कितलाना टोल पर 154वें दिन धरने पर नए कानून को लेकर किसानों में आक्रोश

चरखी दादरी/भिवानी जयवीर फोगाट

27 मई, हरियाणा सरकार ने गत विधानसभा सत्र में जो संपत्ति क्षतिपूर्ति विधेयक पास किया था उस पर राज्यपाल ने मोहर लगाकर उसे कानून बना अपनी मानसिकता स्पष्ट कर दी है। यह बात कितलाना टोल पर चल रहे किसानों के धरने को सम्बोधित करते हुए वक्ताओं ने कही। उन्होंने कहा कि इसकी आड़ में सरकार ने आंदोलन को असफल करने का षड्यंत्र रचा है जो सफल नहीं होगा। उन्होंने कहा कि सबसे पहले प्रदेश के मुख्यमंत्री और पूरे मंत्रिमंडल पर मुकदमा दर्ज होना चाहिए जिनके निर्देश पर किसान आंदोलन के दौरान प्रदेश के कई राष्ट्रीय राजमार्ग तक खोदे गए।         

  दादरी से निर्दलीय विधायक और खाप सांगवान चालीस के प्रधान सोमबीर सांगवान ने कहा कि सरकार किसानों को भड़काने का प्रयास कर रही है। सरकार ने कई मौकों पर किसानों और जवानों को आमने सामने किया है। उन्होंने कहा कि इस कानून का मकसद किसानों में भय पैदा करना है। लेकिन इसमें कामयाब नहीं होगी। उन्होंने कहा कि किसान तीन काले कानून रद्द होने तक किसी हालात में वापिस नहीं हटेंगे।        

संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर कितलाना टोल पर धरने के 154वें दिन खाप सांगवान चालीस के सचिव नरसिंह डीपीई, श्योराण खाप के राजकुमार हड़ौदी, किसान सभा के रामफल देशवाल, बलबीर बजाड़, ओमप्रकाश दलाल, कृष्णा छपार, संतोष देशवाल, प्रेम शर्मा ने संयुक्त रूप से अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि किसान मजदूर की एकजुटता से आंदोलन अपनी चरम सीमा को छू रहा है। उन्होंने रिटायर्ड कर्मचारी संघ के राज्य महासचिव रमेश चन्द्र जग्गा के निधन पर गहरा दुख प्रकट करते हुए शोक संतप्त परिवार के लिए हार्दिक संवेदनाएं प्रकट की।            

 इस अवसर पर किसान सभा के राज्य महासचिव सुमित दलाल, मास्टर ताराचन्द चरखी, जयबीर सिंह सांगवान, सुरेन्द्र कुब्जानगर, मास्टर शेरसिंह, जगदीश हुई, राजबीर फौगाट, पवन फौगाट, छात्र नेता सुरेन्द्र घनघस, रघबीर स्वामी, शमशेर सांगवान, रणधीर कुंगड़, महेन्द्र जेवली, कप्तान रामफल डोहकी, कवंरशेर चन्देनी, मीरसिंह नीमड़ीवाली, रामानन्द धानक, बलजीत मानकावास, सत्यवान कालूवाला, सुबेदार सतवीर सिंह इत्यादि मौजूद थे।

error: Content is protected !!