पटटेदार भूमि को 10 प्रतिशत बढ़ौतरी के साथ देने से इंकार.
आदेश की प्रति भी दिखाते पर जवाब देते है कि बाद में देखेंगे

फतह सिंह उजाला
पटौदी।  
   सरकारी आदेश के बाद भी फर्रूखनगर के खंड विकास एंव पंचायत अधिकारी , ग्राम सचिव अपनी मनमानी करके ग्राम पंचायतों की पटटे पर दी जाने वाली भूमि को 10 प्रतिशत बढ़ौतरी के साथ गत वर्ष के पटटेदार के नाम करने से इंकार कर रहे है। जिसके चलते पटटेदारों व ग्रामीणों में भारी रोष व्याप्त है। पटटेदारों का कहना है कि व आदेश की प्रति भी दिखाते है तो जवाब मिलता है कि बाद में देखेंगे। जबकि जमीन पर खेती करने का समय निकला जा रहा है।

ग्राम पंचायत पालडी निवासी पटटा धारक राजेश जांगडा, सतबीर सिंह, हरिराम, सुंदर लाल रमेश कुमार आदि ने बताया कि गांव पालडी में पंचायत की करीब 53 एकड़ भूमि है। जो हर वर्ष पटटे पर गांव में ही बोली लगाकर छोडने का प्रावधान है। लेकिन इस बार कोविड-19 के चलते अतिरिक्त मुख्य सचिव , विकास एवं पंचायत विभाग, हरियाणा चंडीगढ़ के आदेशानुसार 17 मई 2021 तक जिन जिन पंचायतों की काबले काश्त भूमि 17 मई तक पटटे पर छोडी जा चुकी है। उनके अतिरिक्त जिन जिन ग्राम पंचायतों काबले काश्त भूमि पटटे पर छोडी जानी बकाया रह गई है उन सभी ग्राम पंचायतों की भूमि को पिछले वर्ष से 10 प्रतिशत बढ़ौतरी करके पिछले वर्ष के पटटेदारों के नाम छोडी जाए। उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त पटटेदार को बजरिए चैकीदार सूचना व नोटिस के माध्यम से पटटे पर जमीन देने के लिए सूचना दी जाए और अगर कोई पटटेदार 10 प्रतिशत बढौतरी पर पटटे नही लेना चाहता है उसकी रिर्पोट व पटटे पर छोडी गई भूमि की रिर्पोट जो प्रफोर्मा सरकार से प्राप्त हुआ उसमें रिर्पोट भरकर खंड कार्यालय में जमा कराने को कहा गया है।

अतिरिक्त मुख्य सचिव , विकास एवं पंचायत विभाग, हरियाणा चंडीगढ़ के आदेश के बावजूद भी ग्राम सचिव व सम्बधित अधिकारी गांव पालडी की पंचायती भूमि को 10 प्रतिशत बढौतरी पर गत वर्ष के पटटेदारों को देने से इंकार कर रहे है। वह इस विषय में बीडीपीओ फर्रुखनगर के समुख भी अपनी दलील रह चुके है। वह दफ्तर के चक्कर लगा लगा कर थक चुके है। उन्होंने बताया कि अगर उनकी शिकायत पर कोई अमल नहीं हुआ तो वह इसकी शिकायत जिला उपायुक्त, अतिरिक्त मुख्य सचिव , विकास एवं पंचायत विभाग, हरियाणा चंडीगढ़ तथा मुख्यमंत्री मनोहर लाल खटटर से करेंगे। उन्होंने बताया कि यह मामला अकेले गांव पालडी का नहीं बल्कि फर्रुखनगर ब्लॉक की दर्जनों पंचायतों की पंचायती भूमि का भी है। गत वर्ष के पटटेदार परेशान हो रहे है। 

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