मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत दी जाएगी आर्थिक सहायता चंडीगढ़, 29 मई- हरियाणा में कोविड-19 महामारी के कारण अपने माता-पिता को खोने वाले बच्चों को सुरक्षित भविष्य देने के लिए मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने आज ‘मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना’ की घोषणा की है। इस योजना के तहत ऐसे बच्चों के पालन-पोषण और पढ़ाई के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। गैर-संस्थागत देखभाल में बच्चों के लिए वित्तीय सहायता मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुसार माता-पिता की मृत्यु के बाद जिन बच्चों की देखभाल परिवार के अन्य सदस्य कर रहे हैं, ऐसे बच्चों के पालन पोषण के लिए 18 वर्ष तक 2500 रुपये प्रति बच्चा प्रति मास राज्य सरकार की ओर से परिवार को दिए जाएंगे। इसके अतिरिक्त, 18 वर्ष तक की आयु होने तक जब तक बच्चा पढ़ाई करेगा तब तक 12,000 रुपये प्रति वर्ष अन्य खर्चों के लिए भी दिए जाएंगे। संस्थागत देखभाल में बच्चों के लिए वित्तीय सहायता मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन बच्चों के देखभाल करने के लिए परिवार का कोई सदस्य नहीं है उनकी देखभाल ‘बाल देखभाल संस्थान’ करेंगे। ऐसे बच्चों के लिए बाल देखभाल संस्थान को आर्थिक सहायता के रूप में 1500 रुपए प्रति बच्चा प्रति महीना बच्चे के 18 वर्ष की आयु होने तक राज्य सरकार की ओर से प्रदान किए जाएंगे। यह राशि आवर्ती जमा के रूप में बैंक खाते में डाल दी जाएगी और 21 वर्ष की आयु होने पर बच्चे को मैच्योरिटी राशि दे दी जाएगी। अन्य पूरा खर्चा बाल देखभाल संस्थान द्वारा वहन किया जाएगा। किशोरियों के लिए संस्थागत देखभाल और शिक्षा मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि जिन लड़कियों ने किशोरावस्था में अपने माता-पिता को खोया है, उन्हें कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में आवासीय शिक्षा मुफ्त दी जाएगी। विवाह पर लडकियों को सहायता मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना के तहत 51000 रुपये भी इन बालिकाओं के बैंक खाते में डाल दिए जाएंगे और विवाह के समय उन्हें ब्याज सहित पूरी राशि दी जाएगी। कक्षा 8-12 में बच्चे के लिए टैबलेट श्री मनोहर लाल ने घोषणा की कि कक्षा 8वीं से 12वीं के बीच या व्यावसायिक पाठ्यक्रम में किसी भी कक्षा में पढऩे वाले बच्चों को उनकी शिक्षा में सहायता के लिए एक टैबलेट प्रदान किया जाएगा । Post navigation हरियाणा में कोरोना की आपदा से निपटने में सरकार के साथ नजर आया कॉर्पोरेट जगत दैनिक भास्कर समाचार पत्र के रिपोर्टर द्वारा जो खबरें छापी गई हैं, वह पूर्ण रूप से भ्रामक हैं : डॉक्टर गजेंद्र सिंह