लोगों में शामिल हैं । हेली मंडी पालिका क्षेत्र में लगाई जा रही हाई मास्क लाइटों के संदर्भ में जानकारी मांगने के लिए पालिका सचिव का राजेेश मेहता का मोबाइल फोन स्विच ऑफ बोलता रहा । इसलिए पालिका प्रशासन का इस पूरे मामले में पक्ष में ही मिल सका है । हेली मंडी नगर पालिका में इन दिनों विभिन्न स्थानों पर हाई राइज अथवा हाई मास्क लाइट लगाने का काम चल रहा है । सबसे बड़ी हैरानी की बात यह है कि जहां पर पहले से ही हाई मास्क लाइट लगी हुई है , बिल्कुल उन लाइटों के पोल के साथ ही नए बिजली के पोल जबरदस्ती लगाए जा रहे हैं , इस प्रकार की हेली मंडी नगर पालिका में चर्चा आम लोगों के बीच में हो रही है । लाख टके का सवाल यह है कि जहां पर पहले से ही हाई राइज बिजली के पोल लगे हैं , वहां औसतन 6 फुट की दूरी पर एक और हाई राइज पोल बिजली का लगाने का क्या फायदा है ? इसका आम जनता को फायदा हो या ना हो लेकिन जिस तरीके से युद्ध स्तर पर काम किया जा रहा है , उसे देखते हुए इस बात से बिल्कुल भी इनकार नहीं फायदा तो कूटा जा रहा है । अब इसमें कौन-कौन हिस्सेदार है , यह वास्तव में बिना देरी किए उच्च स्तरीय जांच का विषय बन चुका है । सूत्रों से उपलब्ध जानकारी के मुताबिक हेली मंडी नगर पालिका क्षेत्र में 25-25 मीटर की दूरी पर विभिन्न महत्वपूर्ण स्थानों पर हाई राइज अथवा हाई मास्क लाइटें लगाई जानी है और यह काम इन दिनों युद्ध स्तर पर भी किया जा रहा है । किस कंपनी की लाइट की क्या कीमत है, कुल कितनी लाइटें लगाई जानी है ,जहां-जहां लाइटें लगाई जा रही हैं उन स्थानों का चयन किस अधिकारी के द्वारा फाइनल किया गया , सहित अन्य प्रकार की जानकारी की मांगने पर हेली मंडी पालिका के सचिव राजेश मेहता का मोबाइल फोन ऑफ ही बोलता रहा। हेली मंडी पालिका क्षेत्र में विभिन्न वार्ड और महत्वपूर्ण स्थानों पर पहले से ही हाईराइज और अथवा हाई मास्क लाइट लगी हुई है । अब ऐसे में तत्काल ही क्या आवश्यकता आन पड़ी की बिजली के पोल के बराबर में ही बिजली के पोल लगाए जाएं ? लगता है इस प्रकार का खेल खेलने वालों को सरकार के साथ-साथ प्रशासन के अधिकारियों का भी कोई डर वह नहीं रह गया है । लोगों में तो चर्चा आम होने लगी है कि हेली मंडी नगर पालिका में जो भी कोई विकास के नाम पर काम होते हैं , आपसी मिलीभगत करके कथित भ्रष्टाचार का खुला खेल खेला जा रहा है । ऐसे एक नहीं बीते 1-2 वर्ष में अनेक मामले भी मीडिया में नियमित अंतराल पर सुर्खियां बनते रहे । लेकिन जांच के नाम पर परिणाम वही ढाक के तीन तीन पात होते हैं । जांच होने पर कौन दोषी है , किसे क्या सजा मिली, किस प्रकार की विभागीय जांच की गई , क्या आज तक जांच में दोषी पाया गया कोई कर्मचारी अथवा अधिकारी निलंबित किया गया या टर्मिनेट किया गया , यह भी अपने आप में एक रहस्य ही बना हुआ है । Post navigation … मेरी मर्जी मैं चाहे जो भी करूं, ये करूं-वो करूं ! सम्मानित होकर गदगद आशाओं के चेहरे चमके