कितलाना टोल पर 156वें दिन पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय चौधरी चरण सिंह को किया गया याद
चरखी दादरी जयवीर फोगाट
29 मई – पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह कहते थे कि देश की खुशहाली का रास्ता खेत और खलिहानों से होकर गुजरता है। उसके ठीक विपरीत आज के हुक्मरान किसान और मजदूर को कुचलने पर तुले हैं। यह बात वक्ताओं ने कितलाना टोल पर चल रहे किसानों के अनिश्चितकालीन धरने पर चौधरी चरण सिंह की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चौधरी चरण सिंह के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि जमींदारी प्रथा को खत्म करने का श्रेय चौधरी चरण सिंह को जाता है। जिससे गरीब किसान को जमीन का अधिकार मिला। उनके कुशल नेतृत्व में ही खेती को आगे बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय कॄषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) की स्थापना हुई। जबकि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी जुंडली का पूरा ध्यान महज अपने पूंजीपति मित्रों के हित साधने पर लगा है। यही वजह है कि सरकार कृषि क्षेत्र में उनकी पकड़ बनाने के लिए तीन काले कानून लेकर आई है जिसके खिलाफ छह महीने से देश भर के किसान मजदूर संघर्ष कर रहे हैं।
संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर कितलाना टोल पर धरने के 155वें दिन खाप सांगवान चालीस के सचिव नरसिंह डीपीई, फौगाट खाप उन्नीस के शमशेर फौगाट, श्योराण खाप के प्रधान बिजेंद्र बेरला, किसान सभा के रामफल देशवाल, सुभाष यादव, गंगाराम श्योराण, प्रताप सिंहमार, मास्टर राजसिंह जताई, प्रेम शर्मा, संतोष देशवाल, राजबाला कितलाना ने संयुक्त रूप से अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि चौधरी चरण सिंह ने आजादी की लड़ाई में अहम योगदान रहा था। उन्होंने महात्मा गांधी की अगुवाई में चले सविनय अवज्ञा आंदोलन में बढ़चढ़कर भाग लिया और जेल भी काटी।
इस मौके पर कामरेड सतबीर सिंह, डॉ ओमप्रकाश, बलजीत फौगाट, राजू मान, कमल प्रधान, सुरेन्द्र कटारिया ने अपने विचार रखे। इस अवसर पर कामरेड ओमप्रकाश, मास्टर ताराचंद चरखी, सुरजभान सांगवान, सुरेन्द्र कुब्जानगर, आजाद सिंह, राजकुमार हड़ौदी, बलबीर बजाड़, रणधीर कुंगड़, जोरावर सांगवान, सुशील धानक, सूबेदार सतबीर सिंह, सत्यवान बलियाली, होशियार सिंह नकचुंडी, बलजीत मानकावास, कप्तान रामफल, सत्यवान कालुवाला इत्यादि मौजूद थे।