मुख्यमंत्री मनोहर लाल के प्रयोग बने कोरोना से निपटने में सफलता की सीढ़ी
मुख्यमंत्री की अपील पर एकजुट नजर आया कार्पोरेट जगत
सरकारी अस्पतालों में नए प्लांट से लेकर चार आक्सीट्रक्स की मिली मदद
सीएसआर फंड से प्रदेशवासियों को मिली  कोरोना उपचार में स्वास्थ्य संसाधनों की बड़ी राहत

चण्डीगढ़, 29 मई। हरियाणा में कोविड 19 वैश्विक महामारी के खिलाफ लड़ाई में राज्य सरकार के साथ कॉर्पोरेट सेक्टर पूरी तरह तत्पर नजर आया है। प्रदेश में स्थापित बहुराष्ट्रीय कंपनियों, बड़े व्यावसायिक व औद्यिगक समूहों ने कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (सी.एस.आर.) गतिविधियों के तहत स्वास्थ्य केंद्रों तक ऑक्सीजन पहुंचाना, कोविड केयर सेंटर व मेक शिफ्ट अस्पतालों का निर्माण, मरीजों के लिए वेंटीलेटर, आक्सीजन सिलेंडर व एंबुलेंस वाहन, चिकित्सकों व अन्य स्वास्थ्य कर्मियों के लिए पीपीई किट उपलब्ध करवाने, सेनेटाइजर, मास्क, दवाएं व अन्य आवश्यक सामग्री उपलब्ध करवाते हुए प्रदेशवासियों के स्वास्थ्य की सुरक्षा सुनिश्चित की।

कॉर्पोरेट सेक्टर से मिली मदद से  हरियाणा सरकार न केवल अपने ध्येय वचन सबका साथ-सबका विकास को साकार कर सकी बल्कि समाज के अंतिम व्यक्ति तक स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने में सफल साबित हुई। इतना हीं नहीं सी.एस.आर. फंड के समन्वय के लिए मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के बीते दो वर्षों में किए गए प्रयास भी आपदा के इस दौर में सफलता से फलीभूत नजर आए।

ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में सुधार से बढ़ी हरियाणा की लोकप्रियता

ऐसे ही एक प्रयास के तहत मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को गुरुग्राम के तीन सरकारी अस्पतालों में चार ऑक्सीजन उत्पादन प्लांटों का वर्चुअली उदघाटन किया। मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड के सहयोग से गुरुग्राम में सिविल अस्पताल सेक्टर 10 में एक टन और आधे टन क्षमता के दो प्लांट से 100 से 150 बेड पर ऑक्सीजन की सप्लाई हो सकेगी। वहीं ईएसआई अस्पताल सेक्टर 9 ए में एक टन क्षमता और ईएसआई अस्पताल सेक्टर 3 मानेसर में एक टन क्षमता के प्लांट लगाए गए हैं। वहीं रायथोन टेक्नॉलॉजी की मदद से हरियाणा को सीएसआर एडवाइजरी बोर्ड के माध्यम से चार ऑक्सीट्रक भी मिले हैं। जर्मनी से आयातित इन ऑक्सीट्रक्स का इस्तेमाल सेना दुर्गम व संकटग्रस्त क्षेत्रों में अपने जवानों के लिए इस्तेमाल करती है। मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के प्रयासों से ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के मामले में तेजी से बढ़ते हरियाणा की आज इंडस्ट्री फ्रेंडली नीति दुनिया भर में पॉपुलर साबित हो रही है। सीएसआर गतिविधियों में तत्परता इसी नीति का परिणाम है।  

सीएम की अध्यक्षता में गठित बोर्ड से चैनलाइज हुआ सीएसआऱ फंड

मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में वर्ष 2018 में एक सीएसआर एडवाइजरी बोर्ड गठित किया गया। इस बोर्ड के गठन का उद्देश्य सीएसआर फंड के तहत होने वाले कार्यों को चैनलाइज करना था। कोविड 19 महामारी के दौरान मुख्यमंत्री की पहल पर इस बोर्ड के माध्यम से कॉर्पोरेट सेक्टर के सीएसआर फंड को कोरोना नियंत्रित करने के उपाय में भी शामिल किया गया। मुख्यमंत्री के आग्रह पर इस एडवाइजरी बोर्ड के सदस्यों ने संकट की इस घड़ी में राज्य सरकार की न केवल विभिन्न संसाधनों से मदद की बल्कि सीएसआर फंड के जरिए भी वित्तीय मदद की ताकि राज्यवासियों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए धन या किसी संसाधन की कमी न हो।

हिसार और पानीपत के अस्पतालों को मिली लाइव ऑक्सीजन सपोर्ट

कोविड-19 महामारी के दौरान एक समय ऐसा भी आया जब ऑक्सीजन की मांग तेजी से बढ़ने लगी थी। हरियाणा सरकार ने तत्परता दिखाते हुए हिसार और पानीपत में 500-500 बेड क्षमता के दो नए अस्थाई अस्पताल तैयार किए। इन अस्पतालों में ऑक्सीजन की आपूर्ति का तत्कालिक समाधान भी हिसार स्थित जिंदल इंडस्ट्री व पानीपत में इंडियन ऑयल रिफाइनरी से निकला। इन इकाईयों से दोनों अस्पतालों को लाइव ऑक्सीजन सपोर्ट दी गई। मुख्यमंत्री व उनकी टीम के प्रयासों ने इन इकाईयों ने सी.एस.आर. के तहत प्रदेश वासियों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए बड़ी राहत दी।

मेक शिफ्ट अस्पतालों से महामारी में मिली राहत

प्रदेश में एक समय मई माह के पहले सप्ताह के उपरांत ऐसा भी आया जब स्वास्थ्य संसाधनों की मांग अधिक होने लगी। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटे इलाकों में हालात चुनौतीपूर्ण बनने लगे थे। मुख्यमंत्री ने अपनी दूरदर्शिता का परिचय देते हुए इस लड़ाई में कॉर्पोरेट सेक्टर को भी शामिल किया। गुरूग्राम की ही बात करें तो वेदांता, एमथ्रीएम, हीर, मैनकाइंड आदि के माध्यम से 500 बेड से अधिक क्षमता के मेक शिफ्ट अस्पताल तैयार हुए। कम समय में अधिक संसाधन उपलब्ध कराकर कॉपोरेट सेक्टर ने कोरोना महामारी के खिलाफ जारी लड़ाई में पीड़ितों के उपचार में बड़ी राहत पहुंचाई।

वित्तीय सहायता से लेकर स्वास्थ्य संसाधनों की भरपूर मदद

हरियाणा सरकार ने कोरोना महामारी से बचाव के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए। कार्पोरेट जगत ने भी इस दौर में खुलकर सरकार का साथ दिया। बीते वर्ष जी-एंटरटेनमेंट समूह ने कोरोना मरीजों के लिए 20 एंबुलेंस वाहन उपलब्ध कराए, वहीं मारूति उद्योग ने भी वेंटिंलेटर्स, पावर ग्रिड समूह ने एडवांस लाइफ सपोर्ट सिस्टम (ए.एल.एस.) युक्त छः एंबुलेंस वाहन, राइट्स ने दो एएलएस एंबुलेंस के अतिरिक्त हीरो मोटोकार्प, टाटा संस, होंडा, पारले, महिंद्रा, सीआईआई, एसोचैम, स्ट्डस, इंडसइंड बैंक, डीएलएफ आदि समूहों ने खुलकर पीपीई किट, सर्जिकल व एन-95 मास्क, सेनेटाइजर, आईग्लास, शू वियर आदि अनेक संसाधनों से सरकार की मदद की। इतना हीं नहीं सीएसआर एडवाइजरी बोर्ड के माध्यम से कॉर्पोरेट सेक्टर से सरकार को छः करोड़ 31 लाख 38 हजार 698 रुपए की वित्तीय सहायता कोरोना से लड़ाई के लिए मिली।

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