भिवानी/मुकेश वत्स

 प्रदेश भर में कोरोना महामारी से प्रभावित लोगों को सरकार द्वारा विभिन्न सहायता मुहैया करवाई जा रही है। लेकिन कोरोना महामारी के दौरान भी अपने भविष्य को दांव पर लगाकर रोजगार की मांग को लेकर सडक़ों पर बैठै बर्खास्त पीटीआई की तरफ सरकार का बिल्कुल भी ध्यान नहीं है। प्रदेश सरकार ने महामारी के दौरान भी बर्खास्त पीटीआई को मरने के लिए छोड़ दिया हैं।

यह बात पीटीआई संघर्ष समिति के कोषाध्यक्ष अनिल तंवर ने धरनारत्त पीटीआई को संबोधित करते हुए कही। तंवर ने कहा कि कोरोना महामारी के कहर से पीटीआई भी अछूते नहीं रहे है। कई पीटीआई कोरोना संक्रमण से प्रभावित हुए है तो कई पीटीआई ने अपने परिजनों को इस महामारी के चलते खो चुके है। वही कोरोना की चपेट में आने से तथा मानसिक तनाव के चलते कई पीटीआई की भी मौत हो चुकी है। लेकिन फिर भी प्रदेश सरकार अपने वायदाखिलाफी पर अड़ी हुई हैं। उन्होंने प्रदेश सरकार से बर्खास्त पीटीआई की जल्द बहाली की मांग की। तंवर ने कहा कि एक जून को पीटीआई की बर्खास्तगी को एक वर्ष पूरा हो जाएगा, जिसके विरोध में प्रदेश भर में बर्खास्त पीटीआई काला दिवस मनाते हुए उपायुक्तों के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपेंगे तथा सीएम को अपना वायदा याद दिलाएंगे जो उन्होंने बर्खास्त पीटीआई से उनकी बहाली को लेकर किया था। इस मौके पर उन्होंने कहा कि जब तक उनकी बहाली नहीं हो जाती, पीटीआई का संघर्ष जारी रहेगा।

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