सत्ता अहंकार में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर किसानों को नीचा दिखाने व उन्हें अपमानित, प्रताडि़त करने का कोई भी मौका नहीं चूकते1हिसार में अस्थाई कोविड अस्पताल के उद्घाटन पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का विरोध करने पर किसानों पर हरियाणा सरकार का दमनकारी व्यवहार इसका जीता जागता ताजा जीवंत उदाहरण : विद्रोही

रेवाड़ी, 24 मई 2021 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने हरियाणा विशेषकर दक्षिणी हरियाणा के लोगों से अपील की तीन काले कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत किसानों को न्याय दिलवाने संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर प्रदेश के हर गांव, शहर, कस्बे में 26 मई को काला दिवस मनाकर, काले झंडे लेकर प्रदर्शन करके किसानों की न्याय संगत लड़ाई को जनसमर्थन दे1               

विद्रोही ने कहा कि विगत 6 माह से अन्नदाता किसान दिल्ली बॉर्डर पर धरने पर बैठे हैं1 लेकिन सत्ता अहंकारी मोदी-भाजपा-संघी सरकार उनकी बात सुनकर काले कृषि कानूनों को वापस लेकर किसान आंदोलन को समाप्त करवाने की बजाए सत्ता दुरुपयोग से तिकड़मे में करके आंदोलित किसानों को प्रताडि़त कर रही है1 किसानों को लूटकर चंद पूंजीपतियों की तिजोरी या भरने व उनका कृषि व्यापार पर कब्जा करवाने के लिए मोदी सरकार सत्ता दुरुपयोग से हर संभव कुप्रयास कर रही है1 ऐसी स्थिति में हर नागरिक का यह नैतिक दायित्व है कि अन्नदाता किसान का साथ देकर उसको न्याय दिलवाने व भाजपा सरकार को किसान विरोधी कृषि कानूनों को वापस लेने को बाध्य करे1   

विद्रोही ने आरोप लगाया किसानों पर फर्जी मुकदमे लादने, वादों, समझोतो से मुकरने में हरियाणा भाजपा सरकार केंद्रीय मोदी सरकार से भी दो कदम आगे है1 सत्ता अहंकार में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर किसानों को नीचा दिखाने व उन्हें अपमानित, प्रताडि़त करने का कोई भी मौका नहीं चूकते1 हिसार में अस्थाई कोविड अस्पताल के उद्घाटन पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का विरोध करने पर किसानों पर हरियाणा सरकार का दमनकारी व्यवहार इसका जीता जागता ताजा जीवंत उदाहरण है1               

विद्रोही ने कहा कि पुलिस व किसानों के बीच समझौता होने व किसानों के खिलाफ कोई भी मुकदमा दर्ज न करने की आपसी सहमति के बाद भी हिसार पुलिस लाठी चार्ज घटना चक्र पर हरियाणा भाजपा सरकार के निर्देश पर पुलिस द्वारा धारा 307 सहित विभिन्न संगीन धाराओं में किसानों के खिलाफ मुकदमे दर्ज करना प्रमाण है कि भाजपा सरकार के किसी भी वादे, समझौते पर विश्वास नहीं किया जा सकता1 भाजपा सरकार बार-बार अपनी कही बात, वादे पर मुकरती रहती है1 ऐसी स्थिति में किसानों के पास आंदोलन करके विरोध करने अलावा विकल्प भी क्या है? विद्रोही ने प्रदेश के लोगों से अपील की कि वे इस संकट की घड़ी में किसानों का साथ दें1 व संयुक्त मोर्चा के आह्वान पर पूरे हरियाणा के चप्पे-चप्पे पर 26 मई को काला दिवस मनाकर, काले झंडों के साथ भाजपा सरकार के विरुद्ध रोष प्रदर्शन करके काले कृषि को वापिस लेने, स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट अनुसार सी-2 जमा 50 प्रतिशत फार्मूले के तहत न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करने व न्यूनतम समर्थन मूल्य गारंटी कानून बनाने की मांग करके अन्नदाता किसान का कर्ज चुकाएं1             

 वहीं विद्रोही ने दक्षिणी हरियाणा के लोगों से विशेष रूप से आग्रह किया वे सरकार भक्ति छोडक़र अपना किसान धर्म निभाते हुए 26 मई को काला दिवस मनाकर, काले झंडों के साथ  क्षेत्र के हर गांव, शहर, कस्बे में किसानों के समर्थन में रोष प्रदर्शन करके आन्दोलनरत किसानों का साथ दे1

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