चण्डीगढ़, 31 मई – हरियाणा के स्वास्थ्य विभाग और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, हरियाणा द्वारा ‘विश्व तंबाकू निषेध दिवस’ के मौके आज पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की थीम ‘कमिट टू क्विट’ को तंबाकू के आदी लोगों के नाजुक मन में बैठाने के मकसद से ‘विश्व तंबाकू निषेध दिवस 2021, अभियान’ का शुभारम्भ किया गया।

डिजिटल तौर पर आयोजित किए गए कार्यक्रम के दौरान कई वक्ताओं ने तंबाकू का सेवन करने वाले व्यक्ति के स्वास्थ्य और समाज पर इसके सेवन के पडऩे वाले प्रतिकूल प्रभावों पर गहन चर्चा की।

स्वास्थ्य सेवाएं महानिदेशक, हरियाणा, डॉ. वीना सिंह ने तंबाकू का सेवन करने वालों से ‘कमिट टू क्विट’ थीम का पालन करने का संकल्प लेने का आग्रह किया। राज्य के अंदरूनी हिस्सों में जाकर तंबाकू मुक्त राज्य सुनिश्चित करने और इसके दुष्प्रभावों के बारे में जागरूकता फैलाने के मकसद से शुरू किए गए इस अभियान का उद्घाटन करते हुए उन्होंने कहा कि कोविड के मौजूदा हालात में तंबाकू छोडऩा बेहद महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि विभाग ने कंवलप्रीत सिंह, ओजस्वी शर्मा और स्वतंत्र भारत जैसी मशहूर हस्तियों को भी जोड़ा है जिनसे इस अभियान को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। कार्यक्रम के दौरान 2 मिनट का एक वीडियो भी चलाया गया जिसमें खास तौर पर कोविड-19 के दौरान स्वस्थ शरीर के लिए तंबाकू छोडऩे पर बल दिया गया है।

अपने संबोधन में डॉ. वीना सिंह ने कहा कि तीन शब्द ‘कमिट टू क्विट’ आज के दिन का सार हैं लेकिन इनका पालन करना मुश्किल है। उन्होंने बताया कि जो लोग नियमित रूप से धूम्रपान करते हैं, उनमें रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है और उन्हें इसे छोड़ देना चाहिए। उन्होंने बताया कि राज्य में पंचकूला, कुरुक्षेत्र, अंबाला और गुरुग्राम में चार तंबाकू निषेध केंद्र हैं, जो तंबाकू का सेवन करने वालों को इसे छुड़वाने में मदद करते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे केंद्र जल्द ही राज्य के सभी 22 जिलों में खोले जाएंगे। इसके अलावा, राज्य में कई जागरूकता अभियान भी चलाए गए हैं।

एडीजीएचएस, हरियाणा, डॉ. वी.के. बंसल ने कहा कि तंबाकू स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है क्योंकि इसका सेवन करने वाले को आर्थिक नुकसान होने के अलावा कैंसर, पथरी, हृदय संबंधी समस्याएं होने का भी खतरा होता है। राज्य मानसिक स्वास्थ्य एवं तंबाकू कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. एम.पी. शर्मा ने एक प्रस्तुति दी जिसमें उन्होंने तंबाकू छोडऩे के तरीकों और इससे निपटने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली विभिन्न तकनीकों पर विस्तार से बताया गया। इसके बाद उच्च शिक्षा विभाग, हरियाणा की संयुक्त निदेशक डॉ. अंजू मनोचा ने भी एक प्रस्तुति के माध्यम से, साथियों के दबाव समेत उन कारकों की ओर इशारा किया जो किशोरों को तंबाकू सेवन के लिए प्रेरित करते हैं और इससे निपटने के तरीके सुझाए।

कार्यक्रम में 200 प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिनमें प्रदेशभर के जिलों के डॉक्टर और छात्र शामिल थे। कार्यक्रम का आयोजन तंबाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ, हरियाणा द्वारा उच्च शिक्षा विभाग, रोटरी चंडीगढ़ मिडटाउन और जनरेशन सेवियर ऑर्गेनाइजेशन के सहयोग से किया गया था। राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम की स्टेट नोडल अधिकारी डॉ. रीटा कोतवाल ने शिक्षा विभाग हरियाणा के साथ मिलकर कार्यक्रम का आयोजन किया। राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों को बढ़ावा देने हेतु नोडल अधिकारी डॉ. रीता कालरा और राज्य तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम से डॉ. गुलशन ने कार्यक्रम की मेजबानी की।

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