हरियाणा में प्रशासनिक व राजनीतिक भ्रष्टाचार चरम पर है : विद्रोही

रेवाड़ी – 30 मई 2021 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कभी पूरे देश के बेरोजगारों को रोजगार देने वाले हरियाणा को संघीयों ने विगत साढ़े 6 सालों में इस कदर आर्थिक रूप से बदहाल कर दिया कि हरियाणा देश में आज बेरोजगारी का सिरमौर प्रदेश बन गया1 विद्रोही ने कहा बेरोजगारी पर सीएमआईई के जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार जहां देश में बेरोजगारी की दर 11.2 प्रतिशत है, वहीं 35.1 प्रतिशत बेरोजगारी दर के साथ हरियाणा पूरे देश में बेरोजगारी में नंबर-वन राज है1 पिछले 2 वर्षों से हरियाणा में बेरोजगारी दर 27 से 35 प्रतिशत के बीच झूल रही है1 और लगातार तीन वर्षों से हरियाणा पूरे देश में बेरोजगारों का सिरमौर प्रदेश बना हुआ है1 सवाल उठता है कभी पूरे देश के बेरोजगारों को रोजगार देने के लिए विख्यात हरियाणा इस बदहाल स्थिति में कैसे पहुंचा?           

 विद्रोही ने कहा कि जब से हरियाणा में अक्टूबर 2014 से भाजपा-संघी राज स्थापित हुआ है तब से लेकर आज तक विगत साढे 6 वर्षों में प्रदेश की आर्थिक स्थिति हर वर्ष बद से बदतर होती जा रही है1 वर्ष 2014 में जा हरियाणा सरकार पर विभिन्न बैंकों, वित्तीय संस्थाओं का 60 हजार करोड़ रुपए का कर्ज था वह वर्ष 2020-21 में बढक़र 2 लाख करोड रुपए से ज्यादा हो गया1 यह हालत तो तब है जब विगत 6 वर्षों में प्रदेश में भाजपा सरकार ने कोई भी बड़ा सरकारी प्रोजेक्ट स्थापित नहीं किया1 फिर यह कर्ज लिया पैसा कहा जा रहा है? साफ है कि भाजपा सरकार सुनियोजित ढंग से सरकारी खजाने पर गुपचुप चूना लगाकर प्रदेश को आर्थिक रूप से कंगाल बना रही है1                 

 विद्रोही ने आरोप लगाया कि प्रदेश में प्रशासनिक व राजनीतिक भ्रष्टाचार चरम पर है, तभी तो साढ़े छ: साल पहले जो संघी आर्थिक रूप से फटेहाल-बदहाल थे वे अब सत्ता बल पर मालामाल हो गए1 आम हरियाणवी आर्थिक रूप से बदहाल हो रहा है जबकि भाजपा व संघ की चल-अचल परिसंपत्तियां अरबों-खरबों रुपए की हो गई1 साफ है कि भाजपा-संघ कोई व्यापार तो करते नहीं जो रातों-रात उनकी चल-अचल संपत्तियों में भारी उछाल आया हो1 स्वाभाविक है कि यह सारा धन सत्ता की लूट से आया है1 प्रदेश कंगाल हो रहा है और संघी मालामाल हो रहे हैं1 प्रदेश पर कर्ज का बोझ बढ़ रहा है जबकि संघीयों की तिजोरियां लबालब भर रही है1 यह विरोधाभास मुंह बोलता प्रमाण है कि संघी सत्ता बल पर कितनी भारी लूट मचाएं हुए हैं1 इसी लूट, भ्रष्टाचार का ही यह साइड इफेक्ट है कि प्रदेश में रोजगार के अवसर लगातार घट रहे हैं और बेरोजगारी की विशाल फौज प्रदेश में बढ़ रही है1 सीएमआईई के ताजा आंकड़े इसका जीवंत प्रमाण है1 आज हरियाणा 35 प्रतिशत बेरोजगारी दर के साथ बेरोजगारी में देश का सिरमौर राज्य बन चुका है, जो सभी हरियाणवीयों के लिए शर्मनाक स्थिति है1

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