भिवानी/धामु

एक तरफ जहां कोरोना की दूसरी लहर ने देश को हिलाकर रख दिया। लोग मदद के लिए मारे-मारे फिर रहे हैं। महामारी का डर व खौफ इतना है कि अपने ही अपनो को अस्पतालों में संभालने नहीं जा रहे। वही दूसरी तरफ केंद्र सरकार की हठधर्मिता व तानाशाही के चलते देश का अन्नदाता इस महामारी के बीच भी सडक़ों पर बैठने को मजबूर हैं, लेकिन किसानों के समर्थन में कोई भी अपना हाथ पीछे नहीं कर रहे तथा किसानों के लिए हर संभव मदद की जा रही हैं। इसी के तहत आज रविवार को गांव निमड़ीवाली से किसानो के लिए खाद्य सामग्री का वाहन धरनारत्त किसानों के लिए रवाना किया गया।

इस मौके पर भारतीय किसान यूनियन के जिला प्रधान राकेश आर्य नीमड़ीवाली ने बताया की सिंधु बॉर्डर पर बैठे किसानों के लिए लकड़ी के गुटके, आटा, चीनी, सब्जी सहित अन्य खाद्य सामग्री का वाहन रवाना किया गया हैं। उन्होंने बताया कि छह माह से देश के अन्नदाता दिल्ली बॉर्डर पर तीन कृषि कानूनों के खिलाफ लगातार संघर्षरत्त है। तीनों कृषि कानूनों को रद्द किए जाने की मांग किसान कर रहे है, लेकिन केंद्र सरकार अपने हठधर्मिता व तानाशाही रवैये को अपनाते हुए किसानों की मांगों को अनसुना करती है। वही प्रदेश भर के विभिन्न गांवों से धरने पर बैठे किसानों के लिए हर संभव मदद की जा रही है। उन्होंने कहा कि जब तक सरकार तीनों काले कानून वापिस नहीं लेती, तब तक किसान घर वापिसी नहीं करेंगे तथा धरना जारी रहेेगा। इसके साथ ही जब तक तीनों कृषि कानून रद्द नहीं हो जाते, तब तक भाजपा-जजपा नेताओं का बहिष्कार भी जारी रहेगा।

उन्होंने कहा कि जब तक तीनों कृषि कानूनों को रद्द नहीं किया जाएगा, किसान भी अपना आंदोलन खत्म नहीं करेंगे। आर्य ने कहा कि पांच जून को तीन कृषि कानूनो को पूरा एक साल होने के विरोध में भाजपा के सांसद व विधायक आवास के सामने तीन कृषि कानूनों की प्रतियां जलाई जाएंगी तथा जहा पर सांसद व विधायक नहीं होंगे, वहां पर एसडीएमनिवास के सामने कृषि कानूनों की प्रतियां जलाई जाएगी।

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