चंडीगढ़, 29 मई- दैनिक भास्कर समाचार पत्र के रिपोर्टर द्वारा आज 29 मई, 2021 को जो पीजीआईएमएस, रोहतक के खिलाफ खबरें ‘इंजेक्शन की कमी से सर्जरी रुकी, हालत बिगडऩे पर एक-एक करके दम तोड़ रहे मरीज’ व दूसरी खबर ‘टीके का टोटा-बेड फुल; 112 बेड पर ब्लैक फंगस के 123 मरीज’ शीर्षक से जो खबरें छापी गई हैं, वह पूर्ण रूप से भ्रामक हैं।      

ऐसा प्रतीत होता है कि यह खबर जानबूझकर छापी गई है कि इस करोना व ब्लैक फंगस महामारी में पीजीआईएमएस की छवि खराब हो तथा मरीज प्राइवेट अस्पताल में इलाज करवाने जाए। अन्यथा क्या कारण हो सकता है कि करीब 2200 से ज्यादा बेड के पीजीआईएमएस अस्पताल में कभी बेड का टोटा मरीजों के लिए हो जाए। जैसे-जैसे ब्लैक फंगस के मरीजों की संख्या बढ़ रही है, उसी हिसाब से अधिकारियों द्वारा समय-समय पर राउंड करके निर्धारित बेड की संख्या भी बढ़ाई जा रही है, जो कि शुरुआत में 20 बेड की संख्या से निर्धारित की गई थी। उसके बावजूद भी ‘112 बेड पर 123 मरीज’ हेडिंग में दर्शाने से ऐसा प्रतीत होता है कि पीजीआईएमएस में तो एक बेड पर दो मरीज लेटाए गए हैं। इससे लोगों में पीजीआईएमएस में अच्छी देखभाल व इंफेक्शन होने का मन में डर पैदा होता है।      

दैनिक भास्कर के पत्रकार द्वारा अपनी खबर में दर्शाया गया है कि चिकित्सक ऑपरेशन ना करने के लिए बेहोशी विभाग व अधिक शुगर होने का तर्क दे रहे हैं जबकि अगर उन्हें थोड़ी सी भी चिकित्सा क्षेत्र की जानकारी होती तो उन्हें पता होना चाहिए कि मरीज की शुगर ज्यादा होती है तो ऐसे में ऑपरेशन के लिए बेहोशी विभाग द्वारा फिटनेस नहीं दी जाती क्योंकि इससे मरीज को जान का खतरा पैदा हो सकता है। इसलिए पीजीआईएमएस प्रशासन ऐसी मनगढ़ंत खबरों का सिरे से खंडन करता है ।

वहीं दूसरी खबर में दैनिक भास्कर द्वारा दर्शाया गया है कि ईएनटी विभाग के वरिष्ठ चिकित्सक ने अन्य अस्पतालों को 123 व्हाईल इंजेक्शन जारी कर दिए और पीजीआईएमएस में एक भी इंजेक्शन मरीजों को नहीं दिया जबकि हम यह बताना चाहते हैं कि हरियाणा सरकार द्वारा इंजेक्शन मरीज के नाम से भेजे जा रहे हैं और किसी मरीज का इंजेक्शन किसी दूसरे मरीज या दूसरे अस्पताल में नहीं दिया जाता। संस्थान में मरीज से बाहर से इंजेक्शन नहीं मंगवाए जाते और जैसे ही सरकार की तरफ से मरीज के लिए इंजेक्शन आते हैं तुरंत प्रभाव से रात को 1:00 बजे भी स्टोर से इंडेंट करवा कर तुरंत प्रभाव से मरीज को लगाए जाते हैं।      

जनसंपर्क विभाग के कार्यकारी इंचार्ज डॉ गजेंद्र सिंह ने कहा कि वह दावे के साथ कह सकते हैं कि पीजीआई में चिकित्सक कभी यह नहीं कह सकते कि वह सर्जरी कर रहे हैं इंजेक्शन का इंतजाम खुद करो इसलिए यह दोनों खबरें ही मनगढ़ंत है और दैनिक भास्कर को इन खबरों का खंडन छापना चाहिए तथा भविष्य में इस प्रकार की खबरें लिखने से बचें ताकि लोगों में भय और डर का माहौल इस महामारी के दौरान पैदा ना हो। एक अच्छा पत्रकार होने के नाते हमारा धर्म बनता है कि हम लोगों में सकारात्मक ऊर्जा पैदा करें उनके अंदर से डर- भय का माहौल खत्म करें और सरकारी तंत्र के प्रति विश्वास जगाए ना कि सरकारी तंत्र को बुरा बताकर प्राइवेट अस्पतालों की तरफ मरीजों को भेेंजे।      

डॉक्टर गजेंद्र सिंह ने कहा कि स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय प्रमाणित करता है कि कुलपति डॉ ओ पी कालरा, कुलसचिव डॉ एच के अग्रवाल, निदेशक डॉ रोहतास यादव, चिकित्सा अधीक्षक डॉ पुष्पा दहिया के दिशा निर्देशन में ईएनटी, नेत्र रोग विभाग, मेडिसन, एनेस्थीसिया व डेंटल विभाग की टीम पूरी तत्परता के साथ, जिसमें चिकित्सक, स्टाफ नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी सहित सभी कर्मचारी शामिल हैं, अपनी पूरी निष्ठा और लगन के साथ मरीजों की सेवा कर रहे हैं ताकि इस महामारी से लोगों को निजात दिला उन्हें जल्द स्वस्थ कर घर भेजा जा सके।

डॉ गजेंद्र सिंह ने कहा कि हम आशा करते हैं कि कोई भी पत्रकार अपने निजी कारणों से संस्थान की बेबुनियादी बुराई ना लिखें जिससे मरीजों का अहित होता हो।