17 साल बाद भी 2003 से पहले स्थापित अस्थाई मान्यता प्राप्त स्कूलो को लगी हाथ निराशा. हरियाणा प्राइवेट स्कूल चिल्ड्रन वेलफेयर ट्रस्ट (HPSWT) के बैनर तले प्रदेश भर के निजी स्कूल संचालक करेंगे विरोध प्रदर्शन हिसार – हरियाणा में बीजेपी सरकार ने दो दिन पहले अस्थाई मान्यता प्राप्त ओर गैर मान्यता प्राप्त स्कूलो के लिए मान्यता लेने बारे नई शिक्षा नियमावली 2003 को संसोधित करके जारी किया हैं जिसमे प्राइमरी मिडल हाई ओर वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल के लिए अलग अलग भूमि मानक जारी किए हैं भूमि मानकों में कुछ राहत देकर प्राइवेट स्कूलो को कुछ राहत अवश्य प्रदान की हैं क्योंकि हरियाणा के सभी प्राइवेट स्कूल लम्बे अरसे से मान्यता लेने सम्बंधी नियमो के सरलीकरण की मांग लम्बे समय से कर रहे हैं। हरियाणा में 2003 से पहले प्राइवेट स्कूल खोलने के लिए शिक्षा विभाग में कोई नियम नही थे जब हरियाणा में इनेलो की सरकार बनी तो उस समय प्राइवेट स्कूल खोलने के लिए नए नियम निर्धारित किये गए जिससे बहुत से स्कूल किसी कारणवश स्थाई मान्यता लेने से वंचित रह गए और 2003 ओर संसोधित 2007 से अब तक अस्थाई मान्यता के तौर पर चल रहे हैं। प्राइवेट स्कूलो के लिए नए नियम आने के बाद हरियाणा में कांग्रेस की सरकार बन गई और 2003 से पहले पिछले 40 सालो से भी ज्यादा समय से चल रहे अस्थाई मान्यता वाले स्कूलों ने हुड्डा सरकार से उन्हें स्थाई मान्यता देने की मांग की तब तक हजारो और ज्यादा ऐसे स्कूल खुल चुके थे, जिन्हें स्कूल खोलने की परमिशन दी जा चुकी थी लेकिन हुड्डा सरकार ने 2007 से पहले ऐसे उन सभी अस्थाई मान्यता और परमिशन को एक ही कैटगरी में रख दिया और 2003 से पहले स्थापित अस्थाई मान्यता और परमिशन को एक ही मान लिया गया। 2003 से पहले अस्थाई मान्यता वाले स्कूलो का एक प्रतिनिधिमण्डल जब उस समय रहे पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा से मिला तो हुड्डा साहब ने 2003 से पहले स्थापित स्कूलों को स्थाई मान्यता देने की सहमति दे दी लेकिन किन्ही कारणों से बात दब गई और उस समय की 2003 से पहले वाले अस्थाई मान्यता वाले स्कूलो की मांग मांग ही बनकर रह गई। हरियाणा में 2014 के विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने अपने घोषणा पत्र में प्राइवेट स्कूलो को राहत देने की बात कही थी ओर उस समय हरियाणा बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष एव पूर्व शिक्षा मंत्री ने भी प्राइवेट स्कूलों के साथ सहमति दी थी ओर ज्यो हैं जैसे हैं के आधार पर स्थाई मान्यता बारे अपने घोषणा पत्र में राहत बारे कहा था अब बार बार प्राइवेट स्कूल नियमो में सरलीकरण की मांग कर रहे थे अब सरकार द्वारा नए नियमो बारे अधिसूचना जारी करने की बात कही गई हैं और जल्द ही उन्हें अमलीजामा पहना दिया जायेगा जिसे शिक्षा विभाग ने प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी हैं। सर्व हरियाणा प्राइवेट स्कूल संघ के प्रदेशाध्यक्ष ओर हरियाणा प्राइवेट स्कूल चिल्ड्रन वेलफेयर ट्रस्ट के अध्यक्ष सुशील नागपाल ने साझा बयान जारी करते हुए बताया की हरियाणा सरकार द्वारा प्राइवेट स्कूलो की मान्यता लेने बारे जिस प्रस्ताव बारे शिक्षा विभाग द्वारा मंजूरी दी गई हैं यह 2003 से संशोधित 2007 से पहले स्थापित अस्थाई मान्यता प्राप्त स्कूलो के लिए लागु करना गलत हैं क्योंकि 2003 से पहले मान्यता लेने सम्बन्धी कोई नियम नही थे और ये सभी ऐसे स्कूल है जो लगभग पिछले 30 से 40 सालो से चल रहे हैं अगर उन पर नए नियम थोपे गए तो ये उन पिछले 40 सालो से ज्यादा समय से चल रहे स्कूलो का हनन होगा और वे बन्द हो जायेगे जिससे उनके सामने रोजी रोटी के लाले पड़ जायेगे जब 2003 से पहले शिक्षा विभाग के पास स्कूल खोलने के नियम ही नही थे तो उन पर नए नियम क्यों थोपे जा रहे हैं । सरकार से हम यह मांग करते हैं की 2003 से पहले संशोधित 2007 के सभी अस्थाई एव परमिशन मान्यता प्राप्त स्कूलो को एक मुश्त स्थाई मान्यता दी जाए या उन्हें हरियाणा में गेस्ट अध्यापको की तर्ज पर 10 साल की एक मुश्त मान्यता दी जाए ताकि सभी स्कूल संचालको के मन में जो भय का माहौल बना हुआ हैं वह दूर हो सके। वही पहले ही कोरोना के कारण हरियाणा के अधिकतर प्राइवेट स्कूल आर्थिक तौर पर टूट चुके हैं इसके साथ साथ नरेंद्र सेठी ओर सुशील नागपाल ने कहा कि कोरोना के कारण हरियाणा के प्राइवेट स्कूल काफी दिनों से बन्द पड़े हैं इसके कारण बिजली के बिलों में राहत प्रदान करने के साथ साथ स्कूलो की बस नही चलने के कारण बसों ईएमआई माफ करने के साथ ही 134 ए की बकाया राशि भी जल्द से जल्द जारी करने की मांग की सरकार से प्राइवेट स्कूलो की यूनियन सर्व हरियाणा प्राइवेट स्कूल संघ एव हरियाणा प्राइवेट स्कूल चिल्ड्रन एंड वेलफेयर ट्रस्ट की मांग हैं की 2003 संशोधित 2007 से पहले के सभी अस्थाई मान्यता प्राप्त स्कूलो को एक मुश्त स्थाई मान्यता दी जाए नही तो यूनियन हरियाणा में सभी स्कूल संचालको से मिलकर आगे की रणनीति तय करेंगे और पहले से चल रहे हरियाणा के किसी भी अस्थाई मान्यता प्राप्त प्राइवेट स्कूल को बन्द नही होने दिया जाएगा इस अवसर पर नरेंद्र सेठी, सुशील नागपाल के साथ साथ अजित यादव, ईश्वर इंसा, शशि सहगल, संजय धवन, प्रकाश पुनिया, मनोज पुनिया, राजेश सहरावत, सुभाष खरार, सतबीर गहरवाल, राजबीर भाटिवल, विनोद चौहान जेपी पाहवा , धर्मबीर भयान, होशियार सिंह भयान ने भी अपने विचार व्यक्त किये Post navigation ऊंचे रेट पर डीएपी खरीदने वाले किसानों और दुकानदारों के नुकसान की भरपाई करे सरकार- हुड्डा ब्लैक और व्हाईट फंगस के इलाज का सारा खर्चा उठाये सरकार – दीपेंद्र हुड्डा