भिवानी/मुकेश वत्स देश के सबसे बड़े लोकतंत्र में अन्नदाता सडक़ों पर बैठ अपना हक मांगने को मजबूर है। लेकिन केंद्र सरकार किसानों की मांगों को अनदेखा कर पूरी तरह से तानाशाही रवैया अपनाएं हैं। पिछले वर्ष पांच जून को केंद्र सरकार तीन कृषि कानून बिल के रूप में लाए गए थे, जिसका किसान शुरू से ही विरोध कर रहे थे तथा किसानों का मानना है कि ये तीनों कानून किसानों को पूरी तरह से बर्बाद कर देंगे। लेकिन केंद्र सरकार ने किसानों की मांग को नकारते हुए तीनों कृषि बिलों को कानून दिया। जिसके बाद से ही किसानों ने तीन कृषि कानूनों को खिलाफ दिल्ली को घेरकर सडक़ों पर बैठ गए। इसी के तहत पांच जून को इन कृषि कानूनों को किसानों पर थौंपे एक वर्ष पूरा हो जाएगा, जिसके विरोध में किसानों ने देश भर में सांसदों के आवास के समक्ष इन कानूनों की प्रतियां फूंकने का फैसला लिया हैं। इसी के तहत किसान भिवानी में भी सांसद धर्मबीर सिंह के आवास के समक्ष तीन कृषि कानूनों की प्रतियां फूंकेंगे। इसी कड़ी में आज मंगलवार को कस्बा तोशाम में किसानों की मीटिंग का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता सत्यवान पंघाल ने की। किसानों की मीटिंग को संबोधित करते हुए किसान नेता राजेश लक्ष्मणपुरा ने कहा कि केंद्र सरकार ने जबरदस्ती किसानों पर ये तीनों कानून थौंपे है। उन्होंने कहा कि पांच जून को इन कानूनों को किसानों पर थौंपे हुए एक वर्ष पूरा हो जाएगा, जिसके विरोध में देश भर में किसान इन कृषि कानूनों की प्रतियां सांसद आवास के समक्ष फूंकेंगे। उन्होंने केंद्र सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि किसान अपनी मांग पूरी होने तक जीत होने पर ही घर जाएंगे, वरना गांधीवादी तरीके से सालों तक आंदोलन करते रहेंगे। लक्ष्मणपुरा ने कहा कि कृषि कानूनों की प्रतियां फूंकने के लिए जिला में 11 सदसीय कमेटी बनाई गई है, जो गांव-गांव जाकर किसानों से संपर्क साधेगी और ज्यादा से ज्यादा संख्या मेंं किसानों को एकत्रित होने का आह्वान करेगी। Post navigation आंदोलन के एक साल पूरा होने पर बर्खास्त पीटीआई ने काला दिवस मनाकर दिखाई एकता बाबा रामदेव को गिरफ्तार किया जाए: आइएमए प्रदेश अध्यक्ष